कर्नाटक विधानसभा का कार्यक्रम चल रहा था. साल था 1994. महाभारत की कहानी पर बना एकनाटक होने वाला था. नाम था, शरसेतु बंधन (तीरों का पुल). एक से एक कमाल के एक्टर्सएक्टिंग कर रहे थे. लेकिन एक ख़ास एक्टर थे, जिन पर सबकी नज़रें टिकी हुई थीं. जैसेही 'अर्जुन' का कैरेक्टर निभाने वाले वो एक्टर स्टेज पर आए. लोगों की भीड़ तालियांबजाने लगी. हड़कंप मच गया. वो एक्टर थे, कर्नाटक के उस वक़्त के मुख्यमंत्री एमवीरप्पा मोइली. मोइली को एक्टिंग का बहुत शौक था. मुख्यमंत्री होते हुए भी नाटक कीतैयारी के लिए मोइली हर रोज़ रिहर्सल करने जाते थे. काम के लिए बहुत डेडिकेटेड थे.नाटक में एक से एक मंझे हुए एक्टर थे. कम्पटीशन बहुत तगड़ा था. लेकिन प्राइज मोइलीको ही मिला. मोइली की एक्टिंग ने सबको उनका फैन बना दिया था. राइटर भी हैं मोइली:वैसे तो कर्नाटक की पॉलिटिक्स में मोइली ने बहुत सारे पद संभाले हैं. देश की सरकारके कैबिनेट मिनिस्टर भी रहे हैं. लेकिन यहां पर बात हो रही है उनकी क्रिएटिविटी औरआर्ट की तरफ रुझान की. लिखने का भी बहुत शौक है मोइली को. और शौक वाकई बड़ी चीज़ हैं.कहते हैं, 'मैं ऐसे ही हमेशा लिखता रहूंगा. ये एक कभी ना ख़त्म होने वाली जर्नी है.मैं बस चलते जाना चाहता हूं.' द्रौपदी पर एक काव्य लिखा है उन्होंने 'श्रीमुदीपरिक्रनम'. और श्री रामायण महान्वेशनम नाम का खंडकाव्य भी. जिसके 5 वॉल्यूम हैं.मोइली कन्नड़ भाषा में लिखते हैं. उनके खंडकाव्य को हिंदी में ट्रांसलेट भी किया गयाहै. उनकी थेम्बरे नाम की नॉवेल इंग्लिश में भी मिलती है. नाम है, द एज ऑफ टाइम. इसनॉवेल की सबने बहुत तारीफ की है. पाठकों ने और क्रिटिक्स ने भी. मोइली ने सुलिगली,सागरदीप, और कोटा नाम के नॉवेल्स लिखे हैं. नाटक भी लिखते हैं. मिलन, पराजिता औरप्रेमवेंदरे उनके फेमस नाटक हैं. बहुत सारे कविताओं के संकलन भी लिखे हैं. लेकिनमोइली की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली किताब है 'अनलीश इंडिया- द फायर ऑफ नॉलेज'. तीनवॉल्यूम में है ये किताब. इसमें मोइली ने देश में होने वाले बदलावों और विकास कीबातें लिखी हैं. कुछ तरीकों का भी ज़िक्र है कि भारत कैसे 2025 तक दुनिया की सबसेबड़ी ताकत बन सकता है. मज़ेदार आदमी हैं मोइली. अपनी बिजी जिंदगी में भी अपने शौक केलिए टाइम निकाल ही लेते हैं.