आपको फिल्म 'ग़दर-एक प्रेम कथा' का वह सीन तो याद ही होगा जब सनी देओल से पाकिस्तानजिंदाबाद का नारा लगाने को कहा जाता है. वह नारा लगा देते हैं. लेकिन जब उससेहिंदुस्तान के खिलाफ नारे लगाने को कहा जाता है तो वह भड़क जाते हैं. असल जिंदगीमें मामला कुछ अलग है. पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पर कोई भी मुश्किल में पड़सकता है. यहां तक कि उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. क्या पाकिस्तान जिंदाबादनारे लगाने पर जेल हो सकती है? अगर हां तो कितनी? आइए जानते हैं इसके कानूनी दांवपेच.आज इसके बारे में क्यों बता रहे हैंबात शनिवार रात की है. हुआ यूं कि दिल्ली में गणतंत्र दिवस की तैयारियों के चलतेपुलिस की चौकसी लगी हुई थी. तभी पीसीआर पर एक ऐसी कॉल आई कि अफरा-तफरी मच गई. पुलिसस्टेशन तुगलक रोड पर रात करीब एक बजे पीसीआर कॉल मिली कि खान मार्केट मेट्रो स्टेशनके पास कुछ लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली मेंगणतंत्र दिवस से पहले पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने की बात पर दिल्ली पुलिस केकान खड़े हो गए. सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की.पुलिस ने जांच के बाद नारे लगाने के आरोप में तीन युवक और तीन युवतियों को हिरासतमें लेकर पूछताछ शुरू की.जब इन्हें हिरासत में लिया गया तो ये युलु बाइक (Yulu Bike) पर सवार थे. युलु बाइकबैटरी से चलने वाली ऐप आधारित बाइक है जिसे कोई भी सेंट्रल दिल्ली के आसपासइस्तेमाल के लिए हायर कर सकता है. लोग कई बार मौज मस्ती के लिए भी इन बाइक्स परसवार हो जाते हैं. जब बाइक सवार युवक और युवतियों से पूछताछ की तो सामने आया कि येसभी लोग इंडिया गेट के आसपास घूमने आए थे. इस दौरान ये युलु बाइक पर रेस लगाने लगे.उन्होंने बताया कि इस दौरान इन्होंने एक दूसरे का नाम भारत और पाकिस्तान देश के नामपर रख लिया. इसी दौरान एक दूसरे से रेस करते हुए उत्साह में पाकिस्तान जिंदाबाद केनारे लगाए. पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया और जांच के लिए साथ ले गई. कई बड़ेअधिकारी और स्पेशल सेल सहित खूफिया विभाग ने भी इनसे पूछताछ की. बाद में पता चला किइन्होंने जानबूझ कर नहीं बल्कि खेल-खेल में ऐसा किया. फिलहाल पुलिस ने इन्हें कुछशर्तों पर छोड़ दिया.ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पर जेल की हवाखानी पड़ सकती है.दिल्ली पुलिस को शनिवार रात को सूचना मिली कि कुछ लोग इंडिया गेट के पास पाकिस्तानजिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं. उन्हें तुरंत हिरासत में लिया गया. (फोटो-सोशलमीडिया से)'पाकिस्तान जिंदाबाद' पर पुलिस का क्या एंगल है?जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पर पुलिस दो तरह से रिएक्टकर सकती है.# पुलिस को यह हक है कि वह किसी भी वक्त एहतियात के तौर पर किसी को हिरासत में लेसके. मतलब यह कि अगर पुलिस को किसी अनहोनी की आशंका महसूस हो तो वह किसी को भी रोककर अपने साथ ले जा सकती है. इसे गिरफ्तार करना नहीं बल्कि हिरासत में लेना कहा जाताहै. हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद पुलिस अक्सर छोड़ देती है. इस दौरान पुलिसपूछताछ करती है.# पुलिस को अगर लगता है कि नारे लगाने के पीछे कोई सोची-समझी साजिश है तो पुलिसगिरफ्तार भी कर सकती है. दिल्ली पुलिस के ही एक सूत्र ने बताया कि पुलिस किसी इनपुटया आशंका के आधार पर ही किसी को गिरफ्तार करती है. सिर्फ नारे लगाने भर के लिए किसीको गिरफ्तार नहीं किया जाता. उसके साथ जरूर कोई दूसरी बात जुड़ी होती है. जरूरीनहीं है कि वह बात आम लोगों के सामने आए. गिरफ्तार करने पर पुलिस को बाकायदा एफआईआरलिखनी होती है. इसमें हर उस दफा का जिक्र करना होता है जिसके तहत शख्स को गिरफ्तारकिया गया है. इस आधार पर ही पुलिस आरोपी को कोर्ट में पेश करती है.जरूरी नहीं है कि पुलिस पाकिस्तान जिंदाबाद कहने भर से गिरफ्तार कर ले. हो सकता हैउसके पास दूसरे कारण भी हों. (प्रतीकात्मक चित्र)तो फिर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' पर कौन सा कानून लगेगा?# पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने पर गिरफ्तारी का सबसे बड़ा कारण शांति भंग कीआशंका हो सकता है. मतलब पुलिस इस आशंका में गिरफ्तार कर सकती है कि ऐसी नारेबाजी सेइलाके में अशांति हो सकती है. हाई कोर्ट के वकील सुशांत सिन्हा का कहना है कि पुलिसआईपीसी की धारा 151 लगा कर लोगों को गिरफ्तार कर सकती है. हालांकि इसमें थाने सेजमानत का प्रावधान है.