साउथ कोरिया. यहां से लगभग पांच हजार किलोमीटर दूर. कोरिया हमारे लिए क्या है?सैमसंग और किम्छी? वो जगह जहां के मर्द भी मेकअप में खूब हाथ आजमाते हैं. लेकिन अबकोरिया को और पास से जानने का मौक़ा है. सत्यांशु दी लल्लनटॉप के दोस्त हैं. JNU केकोरियाई अध्ययन केंद्र में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. अभी कोरिया फ़ॉउंडेशन रिसर्चफेलो के तौर पर सौउल नेशनल यूनिवर्सिटी, साउथ कोरिया में काम कर रहे हैं. कोरियाईसाहित्य और अनुवाद इनकी रिसर्च के सब्जेक्ट्स हैं. घूमने-फिरने, तस्वीरें लेने औरक्रिकेट में दिलचस्पी रखते हैं. सत्यांशु हमारे लिए कोरिया के हाल लिख भेजते हैं.क्योंकि चिट्ठी साउथ कोरिया से आती है. इसलिए नाम है कोरिया कागज.--------------------------------------------------------------------------------कोरिया एक गज़ब का देश है. बड़ी मेहनत और समर्पण से लोगों ने इस देश को बनाया है.समस्याएं भी हैं, ख़ैर, किस देश में नहीं होती? पर यहां का माहौल खुशनुमा सा रहताहै. मौसम के मिजाज़ के साथ हर गली कूचे पार्क पर्वत रंग बदलते हैं और यहां के लोगइसका खूब आनंद लेते हैं. लोग सभ्य हैं पढ़े-लिखे हैं और बड़े क़ायदे से पेश आते हैं.घरों में बैठकर आराम नहीं करते, घूमते फ़िरते रहते हैं फ़िर चाहें 75 साल के दादा जीही क्यों न हों.एक नौकरी पेशा आदमी सुबह ब्रेकफ़ास्ट करके घर से निकल जाता है, जमकर काम करता हैं औरशाम में दोस्त या साथियों से मिलता जुलता है. लोगों का लंच और डिनर अमूमन बाहर हीहोता है, घर लौटते हैं तो सिर्फ़ आराम करने के लिए. दिन कैसे निकल जाता है पता नहींचलता यहां. सब कुछ इतना सिस्टेमैटिक और फ़ास्ट है कि कहीं किसी चीज़ के लिए कोई नंबरया लाइन नहीं लगानी पड़ती.हर काम सरल और सहज तरीके से हो जाता है. हाई लेवल करप्शन भले ही हो आम लोगों कोरोज़मर्रा के कामों में कोई करप्शन नहीं झेलना पड़ता है. अगर कहा जाये कि कोरियनलाइफस्टाइल आपको स्पॉइल कर देती है तो शायद कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. यहां कुछ सालआप रह लिए उसके बाद फिर आप किसी भी और देश में चले जाएं आपको एडजस्टमेंट करने मेंदिक्कत आएगी, ये पक्का है.आज भी औसत भारतीयों को कोरिया के बारे में कुछ ज़्यादा मालूम तो नहीं ही है. मुझेयाद है जब मेरा एडमिशन JNU में हुआ और मैंने अपने उरई (U.P.) के एक दोस्त को बतायाकि मैं कोरियन, जो कि कोरिया में बोली जाने वाली भाषा है, पढ़ने दिल्ली जा रहा हूं,उसने पलटकर बुन्देलखंडी में पूछा, "काय? कोरिया के लोग तो करिया होत होंए?" (क्यों?कोरिया के लोग तो काले होते होंगे?). यहां तक की LG, Samsung और Hyundai जैसी बड़ीकम्पनियां कोरियन हैं यह बात भी ज़्यादातर भारतीय नहीं जानते. कोरिया का नाम सुनकरलोग सीधा नॉर्थ कोरिया और न्यूक्लियर बम की बात करने लगते हैं.ख़ैर, अब लल्लनटॉप का ये प्लेटफ़ॉर्म है और मैं भी हूं. कोरिया कागज़ के इस अंक में आजबताता हूं आपको साउथ कोरिया के बारे में 6 ऐसे लल्लनटॉप तथ्य जो कोरिया में रहनेवालों के लिए आम हैं पर बाहरी दुनिया वालों के लिए बड़े रोचक हो सकते हैं.दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एकअमां क्या बात कर रहे हो मियां? नॉर्थ कोरिया से चिपका हुआ है और सबसे सेफ़?