कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस आदमी की हर एक बात मानते थे. कोई बात नहीं टालतेथे. प्रधानमंत्री बनने से पहले और प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नरेंद्र मोदी अपनेभाषणों में उस आदमी का जिक्र किया करते थे. उसकी उपलब्धियों का बखान किया करते थे.लेकिन अब उसी आदमी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गलत ठहराया है. कहा है किप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में ये बोलकर गलती की है कि भारत ने दुनियाको शांति के लिए बुद्ध दिया. उस आदमी ने कहा- ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्धका उल्लेख करके गलती की. हमने दुनिया को बुद्ध दिया, लेकिन बुद्ध का शांति औरसहिष्णुता का संदेश उपयोगी नहीं है. अगर आपको दुनिया में व्यवस्था कायम करनी है, तोछत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी महाराज के ‘‘विचारों’’ की ज़रूरत होगी.’प्रधानमंत्री मोदी को गलत ठहराने वाले इस आदमी का नाम है संभाजी भिड़े. शिवप्रतिष्ठान के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के युवाओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय बुजुर्ग,जिन्हें लोग भिड़े गुरुजी या सिर्फ गुरुजी कहते हैं. पुणे यूनिवर्सिटी सेन्यूक्लियर फिज़क्स में गोल्ड मेडलिस्ट और फर्ग्युसन कॉलेज में प्रोफेसर रहा ऐसाआदमी, जो आपकी बगल से निकल जाएं तो भी आपका ध्यान उनकी तरफ नहीं जाएगा. चप्पल नहींपहनते, सफेद धोती पायजामा और टोपी लगाते हैं. साइकिल से चलते हैं. और युवाओं मेंलोकप्रियता का आलम ये है कि 85 साल के भिड़े को फेसबुक पर करीब डेढ़ लाख लोग फॉलोकरते हैं. सब उन्हें भिड़े गुरुजी या सिर्फ गुरुजी कहते हैं.नंगे पांव चलना और सादगी से रहना, यही संभाजी भिड़े की पहचान है.संभाजी भिड़े का नाम नेशनल मीडिया की सुर्खियों में तब आया था, जब 1 जनवरी, 2018 कोपुणे के पास पड़ने वाले भीमा कोरेगांव में हिंसा हो गई. पुणे और मुंबई में कई जगहोंपर दंगे जैसे हालात हो गए और इसमें एक आदमी की मौत हो गई. बहुजन रिपब्लिकन पार्टीकी अनिता रविंद्र साल्वे ने संभाजी भिड़े के खिलाफ केस दर्ज करवाया और आरोप लगायाकि भिड़े और मिलिंद एकबोटे ने मिलकर प्रदर्शनकारियों के झंडे फाड़े और पत्थरबाज़ीकी, जिसके बाद हिंसा भड़की.भिड़े एक वक्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक होते थे. फिर 1980 के दशक मेंउन्होंने संघ छोड़कर शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान नाम का एक संगठन बनाया. संगठन नयाथा, लेकिन भिड़े की विचारधारा में कोई फर्क नहीं था. शिव प्रतिष्ठान एक हिंदूदक्षिणपंथी संगठन है. इसका ज़िक्र राष्ट्रीय मीडिया में तब होने लगा जब उसने 2008में आई फिल्म ‘जोधा अकबर’ का विरोध किया. तब संगठन के लोगों ने फिल्म की स्क्रीनिंगरोकने के लिए थिएटर्स में तोड़फोड़ की. 2014 के आम चुनावों से पहले जब शिवप्रतिष्ठान के एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी का आना हुआ, तो उन्होंने कहा, ''मैंभिड़े गुरुजी का बहुत आभारी हूं क्योंकि उन्होंने मुझे निमंत्रण नहीं दिया था.उन्होंने मुझे हुकम किया था. मैं भिड़े गुरुजी को बहुत सालों से जानता हूं. हम जबसमाज जीवन के लिए कार्य करने के संस्कार प्राप्त करते थे, हमारे सामने भिड़े गुरुजीका उदाहरण पेश किया जाता था. उनकी सादगी, उनका कठोर परिश्रम, ध्येय के प्रति समर्पणऔर अनुशासन.अगर कोई भिड़े जी को बस में मिल जाए, रेल में मिल जाए, तो वो कल्पना नहीं कर सकतावे कितने बड़े दार्शनिक हैं. मंच पर बैठने को तैयार नहीं हैं. वो नीचे जाकर बैठ गए.मेरा मन करता था मैं आग्रह करूं, पर पता नहीं वो मानेंगे कि नहीं मानेंगे.'' खुदभिड़े भी गाहे बगाहे प्रधानमंत्री से अपनी नज़दीकी के किस्से कहते रहते हैं.यूट्यूब पर ऐसे ही एक वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, ”मोदी मेरे पासआशीर्वाद लेने आए थे. वो प्रधानमंत्री बने. पहली ही बार में लाल किले से बिना कांचके सुरक्षा कवच भाषण दिया, भगवा फेटा (पगड़ी) बांध कर. जब चंद्रकांत दादा पाटील नेप्रधानमंत्री से पूछा कि आपने भगवा फेटा कैसे बांध लिया. तब मोदी ने जवाब में कहाकि जब मैं रायगढ़ गया था, तब गुरुजी ने कहा था कि भगवा फेटे में ही भाषण होनाचाहिए. तो भगवा फेटे के मर्म को समझो. इस देश को भगवा फेटा बांधना है हमें.”प्रधानमंत्री मोदी के साथ संभाजी भिड़े.बिना कोई घर-बार फक्कड़ी का जीवन जीने वाले भिड़े का यही प्रभाव वजह है किमहाराष्ट्र में शिवाजी महाराज के नाम पर राजनीति करने वाला कोई भी व्यक्ति उनसेदूरी नहीं रखता. उद्धव ठाकरे उनसे मिलते रहते हैं, लेकिन इसे वजह बनाकर राज ठाकरेउनसे न मिलने का जोखिम कभी नहीं उठाते. कहा जाता है कि भिड़े के एक इशारे परहज़ारों युवा जमा हो सकते हैं. और अब इन्हीं संभाजी भिड़े ने सीधे तौर परप्रधानमंत्री मोदी को गलत ठहराया है. बुद्ध के उपदेशों को गलत ठहराया है. और इसबयान को महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है.--------------------------------------------------------------------------------महाराष्ट्र में हुई हिंसा में इनका नाम आ रहा है | Sambhaji Bhide | Bhima Koregaon| Ramdas Athawale