ओलिवर ट्विस्ट, लंदन शहर में आया एक छोटा सा गरीब लड़का, जो चोरों के गिरोह में फंसजाता है. ओलिवर ट्विस्ट और ऐसी तमाम क्लासिक नॉवेल लिखने वाले चार्ल्स डिकेंस कीज़िंदगी भी अपने आप में बड़ी रोचक थी. डिकेंस ने एक मज़दूर के तौर पर ज़िंदगी शुरूकी और एक सुपर स्टार की तरह दुनिया से गए. 7 फरवरी 1812 को पैदा हुए डिकेंस शायदपहले पॉप सुपर स्टार थे. चार्ल्स डिकेंस के अंदाज़ के लोग पागलपन की हद तक दीवानेथे. फैन्स की इस दीवानगी ने चार्ल्स को भी खुश किया और फैंस को खुश करते करते हीदुनिया से चले गए. चार्ल्स डिकेंस स्टोरी रीडिंग के शो करते थे जिनमें वो अपनीकहानियां पढ़ते थे. लोगों में उनके कहानी पढ़ने का अंदाज़ इतना लोकप्रिय था कि शोके टिकट्स कई दिन पहले ही खत्म हो जाते थे. मैडोना या माइकल जैक्सन के शो की तरह हीचार्ल्स के फैन कई बार उनके शो में बेहोश भी हुए. चार्ल्स ने चैरिटी के लिए अपनीकहानियां पढ़ना शुरू किया. डिकेंस ने लंदन के बर्मिंघम में सड़क पर करीब 2000 लोगोंके लिए ‘क्रिसमस कैरोल’ पढ़कर कहानी सुनाना शुरू किया. लोगों को ये अंदाज़ इतनापसंद आया कि लोगों ने डिकेंस को पैसे देने की बात कही. इस तरह डिकेंस के स्टेज शोकी शुरूआत हुई. कहानी पढ़ने के इन सेशंस की लोगों के बीच लोकप्रियता बढ़ी तोधीरे-धीरे उसमें कई बदलाव किए. जैसे वो पढ़ने के दौरान अपनी आवाज़ में काफीनाटकीयता लाते थे. कुछ हिस्सों को ऐक्टिंग कर के दिखाते. 150 साल पहले स्टेज परउनकी इन अदाओं का ज़ादू ऐसा चला कि ब्रिटेन से लेकर न्यूयॉर्क तक दुनिया उनकीदीवानी हो गई. दुनिया की दीवानगी ने चार्ल्स को भी दीवाना बना दिया. डिकेंस बचपनमें एक्टर बनना चाहते थे. स्टेज और तालियों ने उनकी इस ख्वाहिश को काफी हद तक पूराकर दिया. डिकेंस के कई करीबी दोस्तों ने उन्हें इससे बाहर निकलने को कहा मगर ऐसाहुआ नहीं. लंबे समय तक चार्ल्स ने अपने ज़रूरी कामों के लिए पैसे कमाने के लिएस्टोरी सेशन करते रहे. फिर दर्शकों की मांग पर वो सेशन की गिनती बढ़ाते रहे. मरूनपर्दे वाले स्टेज पर लाल बुक स्टैंड और किताबों की एक डेस्क के साथ कहानी सुनातेडिकेंस विक्टोरियन युग के किसी भी सुपर स्टार से ज़्यादा प्रसिद्ध हो गए. उनकेउपन्यास भी अखबारों में किस्तों में छपते. डिकेंस के शो लंबे होते जा रहे थे औरउनके आराम का समय कम. एक शहर से दूसरे शहर जाते हुए डिकेंस की सेहत खराब हो रही थी.इसी बीच एक ट्रेन दुर्घटना हुई. 1865 में स्टेपलहर्स्ट में हुए इस हादसे में डिकेंसके डिब्बे को छोड़कर पूरी ट्रेन नाले में गिर गई. चार्ल्स डिकेंस की सेहत पर इसहादसे से बहुत बड़ा असर पड़ा. डॉक्टरों ने जांच में बताया कि इसके बाद वो जब भीकहानी पढ़ते उनके दिल की धड़कन असामान्य तरीके से बढ़ जाती. फिर डिकेंस को कहानीपढ़ने से मना किया गया. मगर फैन्स के दबाव और कहानी सुनाने के चस्के के चलते वोरुके नहीं. 1868 से 1869 के बीच उन्हें 75 अलग-अलग शहरों में 100 कहानियां पढ़ने काकॉन्ट्रैक्ट मिला. इसने उनकी सेहत को इतना खराब कर दिया कि उन्हें पैरालाइसिस अटैकपड़ा. 18 अप्रैल 1869 में वो स्टेज पर बेहोश होकर गिर पड़े. डॉक्टर की सलाह पर येटूर कैसिंल हो गया. मगर थोड़ा सही होते ही वो फिर स्टेज पर पहुंच गए उन्होंने फिर12 नए शो का कॉन्ट्रैक्ट कर लिया. इसके साथ ही वो अपने नए उपन्यास एडविन ड्रूल परभी काम कर रहे थे. 8 जून को एडविन ड्रूल पर काम करते करते चार्ल्स बेहोश हो गए. 9जून को दुनिया का ये महान लेखक दुनिया से चला गया.--------------------------------------------------------------------------------ये भी पढ़ें :उनके लिए संसार भर के डॉलरों से एक मुस्कान की कीमत ज़्यादा है'मैं हर नस्ल की लड़कियों को उनकी भाषा में हैरेस कर सकता हूं, इतना तो आता ही है''बीवी जो जिस्म नहीं रह गई, जुनून नहीं रह गई'