जी हां, यह सच है. वर्ल्ड बैंक और FBI के डेटा की मानें तो साउथ कोरिया दुनिया केटॉप 5 सबसे सुरक्षित देशों में से एक है. यहां डेमोक्रेसी है कोई डिक्टेटर शासकनहीं. क्राइम रेट काफ़ी कम है और इसका एक मुख्य कारण है यहां की 'गन यूज़ पॉलिसी'जिसमे गन यूज़ करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. साउथ कोरिया का क्राइम रेट वेरिएबलमहज़ 17.40 है. हम दिल्ली वालों के लिए ये बड़ी बात है, नई? मुझे तो JNU कैंपस सेबाहर जाने में ही टेंशन आने लगता है पर यहां बेफ़िक़्रों की तरह घूमता हूं. पुरुष होया महिला, दिन हो या रात कोई भी कहीं भी आ जा सकता है, कोई किसी से अभद्र व्यवहारनहीं करता. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि इनका कल्चर, एजुकेशन, मिलिट्रीट्रेनिंग आदि, पर जो भी हो कंट्री सेफ है. और हां, अगर नॉर्थ कोरिया से न चिपकाहोता न, तो शायद नंबर एक पर होता.Source: World Bank / FBI, Content Author: Statistic Brain, Date: March 4, 2016सबसे तेज़ इंटरनेट स्पीडइंटरनेट स्पीड और कनेक्टिविटी में नंबर 1 है दुनिया में. 92.4 प्रतिशत जनता इंटरनेटका इस्तेमाल करती है. हम तो अभी डिजिटल इंडिया की शुरुआत कर रहे हैं कोरिया तो कबसे डिजिटल हो रखा है. UN के ICT डेवलपमेंट इंडेक्स में लगातार नंबर एक पर रहा है.यहां पर औसतन इन्टरनेट स्पीड 26.7 Mbps है जबकि ग्लोबल औसत स्पीड है मात्र 5.6Mbps. शहरी इलाकों में यह औसत 100 Mbps के करीब है. और सुनो, यहां अब तो 1 GBps केकनेक्शन्स भी मात्र 20$ प्रति माह के दर पर रोल आउट होना शुरू हो गए हैं. मतलब 2Mbps वाले ब्रॉडबैंड के लिए मैं जितना MTNL को पे करता हूं दिल्ली में उतने दाम मेंयहां 1000 Mbps की स्पीड. घोर कलयुग है! कुछ यूनिवर्सिटीज़ और ऑफिसों में तो 10 Gbpsतक की स्पीड आती है. यहां की सरकार और उसकी पॉलिसीस ने इन्टरनेट और ब्रॉडबैंडसर्विसेज को काफ़ी बढ़ावा दिया है जिसका अच्छा प्रभाव आम जीवन के हर क्षेत्र मेंदेखने को मिलता है.Source : State of Internet Report, Author : Akamai Technologies, Year : 2015दुनिया की सबसे लंबी मेट्रो रेल सेवाअब बात यहां की मेट्रो सेवा की. तो दुनिया की सबसे लम्बी मेट्रो सेवा का ख़िताब भीसौउल के पास ही है. 1974 से शुरू हुई मेट्रो रेल सेवा 2013 तक के आंकड़ों के हिसाबसे 987.5 km लंबी हो चुकी है. समझ लो मुम्बई से बैंगलोर तक की दूरी तय कर चुकी है.ये न केवल सौउल बल्कि एयरपोर्ट और आस-पास की सॅटॅलाइट सिटीज़ को भी जोड़ती हैं. सौउलका मेट्रो नेटवर्क इतना गहरा है की शायद ही कोई ऐसी जगह या मोहल्ला हो जहां आपमेट्रो से नहीं जा सकते हों. औसतन भाड़ा लगभग 1$ के आसपास बैठता है. पूरा मेट्रो रेलसिस्टम बहुत ही साफ़ सुथरा, सुरक्षित और आरामदायक है. AC तो होता ही है, सर्दियोंमें तो सीटें भी ऑटोमैटिक गर्म होती हैं. यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखतेहुए प्लेटफार्म पर स्क्रीन डोर लगाए गए हैं जो ट्रेन के आने पर ही खुलते हैं.अनाउंसमेंट कोरियन के अलावा इंग्लिश, जैपनीज़ और चाइनीज़ में भी होता है. ट्रेन की हरकार में फ़्री और पेड wi-fi सेवा भी उपलब्ध है. कार होते हुए भी मेट्रो से सफर करनालोगों की ज़्यादा आसान लगता है. और शायद है भी.