The Lallantop
X
Advertisement

अबुल कलाम आज़ाद की ये स्पीच हर मुसलमान को सुननी चाहिए

1947 में दी गई ये स्पीच आपको अंदर तक हिला देगी.

Advertisement
Img The Lallantop
pic
पंडित असगर
22 फ़रवरी 2021 (Updated: 21 फ़रवरी 2021, 05:19 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

ये स्पीच है मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की. जो 1947 में बकरीद के मौके पर दिल्ली की जामा मस्जिद में दी गई. उन्होंने आज़ादी मिलने पर मुसलमानों को उस वक़्त ख़िताब किया. लेकिन उनकी ये बातें पढ़कर ऐसा लगता है जैसे अभी के लिए कही हैं. अबुल कलाम 11 नवंबर 1888 को सऊदी अरब के मक्का में पैदा हुए थे. 22 फ़रवरी 1958 को इस दुनिया से रुखसत हो गए. इस स्पीच को अमेरिकन स्कॉलर चौधरी मोहम्मद नईम ने उर्दू में तहरीर किया है. आप इसे हिंदी में पढ़िए. और हर मुसलमान को इसे पढ़नी चाहिए. जो हालात आजतक मुसलमानों के बने हुए हैं वो खुद के बनाये हुए हैं. ये स्पीच बताती है कि जब तक हम खुद को नहीं बदलेंगे, कुछ नहीं हो सकता. चाहे कितनी ही सच्चर रिपोर्टें आती रहें. नेता आते रहें. कोई फर्क नहीं पड़ेगा. तो पढ़िए और सोचिए.  

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement