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क्या सचमुच हनुमान चालीसा में छुपी है पृथ्वी से सूर्य की दूरी?

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू?

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2 जुलाई 2018 (Updated: 2 जुलाई 2018, 05:58 IST)
Updated: 2 जुलाई 2018 05:58 IST
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30 अक्टूबर 1990 को 'अंतिम कारसेवा' का दिन तय किया गया. बहुत सोच समझ कर ये दिन तय किया गया था. इसी दिन अयोध्या में पंचकोसी परिक्रमा होनी थी. अयोध्या में प्रतिबंध के बावज़ूद कारसेवक घुस गए. मुलायम सिंह के आदेश पर पुलिस ने कारसेवकों पर गोलियां चला दी.
मुलायम सिंह कारसेवकों पर गोली चलाने के अपने फैसले पर बहुत पछताते हैं. इसी के बाद से मुलायम सिंह को विरोधी 'मुल्ला मुलायम' के  नाम से चिढ़ाने लगे.
लेफ्ट - मुस्लिम टोपी लगाए मुलायम सिंह. राईट - बजरंग दल के हथियारबंद कारसेवक.
लेफ्ट - मुस्लिम टोपी लगाए मुलायम सिंह. राईट - बजरंग दल के हथियारबंद कारसेवक.

अक्सर सवाल उठता है कि मुलायम की जगह कोई और मुख्यमंत्री होता तो क्या करता? मुलायम सिंह की जगह कोई और मुख्यमंत्री होता तो सबसे पहले ये पता करता - पांच कोस होता कितना है?

परिक्रमा से जुड़े ये सवाल भी हो सकते हैं

जब हम परिक्रमा करने जाते हैं. तो कितना वेट लूज़ करते हैं? कितनी कैलोरी बर्न करते हैं? हो सकता आपका फिटनेस ऐप आपको बता दे. मगर क्या आप पेपर पर हिसाब लगा सकते हैं? हिसाब के लिए बस दो नंबरों का गुणा करना है.
एक किलोमीटर में कितनी कैलोरी बर्न होती है x आपने कितने किलोमीटर की परिक्रमा की
लेकिन अपन ने तो गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा की है. किलोमीटर में क्या पता कितना होगा. तो बेसिक सवाल यही है.
एक कोस माने कितने किलोमीटर?
हमें पता नहीं है. हम गोल-गोल घूमे जा रहे हैं. जीवन की परिक्रमा से थोड़ा समय उधार ले कर पता करने की कोशिश करते हैं -
# बांग्लादेश से शुरू उत्तर भारत से गुज़रता हुआ अफगानिस्तान में जा कर ‎2500 किलोमीटर का एक हाईवे खत्म होता है. गडकरी ने नहीं बनवाया है. बहुत पहले से मौजूद है. ग्रैंड ट्रंक रोड नाम है इसका. इसमें अपने काम का क्या है? सोलहवीं शताब्दी में शेर शाह सूरी और मुगलों ने इसी हाईवे पर कोस मीनारें बनवाईं. यानी हर कोस की पर एक मीनार तान दी. इनके बीच की दूरी है लगभग 3.2 किलोमीटर. तो इस हिसाब से एक कोस हुआ 3.2 किलोमीटर.
लेफ्ट-दिल्ली स्थित कोस मीनार. राईट-'अर्थशास्त्र' लिखने वाले चाणक्य
लेफ्ट-दिल्ली स्थित कोस मीनार. राईट-'अर्थशास्त्र' लिखने वाले चाणक्य.

# चाणक्य की लिखी किताब 'अर्थशास्त्र' में राज्यव्यवस्था, कृषि, न्याय और राजनीति के बारे में तो बहुत कुछ लिखा ही है. साथ ही उसमें बहुत सारे मापों और मानकों के बारे में भी बताया है. 'अर्थशास्त्र' की मानें तो 1 कोस माने 3.62 किलोमीटर.
# एक 'कोस' के बहुत सारे अलग-अलग इंटरप्रिटेशन हैं. अलग-अलग विद्वान कोस की वैल्यू अलग-अलग बताते हैं. और मुझे लंबी रिसर्च के बाद ये समझ आया - 
"कोस अनंत कोस वैल्यू अनंता"
आसानी के लिए अपन लोग इसको 3 किलोमीटर के लगभग मान कर चलते हैं. इससे ज्यादातर चीज़ें जस्टिफाई हो जाती हैं. जैसे कि -
गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा हुई 21 किलोमीटर की.
बृज की चौरासीकोस की परिक्रमा हुई 254 किलोमीटर की.
अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा हुई 15 किलोमीटर की.

