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क्या महुआ को लोकसभा से जबरन निष्कासित किया गया है?

निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा कि एथिक्स कमेटी के पास उन्हें निष्कासित करने की सिफ़ारिश करने का कोई अधिकार नहीं है.

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तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा.
8 दिसंबर 2023 (Updated: 8 दिसंबर 2023, 23:38 IST)
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8 दिसंबर 2023. पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा की सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया. उन पर क्या आरोप लगे थे, वो हमने आपको पहले ही बता दिया था. आरोप लगाए थे गोड्डा से आने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहादराई ने. इन आरोपों पर संसद की एथिक्स कमिटी की जांच बैठी. कमिटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार की. रिपोर्ट संसद में टेबल की गई आज. रिपोर्ट की एक कॉपी हमें भी मिली. क्या लिखा है. वो आगे बताएंगे. लेकिन टेबल होने के साथ ही लोकसभा को स्थगित कर दिया गया दोपहर 2 बजे तक के लिए. 2 बजे सांसद आए. इस रिपोर्ट पर बहस शुरू हुई. इस रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी कि महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता निरस्त कर दी जाए. फिर हुई वोटिंग. विपक्षी सांसद वाकआउट कर गए. और महुआ मोइत्रा निष्कासित.

अब महुआ मोइत्रा के नाम के आगे पूर्व सांसद लिखा जाएगा. लेकिन इन अपडेट्स के बाद बात करते हैं उस पूरे मामले की. जिसकी वजह से महुआ मोइत्रा की सांसदी गई. आपको बताते हैं एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट के बारे में. आपको हमने पहले ही बताया दिया कि कमिटी ने लोकसभा स्पीकर को सौंपी इस रिपोर्ट में कहा था कि महुआ को लोकसभा से निष्कासित किया जाना चाहिए.

लेकिन कमिटी इस नतीजे पर कैसे पहुंची? 104 पेज की इस रिपोर्ट में सबसे पहले तो वो बातें बताई गईं कि मामला कमिटी तक कैसे आया? 15 अक्टूबर 2023. झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक शिकायती पत्र लिखा. दुबे ने आरोप लगाया कि महुआ मोइत्रा ससंद में अडानी समूह के खिलाफ सवाल पूछने के लिए पैसे लेती हैं. लिहाजा उन्हें लोकसभा से सस्पेन्ड कर दिया जाए और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की जाए.

निशिकांत दुबे ने कहा कि बिजनेस ग्रुप हीरानंदानी समूह को अडानी ग्रुप की वजह से एनर्जी और इंफ़्रास्ट्रक्चर से जुड़ा एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिल पाया. साथ ही अडानी समूह और हीरानंदानी समूह कांट्रैक्ट पाने के लिए देश के कई इलाकों में एक दूसरे के खिलाफ बोली लगाते हैं. यानी दोनों समूहों में तगड़ा कॉम्पिटिशन है. और दुबे के आरोपों को ट्रांसलेट करें तो लगता है कि दर्शन हीरानंदानी ने खार खाकर महुआ मोइत्रा को पैसे दिए कि वो लोकसभा में अडानी को लेकर सवाल उठाएं. लेकिन ये आरोप हैं.

निशिकांत दुबे ने बस यही एक चिट्ठी नहीं लिखी थी. 15 अक्टूबर को ही उन्होंने केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर के नाम भी एक चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी में निशिकांत दुबे ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी को अपना लोकसभा वेबसाइट का लॉगिन, आईडी पासवर्ड दे दिए. फिर निशिकांत दुबे ने मांग रखी कि आईटी मंत्रालय महुआ मोइत्रा की लॉगिन आईडी की जांच करे. और पता लगाए कि क्या उनका लोकसभा अकाउंट किसी ऐसी जगह से चलाया गया, जहां वो खुद मौजूद नहीं थी?

निशिकांत दुबे ने जिस दिन यानी 15 अक्टूबर को ये आरोप लगाए थे, उसी दिन सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहादराई ने भी TMC सांसद के ख़िलाफ़ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) में एक हलफ़नामा भी दायर किया था. दुबे ने अपने पत्र में कहा था कि महुआ के खिलाफ उन्हें ये सबूत देहादराई ने ही दिए. और देहादराई कह रहे थे कि महुआ के खिलाफ सीबीआई जांच की जाए.

