मर्डर या आत्महत्यासिर्फ़ 2 महीने पहले ख़रीदा गया एक फ़्लैट. सिर्फ़ 10 दिन पहले होकर गुजरी एक पूरीसदी. सदी, जिसने जाते हुए शोहरत बख्शी थी. और ख़ुशियों की तलाश में ख़रीदा गया हैनया फ़्लैट. लेकिन ख़ुशियों के लिए सिर्फ़ तलाश से कुछ नहीं होता. तैयारियां भीकरनी पड़ती हैं. सो की जा रही हैं. घर में रंगाई पुताई का काम चालू है. अगले 6दिनों बाद आने वाले एक खास मौक़े के लिए. नए फ़्लैट की मालकिन का 30वां जन्मदिन आनेवाला है. लेकिन सारी रंगीनी पर तारी है, एक दहशत भी.दरवाज़े के उस तरफ़ पहरा दे रहे हैं, दो हवलदार. क्योंकि इस तरफ़ रहता है एकसेलिब्रिटी. टीवी वाला. हफ़्ते में दो बार जिसकी भन्नाई आवाज़ दोहराई जाती है. जोTV के पर्दे के उस तरफ़ से अपराधियों को हुंकार मारता. और इस तरफ़ दुमक कर बैठ जातेतार पर कट्टा डाल के केबल चुराने वाले लोग.अपनी मृत्यु के ठीक 6 दिन बाद अंजू सिंह की उम्र 30 साल होने वाली थी (तस्वीर:Getty)10 जनवरी, 2000 की उस सर्द शाम घड़ी में साढ़े ग्यारह बजे थे, जब अचानक घर के अंदरसे एक पुकार आती है. दोनों हवलदार दौड़े-दौड़े भागते हैं. देखते हैं, अंदर एक औरतके पेट में चाकू घोंपा गया है. खून की धार बह रही है. ये देखकर हवलदार एम्बुलेन्सको फोन करता है. पुलिस मौक़े पर पहुंचती है. हवलदारों को घर के अंदर से किसी केचिल्लाने की आवाज़ नहीं आई थी. पति खुद औरत को हॉस्पिटल ले जा रहा था. फिर सवाललाज़मी कि घर में अचानक हुआ क्या?लेकिन उससे भी बड़ा सवाल उठता है, जब पता चलता है कि हत्या से ठीक पहले फ़्लैट मेंदो लोग और मौजूद थे. जिनके बारे में दावा किया गया कि उन्हें बाल काटने और ग्रूमकरने के लिए बुलाया गया था. सवाल लाज़मी था कि रात के 11 बजे बार्बर बुलाने कीज़रूरत क्यों पड़ गई थी. और जब उन्हें बुलाया गया तो बिना बाल काटे, घटना से ठीकपहले ये दोनों लोग फ़्लैट से बाहर क्यों निकल गए थे.प्यार हुआ, इकरार हुआ20 वीं सदी के आख़िरी सालों में TV पर एक शो एक दस्तक दी. ये सन्नाटों को चीरतीसनसनी से पहले का दौर था. सुहैब इलियासी हफ्ते में दो बार टीवी पर आता और स्क्रीनपर कौंधता, इंडिया मोस्ट वांटेड, इंडिया फाइट्स बैक. ब्रिटिश शो, क्राइम स्टॉपर्सकी तर्ज़ पर बना ‘इंडिया मोस्ट वांटेड’ भारत में इस तरह का पहला शो था. और आते हीऐसा हिट हुआ कि तब शो को प्रति दस सेकेण्ड 70 हजार रुपया का विज्ञापन रेट मिलता था.बाहर शोहरत की रौशनी में चमक रहा सुहैब इन्हीं दिनों घर के अंधेरों से भी जूझ रहाथे. सुहैब की पत्नी का नाम था अंजू. नवंबर 1989 में दोनों की मुलाक़ात हुई. जामियामिल्लिया इस्लामिया में पढ़ाई के दौरान. प्यार हुआ, इकरार हुआ, लेकिन शादी के लिएघरवाले राज़ी नहीं हुए. कारण कि दोनों का धर्म अलग था. दोनों ने तय किया कि लन्दनजाएंगे और वहां स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करेंगे. शादी के बाद अंजू का नामकाग़ज़ातों में अफसां हो गया. शादी के बाद कुछ वक्त दोनों लन्दन में ही रहे. वहांरहते हुए एक शो का आईडिया डेवेलप किया. कुछ पायलट एपिसोड भी शूट किए गए. जिनकीएंकरिंग तब अंजू कर रही थी.