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क्या है लॉटरी का पूरा प्रोसेस, जो आपको पैसे भी जिता सकता है और जेल भी भिजवा सकता है

जेल जाने की नौबत कब आएगी, पढ़ेंगे तो पता चल जाएगा.

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क्या है लॉटरी का खेला, और क्या जानना चाहिए आपको टिकट खरीदने से पहले. (तस्वीर: सिक्किम लॉटरी)
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12 नवंबर 2019 (Updated: 12 नवंबर 2019, 19:45 IST)
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20 सितंबर 2019 को केरल के छह लोगों की लॉटरी लगी. एक साथ. टिकट नंबर TM 160869 ने 12 करोड़ रुपए का पहला इनाम जीता. इस लॉटरी का नाम था केरल ओणम बंपर लॉटरी. अब आप पूछेंगे एक साथ कैसे? वो ऐसे कि ये छह लोग कोल्लम की एक गहने की दुकान पर काम करते थे. उन्होंने मिलजुलकर ये टिकट खरीदा था. जिस दिन खरीदा, उसके अगले दिन जीत भी गए. हर तरफ इनके चर्चे हुए.
Kerala Lottery Winners 700 वो 6 लकी विजेता जिन्होंने इनाम जीता. (तस्वीर: इंडिया टुडे)

केरल में खेली जाने वाले लॉटरी को लेकर खबरें आती रहती हैं. इनमें इनाम भी काफी तगड़े मिलते हैं. केरल में खेली जाने वाली कुछ मुख्य लॉटरियां हैं – स्त्री शक्ति, कारुण्या, निर्मल, अक्षय, पौर्णमी, विन विन. सबमें 60 से लेकर 70 लाख तक के  इनाम घोषित होते हैं. लेकिन भारत के कई राज्यों में आप लॉटरी नहीं खेल सकते. पर ऐसा क्यों है? भारत का कानून इस बारे में क्या कहता है? ऑनलाइन लॉटरी खेलने पर सजा हो सकती है क्या? चलिए, बताते हैं आपको आसान भाषा में.
लॉटरी कहते किसको हैं?
भारत सरकार के लॉटरी रेगुलेशन एक्ट (1998) के अनुसार लॉटरी एक ऐसी स्कीम को कहा जा सकता है जिसमें टिकट खरीदकर भाग लेने वाले लोगों को एक साथ इनाम जीतने का मौका दिया जाता है. यानी लॉटरी कहलाने के लिए ऐसे किसी भी खेल में
# ढेर सारे लोगों का एक साथ भाग लेना ज़रूरी है.
# टिकटों की खरीद-फ़रोख्त ज़रूरी है.
भारत में लॉटरी गैर कानूनी है. फिर कुछ राज्यों में कैसे खेली जाती है?
भारत में लॉटरी रेगुलेशन एक्ट (1998) लागू है. ये एक्ट साफ़-साफ़ तौर पर लॉटरी खेलने पर प्रतिबंध लगाता है. लेकिन इसमें एक छूट है. अगर राज्य सरकारें अपनी आधिकारिक लॉटरी चलाना चाहें, तो ऐसा कर सकती हैं. इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करनी ज़रूरी हैं. जैसे-
# कोई भी इनाम पहले से घोषित किसी नंबर या किसी एक सिंगल डिजिट के आधार पर नहीं दिया जाएगा.
# राज्य सरकार लॉटरी के टिकट पर इस तरह अपना लोगो लगाएंगी जिससे उसकी वैधता साबित हो सके.
# राज्य सरकार या तो टिकट खुद बेचेगी या फिर रजिस्टर किए हुए डिस्ट्रीब्यूटर (वितरक) या बिक्री एजेंट्स द्वारा.
# लॉटरी के टिकटों की बिक्री से होने वाला पैसा राज्य के पब्लिक अकाउंट में क्रेडिट किया जाएगा.
# सभी लॉटरियों के ड्रॉ राज्य सरकार ही कराएंगी.
# राज्य सरकार दारा घोषित समय सीमा के भीतर अगर इनाम की राशि क्लेम नहीं की जाती है, या सबसे बड़ा प्राइज किसी के नाम नहीं निकलता है, तो वो राज्य सरकार की प्रॉपर्टी हो जाएगी.
# ड्रॉ निकालने की जगह उसी राज्य की सीमा में तय की जाएगी जहां की लॉटरी है.
# किसी भी लॉटरी का एक हफ्ते में एक ही ड्रॉ होगा. उससे ज्यादा की इजाज़त नहीं है.
# ड्रॉ निकालने का समय राज्य सरकार ही तय करेगी और सभी ड्रॉ उसी समय में निकाले जाएंगे.
# एक साल में किसी भी लॉटरी के छह से ज्यादा बंपर ड्रॉ नहीं हो सकते.
# केंद्र सरकार इससे जुड़ा कोई भी निर्देश लाती है तो उसे फॉलो किया जाएगा. केंद्र सरकार के पास राज्य सरकारों को इस बाबत निर्देश देने का भी पूरा अधिकार है.
किन राज्यों में लॉटरी को कानूनी मान्यता मिली हुई है?
पूरे देश में लॉटरी पर बैन नहीं है. जिन राज्यों में आपको लॉटरी खेलने की छूट है, वो हैं:
केरल, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पंजाब, वेस्ट बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम, नागालैंड, और मिजोरम. पहले कर्नाटक और तमिलनाडु में भी लॉटरी खेली जाती थी, अब वहां भी बैन है. अब मान लीजिए आप उत्तर प्रदेश से हैं. लेकिन आपने केरल की लॉटरी खरीदी है. आपका इनाम निकला है. तो आपको वहां जाकर ओरिजिनल टिकट और अपना आईडी प्रूफ देना होगा अपना प्राइज इकठ्ठा करने के लिए. सरकारी बैंक, या रजिस्टर्ड टिकट वेंडर को. समय सीमा है- ड्रॉ निकलने के बाद 30दिन. रोक विक्रेताओं पर है. वो स्टेट के बाहर लॉटरी टिकट नहीं बेच सकते. लेकिन अगर आप खरीद रहे हैं, तो आप पर ऐसी कोई रोक नहीं है.
Karunya Lottery Indianexp 700 कारुण्य लॉटरी के टिकट. (तस्वीर साभार: इंडियन एक्सप्रेस)

