संसद के दो सदन हैं. एक लोकसभा और दूसरा राज्यसभा. लोकसभा संसद का निचला सदन होताहै, इसके सांसद सीधे जनता के द्वारा चुने जाते हैं. वहीं, राज्यसभा संसद का ऊपरीसदन है. इसके सदस्यों को जनता के चुने हुए प्रतिनिधि यानी विधायक चुनते हैं. अभीराज्यसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं. 26 मार्च की तारीख तय हुई है. इस दिन 17राज्यों की 55 सीटों के लिए राज्यसभा सांसद चुने जाएंगे. इनको लेकर काफी सरगर्मियांबढ़ गई है.कुछ राज्यों में इन चुनावों को लेकर रस्साकशी थोड़ी ज्यादा है. पार्टियों नेउम्मीदवार तय कर दिए हैं. कई बड़े नाम इनमें शामिल हैं. जैसे- दिग्विजय सिंह,ज्योतिरादित्य सिंधिया, दीपेंदर हुड्डा, शक्तिसिंह गोहिल, शरद पवार, प्रियंकाचतुर्वेदी, रामदास आठवले.अभी किन राज्यों की राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हैं-महाराष्ट्र-7, तमिलनाडु- 6, बिहार-5, पश्चिम बंगाल- 5, गुजरात-4, ओडिशा-4, आंध्रप्रदेश- 4, राजस्थान-3, मध्य प्रदेश-3, असम-3, झारखंड-2, तेलंगाना- 2, छत्तीसगढ़-2,हरियाणा-2, हिमाचल प्रदेश-1, मणिपुर-1 और मेघालय- 1.संसद में दो सदन हैं. राज्य सभा और लोक सभा. राज्य सभा का चुनाव प्रत्येक दो साल परहोता है.इन सबके बीच सवाल उठता है कि राज्यसभा में सांसद कैसे चुने जाते हैं?क्या होती है राज्यसभादेश में हुए पहले लोकसभा चुनाव के बाद संसद में एक और सदन की जरूरत महसूस की गई.ऐसे में 23 अगस्त, 1954 को राज्यसभा के गठन का ऐलान किया गया. राज्यसभा एक स्थाईसदन है. ये कभी भंग नहीं होती है. इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 साल का होताहै. राज्यसभा में अधिकतम सीटों की संख्या 250 होगी. ये संविधान में तय किया गया है.12 सदस्य राष्ट्रपति नॉमिनेट करते हैं. ये 12 सदस्य खेल, कला, संगीत जैसे क्षेत्रोंसे होते हैं. बाकी के 238 राज्यसभा सांसद राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आतेहैं.आबादी के हिसाब से मिली राज्य सभा सीटेंसंविधान की अनुसूची चार के मुताबिक, किस राज्य में राज्यसभा की कितनी सीटें होंगीये उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की आबादी के आधार पर तय होगा. उदाहरण के लिएउत्तर प्रदेश की जनसंख्या सबसे ज्यादा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के लिए 31 सीटेंनिर्धारित की गई हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 19 सीटें हैं. इसी तरह से पश्चिमबंगाल और बिहार में 16-16 सीटें हैं. वहीं गोवा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय,मिजोरम जैसे राज्यों में केवल एक-एक राज्यसभा सीटें हैं.इस प्रकार राज्यसभा के सदस्यों की कुल संख्या 233 ही हो सकी. अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप, चंडीगढ़, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली जैसे केंद्रशासितप्रदेशों से राज्यसभा में प्रतिनिधि नहीं है. यानी वर्तमान में राज्यसभा के कुलसदस्यों की संख्या 245 है.प्रत्येक दो साल में होते हैं चुनावहर दो साल पर इसके एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो जाता है और फिर उन सीटोंपर चुनाव होता है. 2020 में 55 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. इससे पहले साल 2018में 58 सदस्यों के लिए चुनाव हुए थे. राज्य सभा संसद का ऊपरी सदस्य है. इसमें अभी 245 सदस्य हैं.कैसे होता है चुनाव, कौन देता है वोटराज्यसभा चुनाव में विधायक यानी एमएलए हिस्सा लेते हैं. विधान परिषद सदस्य यानीएमएलसी राज्यसभा चुनाव में शामिल नहीं होते हैं. राज्य सभा चुनाव की वोटिंग काफॉर्मूला है-(विधायकों की कुल संख्या/ खाली सीटें+ 1)+ 1यानी किसी राज्य की राज्यसभा की खाली सीटों में एक जोड़कर उससे कुल विधानसभा सीटोंको विभाजित किया जाता है. इससे जो संख्या आती है फिर उसमें 1 जोड़ दिया जाता है.जैसे कि अभी महाराष्ट्र में 7 सीटें खाली हैं. महाराष्ट्र में कुल विधायक हैं 288.अब समझिए-1. राज्यसभा सीटों की संख्या 7. अब इसमें एक जोड़ना होगा. हो गया 8.2. अब इस 8 से विधायकों की संख्या यानी 288 को भाग दिया जाएगा.3. नतीजा आएगा 36. अब इसमें फिर से एक जोड़ दिया जाएगा तो नतीजा आएगा 37.यानी अभी हो रहे राज्यसभा चुनाव में महाराष्ट्र से एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए 37विधायकों का वोट मिलना जरूरी है.4. अगर सीटें कम होती हैं, तो उसी हिसाब से वोटों की संख्या बढ़ जाती है. जैसे अगरराजस्थान में 3 सीटों पर चुनाव होना है. राजस्थान में 200 विधायक हैं तो-3 में एक जोड़ेंगे. आएगा 4, अब इस 4 से 200 में भाग देंगे. नतीजा आएगा 50. अब इसमेंएक जोड़ा जाएगा तो होगा 51.यानी अभी हो रहे चुनाव में राजस्थान में एक सीट के लिए 51 विधायकों के वोट चाहिए.पहली पसंद का खेल अहमलेकिन विधायक सभी सीटों के लिए वोट नहीं करते हैं. अगर ऐसा होगा तो केवल सत्ताधारीदलों के उम्मीदवार ही जीतेंगे. प्रत्येक विधायक का वोट एक बार ही गिना जाता है.इसलिए वे हर सीट के लिए वोट नहीं कर सकते हैं. ऐसे में विधायकों को चुनाव के दौरानप्राथमिकता के आधार पर वोट देना होता है. उन्हें बताना होता है कि उनकी पहली पसंदकौन है और दूसरी कौन. पहली पसंद के वोट जिसे ज्यादा मिलेंगे, वही जीता हुआ मानाजाएगा.जैसे राजस्थान में कांग्रेस ने दो उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस के पास अभी राज्यमें निर्दलीयों के समर्थन सहित 115 विधायक हैं. दो सांसद चुनने के लिए 102 वोट(51+51) लगेंगे. उसके पास 13 वोट बचेंगे लेकिन ये विधायक पहली पंसद के रूप मेंतीसरा सांसद नहीं चुन सकते. ऐसे में तीसरा सांसद बीजेपी चुनेगी, क्योंकि उसके पास73 विधायक हैं.--------------------------------------------------------------------------------Video: अब गुजरात में कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे आने शुरू हो गए हैं