सुहैब और अंजू के माता-पिता उनके अलग धर्म के चलते शादी के लिए राज़ी नहीं हुए.इसलिए दोनों ने लंदन जाकर शादी कर ली. (फ़ाइल फोटो)इंडिया लौटकर अलग-अलग चैनलों को ये शो पिच किया गया. शो का फॉर्मेट रिस्क भरा था.इसलिए अधिकतर लोगों ने इंकार कर दिया. अंत में ज़ी टीवी ने हामी भरी. और शो टीवी परआने के लिए तैयार हो गया. लेकिन तब तक शो में एक चेंज हो चुका था. एंकरिंग अब अंजूनहीं, सुहैब कर रहा था.साथ ही शुरू हो गई थीं शादीशुदा जिंदगी की मुश्किलें. शुरुआती अनबन और छोटी-छोटीलड़ाईयां बढ़त -बढ़ते यहां तक पहुंच गई कि अंजू सुहैब से अलग रहने लगी. और फिर 6महीने बाद लन्दन वापस लौट गयी. वहां अंजू का भाई प्रशांत रहता था. प्रशांत केअनुसार तभी से अंजू तलाक के बारे में सोचने लगी थी. लेकिन बाद में उसने इरादा टालदिया. सुहैब लन्दन गया और किसी तरह अंजू को मनाकर भारत लाया. दोनों की एक बेटी भीपैदा हुई. नाम पड़ा आलिया.इंडिया मोस्ट वांटेडइसके बाद भी दोनों की बीच अनबन चालू रही. इंडिया मोस्ट वांटेड का पहला एपिसोड जबटीवी पर एयर हुआ. लगभग उसी समय अंजू एक बार दुबारा सुहैब से दूर चली गयी. वो कनाडाजाकर अपनी बहन के साथ रहने लगी. यहां इंडिया में शो जबरदस्त हिट हो गया. पैसा औरशोहरत दोनों सुहैब को हासिल थी. लेकिन अंजू की कमी उसे अभी भी खल रही थी. उसनेइरादा किया कि कनाडा जाएगा और अंजू को वापस लेकर आएगा.साल 1999 में सुहैब के कहने पर अंजू भारत वापस आई. दोनों ने एक घर खरीदा. मयूरविहार दिल्ली की एक पॉश कॉलोनी में. दिसंबर-1999 में दोनों ने गृह प्रवेश किया औरफ़्लैट को सजाने-संवारने में लग गए.इस बीच इंडिया मोस्ट वांटेड में जो अपराधी दिखाएजा रहे थे, वो एक-एक कर पुलिस के हत्थे चढ़ने लगे. शो एयर होते ही पुलिस को फोन कॉलजाते, और महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगते.गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला (फ़ाइल फोटो)करोल बाग़ के एक सेक्स वर्कर मर्डर केस की कहानी शो पर दिखाई गयी. और अगले 10 मिनटके अंदर एक कॉल से पुलिस को अपराधी का सुराग मिल गया. कुछ ही घंटों में अपराधी पकड़ाभी गया. इंडिया मोस्ट वांटेड में एयर होने वाला सबसे हाई प्रोफ़ाइल केस था, यूपी केगैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला का. शो के एयर होने के 15 दिनों के अंदर शुक्ला एकएनकाउंटर में मारा गया. हालांकि पुलिस का कहना था क इसमें शो का कोई योगदान नहींथा. लेकिन साथ ही सुहैब इलयासी को पुलिस सुरक्षा दे दी गयी. दो हवलदार हर वक्तसुहैब के साथ रहने लगे.बाद में ऐसा भी हुआ कि सुहैब शो को ज़ी से दूरदर्शन पर ले गया. वहां शो एक दूसरे नामसे एयर हुआ, फ्यूजिटिव मोस्ट वांटेड. ज़ी टीवी और इलयासी के बीच मामला कोर्ट तक भीपहुंचा. ज़ी पर इसी दौरान इंडिया मोस्ट वांटेड प्रसारित होता रहा. बस एंकर बदला गया.मनोज रघुवंशी अब इंडिया मोस्ट वांटेड की एंकरिंग करने लगे थे.एक आदर्श दामादइलियास का नाम अब भी लोगों की जुबान पर था. 