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू?

'कोस' का एक बड़ा भाई है. उसका नाम है 'योजन'. कोस की तरह योजन की वैल्यू पर भी एकमत नहीं है. ये 12 से 15 किलोमीटर के बीच हो सकती है. लेकिन एक बात पर कोई विवाद नहीं है -
एक 'योजन' चार 'कोस' के बराबर होता है.
हनुमान चालीसा सुनी हो तो ये दोहा जरूर याद होगा.
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू ।लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।। 
हनुमान जी की तारीफ में तुलसी लिखते हैं कि
सूरज जो युग सहत्र योजन की दूरी पर है. उसे आपने मीठा फल समझ कर खा लिया.
हनुमान को सूरज खाते दिखाता एक एनीमेशन
हनुमान को सूरज खाते दिखाता एक आर्ट

इस दोहे के ज़रिए कुछ वेबसाइट और फेसबुक पोस्ट ये दावा भी करते हैं कि गोस्वामी जी ने पृथ्वी से सूरज की दूरी पहले ही निकाल दी थी. जो ये दावा करते हैं उनका तर्क ये रहता है -
12,000 दिव्य वर्ष = 4 युग = 1 महायुग (जुग का मतलब महायुग निकाल लिया है) 1 सहस्त्र = 1000 1 योजन = 8 मील = 12.8 कि.मी.
युग सहस्त्र योजन यानी 12000 1000 12.8 कि.मी. यानी 153600000 किलोमीटर यानी 15.36 करोड़ किलोमीटर.
नासा की वेबसाइट पर ये दूरी 14.96 करोड़ किलोमीटर दी है.
इसके काउंटर में कुछ लोग ये तर्क देते हैं -
# युग टाइम की यूनिट है. इसको डिस्टेंस में कैसे डाल दिया?
# युग के भी बहुत सारे अलग-अलग इंटरप्रिटेशन हैं. दिव्य वर्ष में क्यों लिया? मानव वर्ष में क्यों नहीं लिया.
# योजन की वैल्यू खुद फिक्स नहीं है. अलग-अलग शास्त्र और विद्वान योजन की वैल्यू अलग-अलग बताते हैं.
पॉइंट टू बी नोटेड माय लॉर्ड - कोस मीनारों के बीच की दूरी है 3.2 किलोमीटर. इन चार कोसों का एक योजन 12.8 किलोमीटर ही आएगा.

इंटरनेशनल सिस्टम

कोस, योजन ये सब आजकल ज्यादा चलते नहीं हैं. आजकल ज्यादातर देशों ने 'मेट्रिक सिस्टम' अपना लिया है. मेट्रिक सिस्टम का ज्यादा पॉपुलर नाम है - 'S.I. यूनिट्स' यानी 'इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ़ यूनिट्स'. भारत ने 1955 में स्टेंडर्ड ऑफ़ वेट एंड मेजर्स एक्ट पास कर मैट्रिक सिस्टम को अपना बना लिया. इसके बेस यूनिट यानी आधार माप ये होते हैं.
लंबाई के लिए मीटर (m). वजन के लिए किलोग्राम (kg). समय के लिए सेकंड (s).
इसीलिए इसे MKS सिस्टम भी बोलते हैं.
मीटर किलोग्राम सेकंड - MKS
मीटर किलोग्राम सेकंड - MKS

अंग्रेज़ जाकर भी नहीं जाते

एक्ट पास कर के सरकारें यूनिट अपनाती हैं, जनता नहीं. देख लीजिए -
बच्चन की ऊंचाई 6 फुट 1 इंच है.
जी.के. फैक्ट - क्रिकेट की पिच की लंबाई 22 यार्ड होती है.
पुलिस चौकी से आठ फर्लांग दूर हुई लूट-मार.
लाहौर अमृतसर से केवल 32 मील दूर है.
ऊपर के चार वाक्यों को दर्शाता फोटो कोलाज.
ऊपर के चार वाक्यों को दर्शाता फोटो कोलाज.

