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कहानी MP के कांग्रेसी CM डीपी मिश्र की, जो बीजेपी के बॉस बनते-बनते रह गए। पार्ट-1

डीपी मिश्र की वजह से ही सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान गाने की शुरुआत हुई थी.

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सौरभ
15 नवंबर 2018 (Updated: 15 नवंबर 2018, 14:27 IST)
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8 अगस्त 1951. नागपुर, अंतरिम विधानसभा, मध्य प्रांत. एक आदमी खड़ा होता है और 14 पन्ने का इस्तीफा पढ़ने लगता है. उसका आखिरी वाक्य था- 'तिब्बत को चीन को सौंप देने के संताप से सरदार पटेल की आत्मा स्वर्ग में भी छटपटा रही होगी.' इस्तीफा देने वाला आदमी था डीपी मिश्रा. नेहरू का विरोधी. मगर उनकी बेटी इंदिरा का चाणक्य. और अटल के चाणक्य ब्रजेश मिश्र का पिता. क्या है कहानी इस मुख्यमंत्री की. कैसे नेहरु का विरोधी उनकी बेटी का मुख्य सलाहकार बना? मुख्यमंत्री के इस एपिसोड में देखिए द्वारका प्रसाद मिश्र से जुड़े कुछ मजेदार किस्से. याद रखें ये पहला हिस्सा है, इस कहानी का दूसरा एपिसोड भी आएगा.

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