ऑनलाइन लॉटरी खेलना गुनाह है?
सीधा जवाब: नहीं. कई साइट्स हैं जो आपको अंतरराष्ट्रीय लॉटरी खेलने का मौका दे सकती हैं. लेकिन ये सभी साइट्स वैध हों, इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता. कई बार इनको लेकर पैसों के फ्रॉड के मामले भी सामने आए हैं. कई वैध अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन लॉटरी साइट्स ये ऑप्शन देती हैं कि आप एजेंट्स के ज़रिए टिकट खरीदें. उसके बाद अगर प्राइज निकले तो आप उसे क्लेम करने के लिए दस्तावेज़ ले जाकर ऐसा कर सकते हैं. लेकिन इस पर जो टैक्स लगेगा, वो आपको देना होगा.
करोड़ रुपए की लॉटरी लग गई. मान लीजिए. तो क्या आप करोड़पति हो गए?
सीधा जवाब. ना. लॉटरी से मिलने वाला पैसा आपकी आय का हिस्सा माना जाता है. इसे इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज (यानी दूसरे स्रोतों से होने वाली आय) में गिना जाता है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत लॉटरी या गेम शो में जीते किसी भी इनाम पर टैक्स लगेगा. फ़्लैट 30 फीसद. चूंकि ये स्पेशल इनकम है, इसमें कोई भी बेसिक छूट नहीं मिलेगी. 10 लाख से ऊपर की इनामी राशि होगी तो उस पर सरचार्ज भी लगेगा. यानी एक करोड़ रुपए आपने जीते. उसमें से तीस लाख तो इनकम टैक्स गया. फिर दस फीसद एक्स्ट्रा सरचार्ज भी कटेगा. एजुकेशन CESS और हायर एजुकेशन CESS जैसे टैक्स कटेंगे. ये सभी टैक्स काटने की ज़िम्मेदारी उस संगठन की है जिससे आप इनाम जीत रहे हैं. तो आपको कुल मिलाकर साठ लाख से कुछ ज्यादा रकम मिलेगी. इसमें आपकी दूसरी आय नहीं जोड़ी जाएगी. अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपकी सैलरी में से जितना टैक्स कटता है, वो भी आपको देना होगा.
Kerala Lottery 700 इनके रिजल्ट अनाउंस भी सरकार ही करती है. पूरा रेवेन्यू भी सरकार मैनेज करती है. (तस्वीर: केरल लॉटरी वेबसाइट)

