PM मोदी की तस्वीर वाले सेल्फ़ी बूथ पर रेलवे ने कितना पैसा खर्च किया?
कांग्रेस सहित विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि 'PM मोदी की छवि सुधारने के लिए जनता का पैसा, बर्बाद किया जा रहा है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों वाले सेल्फी बूथ को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार की जमकर आलोचना कर रहा है. 26 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने X पर एक RTI के जवाब की तस्वीर शेयर की. इसके मुताबिक, केंद्र सरकार PM मोदी की तस्वीर वाले हर स्थायी 3D सेल्फ़ी बूथ पर 6 लाख 25 हजार रुपये और हर अस्थायी बूथ पर सवा लाख रुपये तक खर्च कर रही है. खरगे ने कहा कि ये सेल्फ़ी बूथ लगाना, टैक्स देने वाली जनता के पैसे की बर्बादी है, जबकि गैर BJP शासित राज्य मनरेगा फंड मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
खरगे ने X पर लिखा,
“मोदी सरकार के आत्ममुग्धता वाले प्रचार (सेल्फ ऑब्सेश्ड प्रमोशन) की कोई सीमा नहीं है. रेलवे स्टेशन पर प्रधानमंत्री मोदी के 3D सेल्फी पॉइंट्स इन्स्टॉल करके पूरी बेशर्मी के साथ टैक्स देने वालों के पैसे की बर्बादी की गई है.”
खरगे ने आरोप लगाया कि इससे पहले 'प्रधानमंत्री के कट-आउट' के साथ 822 सेल्फी पॉइंट बनाने का आदेश देकर हमारे बहादुर सैनिकों के 'खून और बलिदान का राजनीतिक इस्तेमाल' किया गया था. उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने सूखा और बाढ़ पीड़ित राज्यों को कोई मदद ‘नहीं’ भेजी, लेकिन ऐसे ‘तुच्छ चुनावी स्टंट्स’ पर जनता का पैसा खर्च करने का साहस रखती है.
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सेल्फी पॉइंट में कितना खर्चा हुआ?अंग्रेजी अख़बार द हिंदू की एक खबर के मुताबिक, एक रिटायर्ड रेलवे अधिकारी अजय बोस ने ये RTI दायर की थी. इसके जवाब में सेंट्रल रेलवे के उप महाप्रबंधक अभय मिश्रा ने कहा कि हमने पांच डिवीजनों- मुंबई, भुसावल, नागपुर, पुणे और सोलापुर में 50 रेलवे स्टेशनों पर PM मोदी के 3D सेल्फी बूथ लगाए हैं.
जवाब में आगे बताया गया है कि छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, कल्याण, नागपुर जैसे कैटेगरी A के तीस स्टेशनों पर अस्थायी बूथ लगेंगे, जबकि लातूर और कोपरगांव जैसे कैटेगरी C के 20 स्टेशनों पर परमानेंट बूथ इनस्टॉल किए जाएंगे.
ये भी बताया गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय संचार ब्यूरो ने कैटेगरी A के बूथों के लिए सवा लाख रुपये प्रति बूथ और कैटेगरी C के सेल्फी बूथों के लिए सवा छ लाख रुपये प्रति बूथ की दर से पैसा मंजूर किया हैं. इस खर्चे में कोई टैक्स शामिल नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ सेंट्रल रेलवे ने इन बूथों के लिए कुल 1 करोड़, 62 लाख रुपये खर्च किए हैं.
वहीं नॉर्दर्न रेलवे (उत्तरी रेलवे) ने एक दूसरी RTI के जवाब में बताया कि PM की तस्वीर वाले सेल्फ़ी बूथ, रेलवे स्टेशनों पर 100 जगहों पर लगाए जाएंगे. नई दिल्ली, अयोध्या, देहरादून और चंडीगढ़ जैसे कुछ रेलवे स्टेशनों पर एक से ज्यादा सेल्फ़ी बूथ भी लगे हैं. अजय बोस ने साउथ रेलवे से भी RTI के जरिए बूथों की जानकारी मांगी थी. लेकिन 6 डिवीजन में से सिर्फ 1 डिवीजन से जवाब आया, जिसमें कहा गया कि डिवीजन के 11 स्टेशनों पर बूथ लगाए जाएंगे.
अजय बोस के मुताबिक, उत्तरी रेलवे, दक्षिणी रेलवे और पश्चिम रेलवे ने जवाब में सेल्फ़ी बूथ लगाने में आए कुल खर्चे का खुलासा नहीं किया है. ये भी नहीं बताया गया है कि किन एजेंसियों को ये काम सौंपा गया था.
सेल्फी पॉइंट योजना का इरादा क्या?अक्टूबर, 2023 में रक्षा मंत्रालय ने इसके सभी विभागों यानी तीनों सेनाओं और DRDO जैसे संस्थानों को कुल 822 जगहों पर सेल्फ़ी पॉइंट बनाने का निर्देश दिया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया गया था कि सेल्फी बूथ के जरिए रक्षा मंत्रालय की सरकारी योजनाओं और किए गए कामों को जनता के सामने लाया जाएगा. इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक, रक्षा विभाग का कहना था कि इन सेल्फ़ी बूथों में 'प्रधानमंत्री की तस्वीर शामिल की जा सकती है'.
इसी तरह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भी देश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलजों में 'मोदी सेल्फी प्वाइंट' (PM Modi Selfie Point) लगाने को कहा था. इसके लिए एक डिज़ाइन भी तैयार किया गया. इस निर्देश की खूब आलोचाना हुई. कई यूनिवर्सिटीज ने 'सरकार के प्रचार वाले ये सेल्फी पॉइंट' लगाने से इनकार कर दिया. इसके बाद UGC ने डिज़ाइन वापस ले लिया.
कांग्रेस ने तब भी इस योजना को लेकर सरकार की तीखी आलोचना की थी. कांग्रेस ने X पर लिखा था,
“मोदी सरकार सेना का राजनीतिकरण करने से भी बाज नहीं आई. अब देश की सेना से अपनी योजनाओं का प्रचार कराएगी. यह शर्मनाक है. 9 साल से ज्यादा वक़्त की सरकार में PM मोदी ने देश को महंगाई, बेरोजगारी और भुखमरी के अलावा कुछ नहीं दिया...और अब अपनी छवि चमकाने के लिए सेना का इस्तेमाल कर रहे हैं. न जाने किस हद तक गिरेंगे.”
वहीं BJP की तरफ से इन आरोपों का जवाब देने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आगे आए. उन्होंने संसद में कहा,
"सेल्फ़ी पॉइंट गर्व का मुद्दा है. हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि स्कूलों और दफ्तरों की दीवारों पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और महात्मा गांधी की तस्वीरें लगी होती हैं. अब, जब हम एक ऐसे नेता की तस्वीरों के साथ सेल्फी प्वाइंट लगा रहे हैं, जिन्होंने हमें विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया है और देश को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, तो आपको क्या परेशानी है? ये लोकतंत्र है...अगर आप सेल्फी नहीं क्लिक करना चाहते, तो मत करिए."
अब RTI के जरिए सेल्फी बूथ लगाने में आए खर्चे की जानकारी सामने आने के बाद विपक्ष एक बार फिर मोदी सरकार पर हमलावर है.
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