11 जनवरी, की सुबह भी घर-घर में इलयासीके नाम की चर्चा थी. लेकिन इस बार अपने शो के लिए नहीं. इत्तेफाक कहिये या आयरनी,जिस तरह की कहानी सुहैब कभी अपने शो पर बताया करता था, कुछ वैसी ही कहानी आज उसकेखुद के साथ बीत रही थी.सुहैब, अंजू और उनकी 2 साल की बेटी आलिया (तस्वीर: Getty)अंजू के पेट में चाकू घोंपा गया था. और सवाल था कि घोंपा किसने? शुरुआती तहकीकातमें पुलिस ने माना कि ये आत्महत्या का मामला है. सुहैब के शुरुआती बयान में सामनेआया कि उस दिन घर में एक छोटी सी बहस हुई थी. जब सुहैब अपनी बेटी आलिया को देख रहाथा तब अंजू ने किचन में जाकर एक बुचर नाइफ अपने पेट में घोंप लिया था. अंजू कोहॉस्पिटल ले जाया गया. लेकिन वहां पहुंचने तक वो दम तोड़ चुकी थी.17 जनवरी को पुलिस ने आत्महत्या का केस दर्ज़ किया. आम तौर पर ऐसे मामलों पर पति परशक जाता है. लेकिन सुहैब पूरी दुनिया के लिए हीरो की छवि रखता था. यहां तक कि अंजूके घरवाले भी सुहैब पर पूरा विश्वास जता रहे थे. अंजू के पिता KP सिंह, मा रुक्माऔर भाई प्रशांत पुब्लिक में सामने आए और उन्होंने सुहैब को एक आदर्श दामाद बताया.अंजू की मौत के बाद आलिया की जिम्मेदारी संभालने के लिए सुहैब अंजू के माता-पिता केसाथ ही रहने लगा था. पुलिस भी केस को आत्महत्या मान रही थी. और पब्लिक ओपिनियन मेंभी सुहैब पर कोई सवाल नहीं था. दो पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मर्डर की कोई बातनहीं हुई थी.आत्महत्या या मर्डरये सब बदला जब अंजू की बहन, रश्मि सिंह कनाडा से दिल्ली पहुंची. उसने बताया कि वोआखिरी शख्स थी जिसने मृत्यु से पहले अंजू से बात की थी. रश्मि ने आते ही इल्जामलगाया कि अंजू की हत्या की गयी है. इसके पीच दहेज़ की मांग को वजह बताया गया. रश्मिसिंह की शिकायत के बिना पर आज ही के दिन यानी 28 मार्च 2000 को पुलिस ने सुहैब परमुक़दमा दर्ज़ किया. और उसे हिरासत में ले लिया. इत्तेफाक कि सुहैब की गिरफ्तारी केदो रोज़ बाद उसका शो दूरदर्शन पर एयर हुआ. अपराधियों को न छोड़ने की दुहाई देने वालासुहैब आज खुद सलाखों के पीछे था.28 मार्च 2000 को सुहैब को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया (तस्वीर: Getty)रश्मि ने दावा किया कि अंजू इस शादी में बिलकुल भी खुश नहीं थी. उसने ये भी बतायाकि एक बार उसके सामने ही इलियास ने अंजू पर हाथ उठाया था. उसने ये भी दावा किया किजिस मकान में अंजू और इलियास रह रहे थे. उसके लिए पैसे भी उसी ने दिए थे. हालांकिबाद में तहक़ीक़ात में ये बात ग़लत पाई गई थी. और रश्मि को अदालत में ये बयान वापसलेना पड़ा था.आलिया तब सिर्फ ढाई साल की थी. रश्मि ने कोर्ट में आलिया की कस्टडी के लिए अप्लाईकिया. कुछ ही महीनों में इलियास भी जेल से जमानत पर बाहर आ गया. मर्डर केस सेज्यादा महत्वपूर्ण अब कस्टडी का केस हो गया था. क्योंकि इलियास देश छोड़कर जा नहींसकता था. और रश्मि आलिया को कनाडा ले जाना चाहती थी.जेल से निकलकर सुहैब ने दुबारा अपना काम शुरू किया. एक फिल्म बनाई, कामयाब रास्ता.