लाइफ मेरी लल्लनटॉप. और अगर नहीं है, तो मैं फाइट मार रहा हूं. इसे लल्लनटॉप बनानेके लिए. मैं भारत हूं, जो इंडिया में अपनी जगह तलाश रहा हूं. मैं देस हूं, जिसे देशसे मिलने में परहेज नहीं. मैं एड शिरीन भी सुनता हूं और गोविंदा भी. मैं सिलिकनवैली जाता हूं, मगर बचपन की वो थैली नहीं भूलता, जिसमें सब्ज़ी और दूध लाता था. मैंलल्लनटॉप हूं. मैं भदेस हूं. इन योर फेस हूं. मेरे लिए पॉलिटिक्स सिर्फ नेता जी काभाषण नहीं. और उसके चारों तरफ शोर मचाती डिबेट भी नहीं. मुझे समझनी है सरकार कीनीयत. विपक्ष की रणनीति. और इन सबका जनता पर असल असर. मुझे देखनी हैं अच्छीफिल्में, फिर चाहे वह किसी भी भाषा में हों. मुझे पढ़ने हैं किस्से. क्रिकेट,सिनेमा और पॉलिटिक्स के. मुझे पसंद है ह्यूमर. क्योंकि जो कौम हंस नहीं सकती, सबसेपहले खुद पर. उसे रुलाने वाले सफल हो जाते हैं.इस फलसफे के साथ चली और सुपरहिट हुई वेबसाइट दी लल्लनटॉप के वीडियो आपने डिजिटलप्लेटफॉर्म पर खूब देखे. कितने इसे यूं समझें. जून 2018 के महीने में 10 करोड़ 7लाख लोगों ने लल्लनटॉप के वीडियो देखे. फेसबुक पर. यूट्यूब पर 5 करोड़ 25 लाख लोगोंने वीडियो देखे. और अब लल्लनटॉप का वीडियो अवतार टीवी भी देखेगा. क्योंकि 16 जुलाईसे शुरू हो रहा है टीवी चैनल तेज पर दी लल्लनटॉप शो. इसे लेकर आ रहे हैं दीलल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी.क्या होगा दी लल्लनटॉप शो मेंसोमवार से शुक्रवार (टीवी की जुबान में कहें तो रोजाना) रात 9 बजे ये शो आएगा.इसमें आपको मिलेगी दिन की एक बड़ी खबर. चौकस और चौचक अंदाज में. एक जटिल मसला, जिसेसरल शब्दों में समझाया जाएगा. एक फर्जी खबर, जिसकी असलियत का खुलासा किया जाएगा. एककिस्सा, जो आपको याद रह जाएगा. और होगा पुराना म्यूजिक. ( हम नए हैं, तो हमारापुराना 'साल था 1980' के बाद से शुरू माना जाए) इसके अलावा होगी खूब सारी बातचीत औरवाकये. कभी व्यंग्य तो कभी किताबें. कभी साइंस, तो कभी अध्यात्म. मतलब रुई से लेकरसुई, सेक्स से लेकर सेटेलाइट तक और जनता से लेकर जनता के प्रधान सेवक तक. सब पर बातहोगी. खरी खरी.--------------------------------------------------------------------------------