इन सब में जो यूनिट अंडरलाइन दिख रहे हैं. वे 'इम्पीरियल यूनिट्स' के नाम से पॉपुलर हैं. इम्पीरियल यूनिट्स यानी अंग्रेज शासकों के यूनिट्स. और वे जिन पर राज करते थे उन गुलामों के यूनिट्स. जब ब्रिटिश भारत पर राज करते थे. उन्होंने इन मापों को जनमानस में बहुत अच्छे से ढाल दिया था. उनके जाने के बाद भी ये हमारी भाषा में बने हुए हैं. इन यूनिट्स को समझ लेते हैं -
# सबसे छोटा इम्पीरियल यूनिट जो चलन में है वो है 'इंच'. कपड़ों से लेकर पलंग खिडकियों और दरवाजों तक के नाप इंच में. कपड़ो में एक चीज़ जो अंग्रेजों की गुलाम नहीं है. वो है चड्डी. चड्डी का नाप सेंटीमीटर में देखकर खरीदा जाता है.
नपाई की लड़ाई में इम्पीरियल यूनिट्स से लोहा मोल लेती चड्डी
नपाई की लड़ाई में इम्पीरियल यूनिट्स से लोहा मोल लेती चड्डी
# इसके बाद आता 'फुट'. एक फुट में होते हैं बारह इंच. आदमी की ऊंचाई से प्लॉट की नपाई तक का काम 'फुट' के जिम्मे है.
# मैदानों और बाकी स्टेंडर्ड इलाकों की नपाई के लिए 'यार्ड' काम में आता है. एक यार्ड में होते हैं तीन फिट. और यार्ड मीटर के लगभग बराबर होता है.
1 यार्ड = 0.91 मीटर
22 गज की पिच और मैदान दिखने भर में छोटे हैं. इन्हें मेनटेन करने में बहुत पानी खर्च होता है.
22 गज की पिच और मैदान दिखने भर में छोटे हैं. इन्हें मेनटेन करने में बहुत पानी खर्च होता है.

# 'गज' बहुत सुनने में आता है. अंग्रेजों के आने से पहले से भारतीय उपमहाद्वीप में 'गज' चलन में था. गज के बराबर होता है यार्ड. मतलब बिलकुल बराबर.
पृथ्वीराज चौहान को मुहम्मद गोरी की लोकेशन अगर बहुत ही कोड कर के बतानी थी. तो चंदन ऐसे भी कह सकता था.
चार बांस चौबीस गज यार्ड, अंगुल अष्ट प्रमाण|ता उपर सुल्तान है, मत चूको चौहान।।
पृथ्वीराज रासो के अनुसार पृथ्वी को शब्दभेदी बाण विद्या प्राप्त थी. फोटो क्रेडिट - हॉटस्टार
पृथ्वीराज रासो के अनुसार पृथ्वी को शब्दभेदी बाण विद्या प्राप्त थी. फोटो क्रेडिट - हॉटस्टार

ऊपर बता चुका हूं कि क्रिकेट की पिच 22 यार्ड लंबी होती है. इस लंबाई को 'चेन' कहते हैं. और एक यार्ड में 3 फिट होते हैं. तो क्रिकेट की पिच 66 फिट की होती है. अर्थात -
1 चेन = 22 यार्ड = 22 गज = 66 फिट.
# घर की डांट से स्कूली लड़ाई की धमकियों में सुनते आ रहे हैं.
एक लप्पड़ मारेंगे तो फर्लांग दूर गिरोगे.
'फर्लांग' भी अंग्रेजी यूनिट है. लेकिन फर्लांग किसानो का यूनिट है. इंग्लैंड के किसानों का. और पहले इसे ऐसे फिक्स किया जाता था  -
बैल बिना थके जितनी दूर तक जुताई कर सकते हैं. वो दूरी एक फर्लांग है.
फर्लांग तय करने निकले हीरा और मोती.
फर्लांग तय करने निकले हीरा और मोती.