क्या लॉटरी जीतने के बाद ऐसा भी हो सकता है कि पैसा ना मिले?
डर गए? सोचिए आपको पता चले कि आपकी दस लाख की लॉटरी लग गई है. आप ख़ुशी के मारे प्लान बना रहे हैं. अपनी नई गाड़ी में बैठकर रोडट्रिप पर जाने के सपने देखते हुए आप लॉटरी ऑफिस पहुंचते हैं. वहां जाकर आपको पता चलता है, सॉरी भाईसाब. इस बार दिक्कत हो गई, पैसे तो न मिलेंगे.
ऐसा भी हो सकता है. हो चुका है.
साल 1992-93. तब तक लॉटरी एक्ट नहीं आया था. सुभाष कुमार मनवानी नाम के व्यक्ति ने मध्य प्रदेश में लॉटरी का टिकट खरीदा. जीता. लेकिन उसे पैसे देने से मना कर दिया गया. जब इस पर केस चला, और ये कहा गया कि चूंकि टिकट जिस रैफल कमिटी द्वारा बेचा गया था उसके पास मध्य प्रदेश सरकार से अनुमति थी, इसलिए ये लॉटरी गैर कानूनी नहीं थी. जस्टिस धर्माधिकारी और शुक्ला की डिविजन बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी. 1999 में दिए अपने निर्णय में उन्होंने कहा कि लॉटरी में दिया जाने वाला इनाम या उसका वादा जुए के दांव की तरह है. इसलिए इसके तहत हुआ कोई भी समझौता मान्य नहीं है. भारतीय कॉन्ट्रैक्ट एक्ट 1872 में लिखा है,
दांव लगाने पर बनाई गई सहमतियां अमान्य हैं (जुए से जुड़ा हुआ कोई भी दांव या जुए में खेलने वाली बाजी पर बनाया गया अग्रीमेंट अमान्य है). किसी भी दांव में जीते हुए इनाम के लिए या उसे किसी व्यक्ति/संस्था से निकलवाने के लिए कोई भी कानूनी मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता. किसी व्यक्ति को इस बाज़ी या दांव के रिजल्ट मानने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.
हालांकि 2014 में केरल हाई कोर्ट में एक केस सामने आया था जब टिकट खरीदने वाले को यह कहकर पैसे देने से इनकार कर दिया गया था कि वो केरल का निवासी नहीं है. और उसने केरल में अपने आने का कोई सुबूत भी नहीं दिया. इसलिए वो इनाम क्लेम नहीं कर सकता. लेकिन हाई कोर्ट ने लॉटरी कराने वालों के तर्क ख़ारिज कर दिए. और उस व्यक्ति को पैसे देने का निर्णय सुनाया. हालांकि इस मामले में एक पेच यह भी है कि इसमें लॉटरी के पैसों के लिए नहीं, बल्कि उससे जुड़ी प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाए गए थे, और मामला दर्ज हुआ था.
अगर लॉटरी के कानून का उल्लंघन करता हुआ कोई भी पाया जाता है तो उसे दो साल की सजा और जुर्माना, या फिर दोनों हो सकते हैं.
तो लॉटरी के सुनहरे सपने ज़रूर देखिए. लेकिन उसकी असलियत, और उसके नफ़े-नुकसान को अच्छे से ज़रूर समझ लीजिए.


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