तारीख: अमीर खुसरो से फोर्ट विलियम तक, कैसे पनपी उर्दू भाषा?
भाषाविज्ञानियों की माने तो प्रोटो इंडो-यूरोपियन से यूरोप की और हमारे पूरब की जुबानें निकली. प्रोटो इंडो-यूरोपियन के टूटने से, इंडो-आर्यन और ईरानी, दो अलग भाषा समूह बन कर उभरे. इंडो-आर्यन से संस्कृत निकली और ईरानी से फ़ारसी. संस्कृत से हिन्दी का विकास हुआ और इसी हिन्दी से पनपी शौरसैनी और फ़ारसी के मिलने से हमें मिली ‘उर्दू’.
मानस राज
21 अप्रैल 2025 (Published: 09:34 IST)