जब ये सारे कागज सामने आ गए, तो 15 सदस्यों की एथिकस कमिटी के पास गए. इस कमिटी के चेयरमैन थे भाजपा सांसद विनोद सोनकर. तो कमिटी की रिपोर्ट जब 8 दिसंबर को सदस्यों के सामने टेबल की गई, तो कुछ और बातें सामने आई. जैसे -

- महुआ पर ये भी आरोप लगाए गए कि उन्होंने ओडिशा से आने वाले एक सांसद से मदद ली. उक्त सांसद के जरिए महुआ के पास तोहफे और पैसे आए. उक्त सांसद और बिजनेसमैन दर्शन हीरानन्दानी ने महुआ का दिल्ली में मौजूद आवास भी रिनोवेट करवाने में मदद की. और इस काम में CPWD - Central Public Works Department के नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं. कुछ खबरों में कयास के स्तर पर बीजू जनता दल के पुरी से सांसद पिनाकी मिश्रा का नाम लिया जाता है. भाजपा ने उनके इस्तीफे की मांग भी की थी, जिसके जवाब में पिनाकी मिश्रा ने लीगल एक्शन लेने की बात कही थी.

- 17वीं लोकसभा, यानी साल 2019 से 2023 तक चल रही लोकसभा में महुआ मोइत्रा ने कुल 61 सवाल पूछे. उन पर आरोप हैं कि इनमें से 50 सवालों को कैश फॉर क्वेरी केस के लेंस से देखा जा रहा है. इल्जाम है कि इन सारे सवालों के लिए महुआ मोइत्रा ने दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए.

- महुआ ने अपने लोकसभा की लॉगिन आईडी और पासवर्ड ही दर्शन हीरानन्दानी को नहीं दिए. बल्कि उन्हें अपनी लोकसभा की ईमेल आईडी का भी एक्सेस दिया.

सभी आरोपों को समेटा गया. एथिक्स कमिटी बैठी. तीन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया. किन तीन लोगों को?
1 - लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे
2 - सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई
3 - पूर्व लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा

बता दें कि जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा एक लंबे समय तक रिलेशनशिप में थे. कुछ महीनों पहले दोनों एक दूसरे से अलग हो गए थे. 
किनको नहीं बुलाया गया?
1 - ओडिशा से आने वाले लोकसभा सांसद
2 - बिजनेसमैन दर्शन हीरानन्दानी

क्यों नहीं बुलाया गया? इसके बारे में कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई. बहरहाल, एथिक्स कमिटी ने कहा कि वो इन बुलाए गए लोगों से एविडेंस जुटाना चाह रहे हैं. यानी बोली गई बात को सबूत की तरह देखने की कोशिश. इसके लिए कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में ओरल एविडेंस का जिक्र किया. इसके अलावा एथिक्स कमिटी ने 3 मंत्रालयों को पत्र भी लिखे. और कुछ बातें पूछीं.

1 - गृह मंत्रालय ये पूछा गया- लोकसभा की लॉगिन शेयर करने के क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं?
- 1 जनवरी 2019 से 30 सितंबर 2023 तक महुआ मोइत्रा की विदेश यात्राओं के ब्यौरे, खासकर दुबई के. (क्योंकि दर्शन हीरानंदानी दुबई में ही रहते हैं)
2 - इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय से पूछा गया- 61 तारीखों की लिस्ट दी गई.  कहा गया कि इन 61 तारीखों पर महुआ ने 61 सवाल पूछे. दर्शन हीरानंदानी के कहने पर. महुआ की लोकसभा की आईडी के लॉगिन के समय, जगह, दिन तारीख की डीटेल चाहिए.
3 - विदेश मंत्रालय से पूछा गया- दर्शन हीरानन्दानी ने दुबई में मौजूद इंडियन कॉनसुलेट के जरिए जो हलफ़नामा दायर किया गया था, उस हलफनामे को वेरीफाई करिए.

इसके बाद रिपोर्ट में पूछताछ के ब्यौरे हैं. सबसे पहले जानिए कि सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने क्या कहा?