फिर स्टेंडर्ड बने तो एक फर्लांग को 10 चेन यानी 10 क्रिकेट की पिच बराबर लंबा फिक्स कर दिया गया. इसका मतलब -
एक फर्लांग = 10 चेन = 660 फिट.
# इम्पीरियल यूनिट्स की पढ़ाई में आखिरी 'मील' का पत्थर - 'मील'. 1 मील जो है 80 चेन के बराबर होता है. यानी 5280 फिट.
मील बदल कर सब जगह किलोमीटर हो गया. लेकिन भाषा से मील का पत्थर हिलने का नाम ही नहीं ले रहा
मील बदल कर सब जगह किलोमीटर हो गया. लेकिन भाषा से मील का पत्थर हिलने का नाम ही नहीं ले रहा

चेन और फर्लांग को ऐसे भी याद रख सकते हैं. कि अगर किसी बैट्समैन को बिना छक्के, चौके, नो बाल, वाइड बाल के सिर्फ दौड़-दौड़ कर रन बनाने हैं. तो -
10 रन बनाने के लिए एक फर्लांग दौड़ना पड़ेगा.
80 रन बनाने के लिए 1 मील दौड़ना पड़ेगा.

खेती-किसानी की बात कंटिन्यू करते हैं.

# एकड़. सुनने में ठेठ देसी माप लगता है. लेकिन है नहीं. एकड़ भी इम्पीरियल यूनिट है. सीधे तौर पर 43,560 वर्ग फुट एरिया की ज़मीन एक एकड़ ज़मीन होती है. लेकिन एकड़ का स्टैण्डर्ड ऐसे सेट किया गया है. एक चेन लंबी और एक फर्लांग चौड़ी ज़मीन. ऐसे भी समझ सकते हैं -
क्रिकेट की पिच को एक फर्लांग चौड़ा खींच दिया जाए. तो एक एकड़ ज़मीन हो जाएगी.
# डिसमल भी नाम बहुत सुनने में आता है. एक एकड़ में होते हैं 100 डिसमल. तो डिसमल हुआ एकड़ का सौवां हिस्सा.
# मेट्रिक यूनिट्स में एरिया का पॉपुलर माप हेक्टेयर है. 10,000 वर्ग मीटर या लगभग ढाई एकड़ (2.471)

देसी माप



डिस्क्लेमर - बीघा की कोई स्टेंडर्ड वैल्यू नहीं है.




1 बीघा कितना होता है? इसका जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस राज्य में खड़े होकर ये सवाल पूछ रहे हैं. अलग-अलग राज्यों में बीघा अलग-अलग है.
असम और पश्चिम बंगाल में 1 एकड़ = 3 बीघा.
 हिमाचल में 1 एकड़ = 5 बीघा.
पंजाब और हरियाणा में 1 एकड़ = 4 बीघा.
राजस्थान में 1 एकड़ = 2.5 बीघा.  
उत्तर-प्रदेश और बिहार की लीला न्यारी है. इनमें राज्य के अलग-अलग इलाकों में बीघा की वैल्यू बदल जाती है. फिर इतनी कॉम्प्लेक्सिटी कम नहीं है. बीघा में कच्चा बीघा और पक्का बीघा भी होता है.
बीघा के छोटे भाई हैं कट्टा और बिसुआ. ये लोग भी बहुत कंफ्यूज हैं कि क्या वैल्यू धारण करें. इनकी मोटी समझ ये है -
 एक बीघा = लगभग 20 कठ्ठा

कुल मिला कर बात ये है

हमारी डिस्टेंस और एरिया की समझ कन्फुज़ियाई गई है. भारत की स्थिति धोबी के कुत्ते वाली है. न घर का न घाट का. न मीटर का न फुट का.
बीघा की कॉमन वैल्यू ढूँढता किसान
बीघा की कॉमन वैल्यू ढूँढता किसान

माथा भारी न करिए. 'इम्पीरियल यूनिट्स' को याद करने के लिए एक नज़्म पढ़िए -

एक फर्लांग खेत जुतें, फिर बैला पाएं ढील. आठ फर्लांग बैला चले, तय भया एक मील.

फर्लांग जोत बैला थके, पीठ में उमड़े 'पेन'. उनकी कौनउ दवा न भाई, फर्लांग में हैं दस चेन.

चेन में किरकेट खिले, खान के बच्चा रोके गार्ड. किंग खान सब से लड़ जाए,चेन में होएं बाईस यार्ड.

गज यार्ड को चेंटीया काटे, कान में बोले सेम पिंच. एक यार्ड में तीन फुट, और एक फुट के बारह इंच.



यह स्टोरी हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे
 आयुष ने की है.




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