# दूसरा और गंभीर आरोप सेडिशन या राजद्रोह का लग सकता है. इसको साबित करना काफीमुश्किल काम है, लेकिन इसमें गिरफ्तारी के बाद जमानत होना मुश्किल हो जाता है. आपकोशायद याद होगा कि 20 फ़रवरी 2020 को 19 साल की छात्रा अमूल्या लियोना ने बेंगलुरुमें सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ आयोजित विरोध-प्रदर्शन में पाकिस्तान ज़िंदाबाद कानारा लगाया था. अमूल्या को बात पूरी करने का मौक़ा नहीं दिया गया और उसे मंच सेखींचकर हटा दिया गया. बाद में उन पर राजद्रोह (सेडिशन) यानी आईपीसी की धारा 124-Aलगा दी गई और अभी पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. बेंगलुरु पुलिस 90 दिन बाद भीचार्ज शीट फाइल नहीं कर पाई लेकिन अमूल्या 12 जून को ही जेल से बाहर आ सकी.फरवरी 2020 में अमूल्या नाम की जर्नलिज्म स्टूडेंट ने असदुद्दीन ओवैसी के मंच सेपाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए तो उसे सेडिशन के आरोप में हिरासत में ले लियागया.तो कुल मिला कर पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने पर जेल जाने या जेल न जाने का मामला पुलिसकी सख्ती पर निर्भर करता है.क्या कहते हैं एक्सपर्ट?सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी ने फ़रवरी 2020 में एककार्यक्रम में कहा कि अमूल्या पर सेडिशन यानी राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज करना क़ानूनका दुरुपयोग है. उन्होंने कहा, "ये स्पष्ट रूप से क़ानून का दुरुपयोग है. इसमेंराजद्रोह का मामला कहां से बनता है? यहां तक कि उस लड़की ने जो कुछ भी कहा उसकेख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए इंडियन पीनल कोड में कोई प्रावधान नहीं है. राजद्रोह तोदूर की बात है. उस पर किसी भी किस्म का कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है. अगरअमेरिका ज़िंदाबाद या ट्रंप ज़िंदाबाद कहने में कोई दिक़्क़त नहीं है तो पाकिस्तानज़िदाबाद कहने में भी कोई दिक़्क़त नहीं है. पाकिस्तान ज़िंदाबाद कहना तब तक कोईअपराध नहीं है जब तक कि भारत का पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध नहीं हो रहा हो या फिरपाकिस्तान को शत्रु मुल्क घोषित न किया गया हो. जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जाख़त्म किए जाने के बाद से पाकिस्तान से भारत के संबंध अच्छे नहीं हैं लेकिन दोनोंदेशों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध अब भी बने हुए हैं." सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठवकील दुष्यंत दवे कहते हैं, "पाकिस्तान ज़िंदाबाद कहना राजद्रोह नही है. राजद्रोहतो दूर की बात, यह कोई गुनाह भी नहीं है, जिसके आधार पर पुलिस गिरफ़्तार कर ले.पड़ोसी देशों से अच्छे संबंध की बात संविधान में कही गई है. जिन्हें लगता है किपाकिस्तान से नफ़रत ही देशभक्ति है वो भारत को नेशन-स्टेट के तौर पर नहीं समझतेहैं. किसी एक देश से नफ़रत इतने बड़े मुल्क के प्रति वफ़ादारी का सबूत नहीं होसकता. भारत के संविधान में भी इसकी कोई जगह नहीं है."लेकिन पाकिस्तान तो दुश्मन देश है?आपको ये लग सकता है कि हमारी पाकिस्तान और चीन के साथ अक्सर खटपट चलती रहती है. ऐसेमें ये तो हमारे दुश्मन देश हैं. इनकी जिंदाबाद कहने में तो सज़ा बनती है. लेकिनपहले ये तो जान लें कि क्या आधिकारिक रूप से ये दुश्मन देश हैं भी कि नहीं. साल2017 में भारत के विदेश मंत्रालय में एक आरटीआई डालकर पूछा गया कि भारत के दुश्मनदेशों के बारे में बताया जाए. इस आरटीआई का जो जवाब आया उससे आप चौंक जाएंगे. विदेशमंत्रायल ने जवाब में लिखा था कि भारत किसी भी देश को दुश्मन देश नहीं मानता.पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक और चीन के साथ डोकलाम विवाद के बाद भी भारत नेकिसी भी देश को दुश्मन देश घोषित नहीं किया है. आरटीआई के जवाब में भारत ने सिर्फ 2देशों का नाम लिया है. वह भी अच्छे संबंधों के मामले में. ये दोनों देश हैं अमेरिकाऔर कनाडा. भारत में शत्रु देश की संपत्ति को लेकर एक कानून जरूर है. इसका नाम हैएनिमी प्रॉपर्टी एक्ट 1968. भारत की मोदी सरकार ने 2016 में इसमें बदलाव भी किएहैं. इसके अतंर्गत पाकिस्तान चले गए किसी भी शख्स को भारत में अपनी संपत्ति पर हकजाहिर करने से रोका जाता है. मतलब कोई भी पाकिस्तान का नागरिक इस आधार पर भारत कीसंपत्ति पर दावा नहीं कर सकता कि यह उसके बाप-दादा की संपत्ति है.तो अब आपको पता चल गया होगा कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने पर क्या-क्या होसकता है.