- मैंने आपको 61 सवालों में से 50 सवालों की लिस्ट सौंपी है. मैंने इनमें से कई सवालों के संदर्भ में महुआ और दर्शन हीरानन्दानी को बात करते हुए सुना और बाद में दर्शन हीरानंदानी ने खुद ये सवाल पोस्ट किये.
- महुआ मोइत्रा और हीरानन्दानी के बीच के संबंध बहुत गुप्त किस्म के थे. दोनों फोन पर बात करते थे. देश में और दुबई में सीक्रेट मीटिंग करते थे. महुआ ने कहा था कि वो दर्शन को मुझसे दूर रखेंगी. मैंने इसका विरोध किया था. 
- हीरानन्दानी महुआ को फोन करते थे. महुआ के फोन का ईयरपीस टूटा हुआ था. तो वो स्पीकर पर बात करती थीं. तो मैंने उन दोनों की बातें सुनीं. मैं कभी भी हीरानन्दानी से नहीं मिला.
- जब महुआ मोइत्रा ने लॉगिन आईडी शेयर करने की बात सुनी तो मैंने महुआ मोइत्रा से कहा कि ये सही नहीं है. वो दिक्कत में पड़ सकती हैं. मैंने ये भी कहा कि ये राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है कि क्योंकि उनकी आईडी विदेश से चलाई जा रही थी. 
- उन्होंने इस साल (2023) में मार्च और सितंबर के महीने में बाराखम्बा पुलिस स्टेशन के SHO की मदद से मेरे खिलाफ दो शिकायतें दर्ज कीं. दोनों फर्जी शिकायतें थीं. ये दोनों शिकायतें मुझ पर दबाव डालने के लिए और मुझे धमकाने की नीयत से दर्ज कराई गईं थीं. वो चाहती थीं कि मैं कुत्ते को लेकर एक अग्रीमन्ट साइन कर दूं, जिसे मैंने और उन्होंने मिलकर पाला था. लेकिन वो उस कुत्ते का मालिकाना चाह रही थीं. बाद में उन्होंने वो दोनों शिकायतें वापिस ले लीं.

इसके बाद एथिक्स कमिटी के सामने आए निशिकांत दुबे. उन्होंने सुरक्षा पर बात की. क्या कहा?

- ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. पूरी भारत सरकार NIC यानी National Informatics Centre पर है. ये निशिकांत या महुआ का मुद्दा नहीं है. पार्टियों का मुद्दा नहीं है. ये सारा सिस्टम NIC पर है. RAW, IB, CBI,ED, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मंत्रिमंडल और संसद सभी वहां पर हैं. और उससे जुड़ी लॉगिन डीटेल किसी दूसरे व्यक्ति के पास जाना गंभीर मुद्दा है.
- अगर ऐसा नहीं है तो संसद में इंट्रानेट क्यों है? एक पूरा अलग सिस्टम क्यों है? हमारे पास हर जगह की तरह इंटरनेट क्यों नहीं है?
- मैं टेक्निकल एक्सपर्ट नहीं हूं. आप बुलाइए किसी को. लेकिन मैंने टेलीफोन कंपनी में काम किया है. भारत सरकार जीमेल क्यों नहीं यूज करती है? वो अपना सिस्टम यूज करते हैं. ये किसी प्राइवेट एजेंसी के पास भी नहीं है. क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ मुद्दा है. वरना वहां कोई भी जाएगा, और किसी की भी सूचना डिलीट कर देगा.