उसमें लीड हीरो की भूमिका भी निभाई. साल 2005 में सुहैब एक बार दुबारा सुर्ख़ियोंमें आया. जब इंडिया टीवी के साथ काम करते हुए उसने दो स्टिंग ऑपरेशंस को अंजामदिया. अमन वर्मा और शक्ति कपूर के साथ हुए इन स्टिंग ऑपरेशन ने तब बहुत हो हल्लामचाया था.अंजू की मौत को लेकर सवालदूसरी तरफ़ अंजू का मर्डर केस अदालत में चलता रहा. साल 2005 में अंजू की मां नेशेसन कोर्ट में मांग रखी कि केस सीबीआई को सौंपा जाए. कोर्ट ने केस सीबीआई कोसौंपने से इंकार कर दिया लेकिन मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम पर विचार करने को कहा.कुछ सवालों पर मेडिकल बोर्ड के मेंबर्स के बीच आम राय नहीं बन पा रही थी,पहला सवाल- अंजू चाकू से मरी थी. लेकिन जो टीशर्ट उसने पहनी थी, वो कहीं से भीकटी-फटी नहीं थी. दूसरा सवाल- कोई भी फिंगरप्रिंट मैच होने के लिए 13 निशान मैचहोने होते हैं. इस केस में अंजू के फिंगरप्रिंट से केवल 6 निशान मैच हो रहे थे.तीसरा सवाल- अगर अंजू ने खुद को चाकू मारा था तो चाकू को पकड़े जाने के निशान उल्टीदिशा में क्यों थे. चौथा सवाल- दाहिने हाथ से काम करने वाली अंजू के शरीर में चाकूबाएं से दाएं भोंका गया था. और पांचवा और आखिरी सवाल- चाकू दो बार भोंका गया. जिसपेसवाल था एक बार चाकू मार लेने के बाद कोई दुबारा खुद को चाकू घोंपने की ताकत कहांसे लाएगा.अदालत में केससाल 2013 तक मेडिकल बोर्ड तय नहीं कर पाया कि ये हत्या थी या आत्महत्या. तब पुलिसने एक नए मेडिकल बोर्ड का गठन किया. इलियासी ने कोर्ट में अपील दाखिल की. कोर्ट नेपुलिस से सवाल पूछा कि बिना कोर्ट की सहमति के नए मेडिकल बोर्ड का गठन क्यों कियागया.इंडिया मोस्ट वांटेड तब TV का सबसे हिट शो हुआ करता था (तस्वीर: ज़ी टीवी)अंजू की मां और बहन लगातार ये मांग कर रहे थे कि सुहैब पर मर्डर का चार्ज लगायाजाए. अब तक सुहैब पर सेक्शन 498A, आत्महत्या के लिए उकसाने और 304 B, गैर इरादतनहत्या का केस दर्ज़ था. सेशन कोर्ट ने हत्या का मामला चलाने से इंकार किया तो अंजूकी मां हाई कोर्ट पहुंची. तब हाई कोर्ट के आदेश पर सेशन कोर्ट ने सेक्शन 302, हत्याका मुक़दमा चलाने की मंजूरी दी. और 16 दिसंबर 2017 को कोर्ट ने सुहैब को हत्या काआरोपी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.सुहैब ने इस निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की. और 5 अक्टूबर 2018 को हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फ़ैसले को उलटते हुए सुहैब को रिहा कर दिया. साल 2019 मेंपुलिस सुप्रीम कोर्ट के पास गई. लेकिन इस बाद इस मामले में कोई बड़े अप्डेट नहींआए. सुहैब के अनुसार, जेल में अपने प्रवास के दौरान उसने गीता और उपनिषद का अध्ययनकिया. और साल 2021 में एक किताब भी रिलीज़ की, जीने की राह: श्रीमद भगवद गीता.इंडिया मोस्ट वांटेड की तर्ज़ पर आने वाले सालों में कई शो बने. हिट हुए. और सबसेकमाल की बात. अगर इन शो की लिस्ट खंगालिए, तो पांएगे कि सबसे हिट एपिसोड्स में किसीएक में सुहैब इलयासी की कहानी जरूर शामिल होगी.