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फ़हमी बदायूनी: टहलते फिर रहे हैं सारे घर में, तेरी ख़ाली जगह को भर रहे हैं

20 अक्टूबर, 2024 को दुनिया ने 72 बरस का एक 'नौजवान' शायर खो दिया. जदीद ग़ज़ल की एक ज़मीन बंजर हो गई. लेकिन उस ज़मीन से निकले पौधे हमेशा उर्दू शायरी की हवा को तर-ओ-ताज़ा करते रहेंगे.

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अंकुर सिंह
22 अक्तूबर 2024 (Updated: 22 अक्तूबर 2024, 23:17 IST)
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