इसके बाद महुआ मोइत्रा एथिक्स कमिटी के सामने आईं. जब पार्लियामेंट हाउस एनेक्सी में कमिटी उनसे पूछताछ कर रही थी, तो एकाधिक मौकों पर तमतमाई हुई मोइत्रा बाहर आईं थीं. उन्होंने आरोप लगाए थे कि कमिटी के लोगों ने उनसे पर्सनल सवाल पूछे थे. महुआ ने बाहर आकर बताया- 
- ये कुत्ते की बात नहीं है. ये उससे बहुत बड़ा मुद्दा है. (ध्यान दीजिए जय अनंत ने कुत्ते की कस्टडी का मुद्दा उठाया था. और खबरों में भी ये बात आई थी कि इसी कुत्ते की कस्टडी पर भड़के हुए जय अनंत ने महुआ के खिलाफ मोर्चा खोला था)
- जय देहादराई ने कहा कि मैं 2019 में सांसद बनने के पहले से ही दर्शन से पैसे ले रही थी. जबकि मैं देहादराई को अक्टूबर 2019 से ही जानती हूं.
- अगर मैंने कैश लिया है, तो ये सरासर गलत है. लेकिन इस आरोप को साबित करने के सबूत कहां हैं?
- यहां पर एक एक्स-बॉयफ्रेंड है, जिसने मुझे धमकाया है, मुझे प्रताड़ित किया है, मुझे अब्यूज़ किया है. जिसके खिलाफ मैंने शिकायत दर्ज की है. दिल्ली पुलिस इसकी गवाह है. और अब वही व्यक्ति मेरे खिलाफ गलत नीयत से शिकायत दर्ज कर रहा है.
- इस मामले में शिकायत करने वाले निशिकांत दुबे ने कहा है कि जय अनंत एक सुप्रीम कोर्ट वकील है और उसने कोई रिसर्च की है. लेकिन उन्होंने इस बात का जिक्र ही नहीं किया है कि वो मेरा बॉयफ्रेंड था, मेरे साथ रहा. लेकिन हमारा बहुत बड़ा ब्रेकअप हुआ और बहुत सारे सांसद इस बारे में जानते हैं. इस बात को खोला न जाना ज़ाहिर करता है कि ये पूरी शिकायत गलत मन्तव्य के साथ की गई है.

इसके बाद महुआ मोइत्रा ने कैश फॉर क्वेरी वाले सवालों पर अपने जवाब दिए. क्या कहा?

- हमारे पास दो लॉगिन और पासवर्ड होते हैं. एक है मेरी संसद की ईमेल आईडी का, और एक है लोकसभा के पोर्टल की लॉगिन डीटेल, जिसके जरिए ट्रैवल reimbursment लिए जा सकते हैं और सवाल पूछे जा सकते हैं.
- मैंने किसी को अपनी ईमेल आईडी का एक्सेस नहीं दिया. लेकिन मेरे पोर्टल का लॉगिन आईडी और पासवर्ड दर्शन हीरानन्दानी के पास था.
- दर्शन मेरे करीबी दोस्त हैं. मेरी उनसे हमेशा बात होती रहती है. वो काफी अमीर हैं. और मैं भी बैंकर रह चुकी हूं. और मेरे बहुत सारे दोस्त अमीर हैं. उनमें से कई दर्शन से 10 गुना ज्यादा अमीर हैं. मैं बंगाल की जिस जमींदार परिवार से आती हूं, वो भी काफी अमीर हैं. ये सब मेरे लिए कोई महत्व नहीं रखता है.
- मैंने दर्शन से कहा कि मेरे लिए ये बहुत इरिटेटिंग है कि मैं रोज जाऊं और सवाल टाइप करूं, ये बहुत इरिटेटिंग है. और अब उन्होंने इसके लिए एक पोर्टल बना दिया है. तो क्या इसमें मदद करने के लिए अपने ऑफिस से कोई आदमी दे सकते हो? मैं सवाल दे दूंगी. वो बंदा टाइप कर देगा. मेरे साथ के लोग नहीं कर पाएंगे क्योंकि वो लोग बांग्लाभाषी हैं. उनकी अंग्रेजी अच्छी नहीं है.
- दर्शन इस बात के लिए तैयार हो गए. कहा कि कोई दिक्कत नहीं, मैं उन्हें सवाल भेज दूं. (इसके बाद महुआ दर्शन हीरानन्दानी को सवाल भेजने लगीं)
- आप जब भी सवाल उपलोड करते हैं, तो आपको एक फोन नंबर देना होता है. उस नंबर पर OTP आता है. वो OTP डालने के बाद ही सवाल पोर्टल पर अपलोड हो सकता है. ऐसे में अगर दर्शन हीरानन्दानी के पास दो हजार सवाल हैं, तो वो उन्हें अपलोड नहीं कर सकते हैं. क्योंकि OTP के बिना वो जाएंगे नहीं. और OTP मेरे फोन नंबर पर आता है.
- ऐसे में वो सवाल डालते थे. मेरे नंबर पर OTP आता था. मैं उसे शेयर करती थी. तभी वो सवाल अपलोड हो पाते थे. मेरे नाम पर कोई अपने मन के सवाल अपलोड नहीं कर सकता है.
- जब मुझे सरकारी घर मिला. तो मैंने दर्शन हीरानन्दानी से बात की. उनके पिता निरंजन हीरानन्दानी बहुत बड़े रियल एस्टेट फर्म के मालिक हैं. मैंने वास्तु के हिसाब से डिजाइन मांगे. उन्होंने दिए. मैंने वो CPWD को दिया. और उन्होंने उस नक्शे के आधार पर उस घर को रिनोवेट कर दिया.
- उन्होंने मुझे गिफ्ट के तौर पर 4 चीजें दी हैं  -
1 - एक स्कार्फ
2 - बेबी ब्राउन का मेकअप
3 - घर का डिजाइन
4 - मुंबई और दुबई में अपनी कार और ड्राइवर (मैं जब भी इन शहरों में जाती हूं तो ये कार और ड्राइवर मुझे कहीं भी लाते-ले जाते हैं)