प्लास्टिक सर्जरी में अव्वलबात अगर रूप-रंग, सुंदरता को निखारने की करें तो उसमें भी कोरिया सबसे आगे ही है.कोरिया का 'प्रतिव्यक्ति प्लास्टिक सर्जरी रेट' दुनिया में सबसे हाई है. अमरीका भीचौथे नंबर पर आता है. ब्राज़ील और थाईलैंड के बाद.मेट्रो में, सड़क पर, जगह जगह पर सर्जरी क्लीनिक के बिफ़ोर और आफ़्टर वाले एड देखने कोमिलते हैं. एक वर्ग किलोमीटर में 300-400 क्लीनिक्स मिल जायेंगे आपको. अगर कोईरिश्तेदार कहता है कि "बेटा तुम अपने जौ को थोड़ा टेपर करवा लो तो और खूबसूरत लगोगी"तो ये कोई बुरा मानने वाली बात नहीं है. ये वैसे ही है जैसे कोई कहे "मॉड्यूलर किचनकरवा लो रेंट ज़्यादा मिलेगा".कोरियाई महिलायें अपनी मुखाकृति के बारे में ज़्यादा टेंशन नहीं लेतीं सीधे सर्जरीकरवा लेती हैं. यह बहुत कॉमन है. BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार 50% से ज़्यादा कोरियनमहिलाएं 20-30 वर्ष की आयु के बीच प्लास्टिक सर्जरी करवाती हैं. पुरुषों में यहप्रतिशत 15% है.इस लिस्ट में यहां के पूर्व राष्ट्रपति, रो मू ह्यौन भी शामिल हैं जिन्होंने अपनेकार्यकाल के दौरान ही डबल-आईलिड सर्जरी करवाई थी. यहां तो माता-पिता भी अपनी बेटीको बर्थडे गिफ़्ट के तौर पे सर्जरी पैकेज गिफ़्ट करते हैं. कोई बड़ी बात नहीं है.दोस्तों के साथ ग्रुप में जाओ तो डिस्काउंट भी मिलता है. मेरी एक कोरियाई मित्र काकहना है, "जब हम 19 साल के होते हैं तब लगभग सभी लड़कियां डबल-आईलिड सर्जरी करवातीहैं. अगर आप नहीं करवाते हो तो आपके ग्रुप की सभी लड़कियां कुछ साल में आपसे ज़्यादाखूबसूरत दिखेंगी. जल्दी सर्जरी करवाने का यह फ़ायदा है की आप ज़्यादा समय तक ख़ूबसूरतदिख सकते हैं."अगर आप सर्जरी के लिए किसी क्लीनिक जाते होतो तो पहले आपसे कुछ सवाल किये जाते हैंजो अमूमन इस प्रकार के होते हैं :आप सर्जरी क्यों करना चाहते हो? - जॉब पाने के लिए - शादी के लिए - आत्म विश्वासपाने के लिए - किसी ने आपको सलाह दी आपको किस तरह का लुक चाहिए? - नेचुरल - थोड़ाअलग - बिलकुल अलग आप किस एंटरटेनर की तरह दिखना चाहते हो? क्या आपके और भी मित्रहैं जो प्लास्टिक सर्जरी करवा रहे हैं? प्लास्टिक सर्जरी से मनचाहा रिजल्ट मिला तोआप क्या करेंगे? - बिना फोटोशॉप या फ़िल्टर इस्तेमाल किये हुए सेल्फी अपलोड करेंगे -अपने प्रेमी से मिलेंगे - किसी टैलेंट कम्पटीशन में भाग लेंगे - जॉब के लिए अप्लाईकरेंगेदुनिया भर में ब्यूटी, नेचुरल ब्यूटी और आर्टिफिशल ब्यूटी को लेकर डिबेट चलते रहतेहैं पर यहां के लोगों का सोचना थोड़ा अलग ही है. इनका मानना है जो ख़ूबसूरती हमें ऊपरवाले ने नहीं दी, वो डॉक्टर साहब दे रहे हैं तो कुछ पैसे खर्च कर ख़ूबसूरत दिखने मेंक्या बुराई है? और हां, एक और मज़ेदार बात, यहां के कुछ हस्पताल और क्लीनिक तोप्लास्टिक सर्जरी सर्टिफिकेट्स भी इशू करते हैं. वो क्या है न, सर्जरी के पश्चातआपकी शक्ल आपकी पासपोर्ट फ़ोटो से अलग जो दिखती है. तो इमीग्रेशन वगैरह में आप येसर्टिफिकेट दिखा सकते हैं.