- मैंने ये गिफ्ट लिए तो ये unethical या क्राइम नहीं है. किसी से कैश लेना unethical और गैरकानूनी है.
- एक इंसान कहीं भी दोस्त बना सकता है. हमें इसकी इजाजत है. जन्मदिन पर गिफ्ट लेना, या किसी संबंध के आलोक में कभी भी गिफ्ट लेना या देना एकदम कानूनी है और सांसद के गरिमाक्षेत्र में आता है.
- मैं दुबई कुछ मौकों पर जरूर गई हूं, लेकिन दर्शन हीरानन्दानी से मिलने कभी नहीं गई. वो दुबई में रहते हैं, इसलिए उनसे मुलाकात हुई. कुछ मौकों पर मैं गई, तो वो दुबई में नहीं थे. इसलिए उनसे मुलाकात नहीं हुई.

ये थे महुआ के सब्मिस्शन. अब बात एथिक्स कमिटी की. उन्होंने क्या कहा-

- महुआ मोइत्रा अपने unethical conduct से मामले को भटकाने का प्रयास कर रही थीं. वो बार-बार जयअनंत और दर्शन हीरानन्दानी के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों की बात करना चाह रही थीं. लेकिन कमिटी की इसमें कोई रुचि नहीं थी. लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. और कमिटी का बहुत सारा वक्त बर्बाद किया. 
- कमिटी ने उनसे पूछा कि वो दुबई कितनी बार गईं और किस होटल में रुकीं? इस पर जवाब देने से महुआ मोइत्रा ने मना कर दिया. बल्कि कमिटी के चेयरमैन को बेहूदा और बेशर्म जैसे अपशब्द कहे. इस बात को एथिक्स कमिटी के सदस्य कुंवर दानिश अली ने ट्विस्ट किया. और कहा कि एथिक्स कमिटी के लोग "किसके साथ सोया" जैसे सवाल पूछ रहे थे.
- महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किया जाए.
- भारत सरकार समय रहते महुआ मोइत्रा पर लगे आपराधिक और जघन्य आरोपों की समय रहते कानूनी जांच कराए. 
- महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानन्दानी के बीच हुए पैसे के लेनदेन के मनी ट्रैल की जांच भारत सरकार करे.
- असंसदीय व्यवहार के लिए कुंवर दानिश अली को सतर्क किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो.

कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में जयअनंत देहादराई के दिए सवालों की लिस्ट भी दी. महुआ के लॉगिन पोर्टल पर 61 सवालों वाले दिन एक्टिविटी की डीटेल जैसे समय और जगह की लिस्ट भी दी. इसमें से अधिकांश एंट्री दुबई से की हुई थी. और महुआ की विदेश यात्राओं की डीटेल भी दी. जिसमें उन्होंने बीते 5 सालों में 4 बार दुबई की यात्रा की थी.

अब सवाल - महुआ मोइत्रा के पास रास्ते क्या हैं?
1 - वो संसद से इस फैसले का रिव्यू करने की अपील करें,
2 - वो सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करें,
3 - वो कुछ न करें, 4 महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ें. 
ये वो कुछ तरीके हैं, जो उन्हें वापिस संसद पहुंचा सकते हैं. या तो इस सत्र में. या तो अगले सत्र में.

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