मदिरा पान में भी सबसे आगेदुनिया के सबसे हार्ड-कोर अल्कोहल ड्रिंकर्स साइबेरिया में नहीं साउथ कोरिया मेंपाए जाते हैं. और वो सोजू पीते हैं. साउथ कोरिया का प्रति व्यक्ति प्रति सप्ताह औसतलिकर इन्टेक 13.7 शॉट्स है. यह रूस के मुक़ाबले 2 गुना और जर्मनी के मुक़ाबले 4 गुनेसे भी ज़्यादा है. वैसे इस रिकॉर्ड का श्रेय सोजू को जाता है जो कि पूरी लिकरइंडस्ट्री का 97% छेंके हुए है. सोजू एक फेर्मेंटेड राइस स्पिरिट है और यहां केलोगों को वो बहुत पसंद है. अमीर हो या गरीब सब 1$ वाली सोजू ही पीते हैं. हर छोटेबड़े स्टोर में अल्कोहलिक ड्रिंक्स उपलब्ध हैं. और कहीं पीने पर रोकटोक भी नहीं है.'अल्कोहलिक पैराडाइस' बुलाते हैं साउथ कोरिया को. वैसे मदिरा पान कोई अच्छी चीज़ तोहै नहीं और इससे समाज और परिवार में दिक्कतें भी होती हैं इसलिए यहां की सरकार नेकई कार्यक्रम भी चलाए हैं, लोगों को चेताने के लिए. लेकिन पीना पिलाना इनकी परम्पराऔर संस्कार का हिस्सा रहा है. चाहे वो दोस्तों के साथ पीना हो या फिर किसी त्यौहारपर अपने दिवंगत पूर्वजों को याद करते हुए फल आदि के साथ भेंट स्वरुप चढ़ाना हो. जैसाकि आप जानते होंगे कोरिया पर कंफ्यूशियनिज़्म का काफ़ी प्रभाव रहा है और बड़ों का आदरकरना कंफ्यूशियनिज़्म का मूल आधार है. अगर कोई आपसे बड़ा आपको पीने के लिए कहता है तोउसका आदर करते हुए आप उसे NO नहीं कह सकते चाहें पीना बुरी बात ही क्यों न हो. इसेकंफ्यूशियन कंफ्यूज़न (confucian confusion) कहा जा सकता है.मुझे याद है जब मैं सौउल नेशनल यूनिवर्सिटी में MA करने आया और अपने कोरियाई गुरूजीसे मिला तो उनका पहला सवाल यही था कि पीते हो कि नहीं? मैंने कहा जी थोड़ा बहुत.बोले फिर ठीक है मेरे अंडर में Phd भी कर सकते हो.GANGNAM STYLE की धूमखांगनाम स्टाइल तो सुना ही होगा. किसने नहीं सुना? रैपर PSY (पार्क जे सांग) द्वारागाया गया ये पॉप सॉन्ग इतना फेमस हुआ की दुनिया के हर कोने में इसकी गूंज सुनाई दी.भारत में भी ये काफ़ी सुना गया और IPL के समय क्रिस गेल, विराट कोहली, और सर जडेजाभी इसका हॉर्स राइडिंग वाला सिग्नेचर स्टेप करते ग्राउंड में नज़र आये. 1 बिलियनव्यूज का आंकड़ा पार करने वाला पहला यूट्यूब विडियो बना. अब तक 2.7 बिलियन हिट्स होचुके हैं और इसने बहुचर्चित जस्टिन बीबर के 'बेबी' को भी पॉपुलरिटी की रेस में काफ़ीपीछे छोड़ दिया है. 'खांगनाम' सौउल का एक पॉश इलाका है और खांगनाम स्टाइल उस इलाकेही लक्ज़री लाइफस्टाइल को दर्शाता है. इस गाने को कोरिया का अब तक का सबसे सफ़ल K-पॉपएक्सपोर्ट माना जा रहा है. आप भी सुनिये,https://www.youtube.com/watch?v=9bZkp7q19f0आपने शायद कोरियन वेव (कोरियाई लहर) के बारे में सुना होगा. K-पॉप, K-ड्रामा औरK-मूवीज का सम्मिश्रण है. कोरियन वेव और ये एक लहर की तरह दुनिया के कई हिस्सों मेंछा रही है. कोरियाई सरकार भी खूब ज़ोर शोर से दुनिया भर में इसे प्रचारित करती है.कोरियन सॉफ्ट पॉवर का एक मज़बूत स्तंभ है कोरियन वेव (कोरियन वेव के बारे मेंविस्तृत चर्चा किसी और अंक में) और कोरियन वेव का अब तक का सबसे पॉपुलर प्रॉडक्ट है'खांगनाम स्टाइल'.अजब गजब बात तो ये है की इस गाने को साउथ कोरियन आर्मी ने नॉर्थ कोरिया के ख़िलाफ़ एकहथियार की तरह भी इस्तेमाल किया. वो कहते हैं न "desperate times call fordesperate measures". जनवरी 2016 में जब नार्थ ने ये क्लेम किया कि उन्होंनेहाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है, तब साउथ ने अमेरिका के साथ मिलकर कई बड़े फैसलेलिए. उसमे से एक था नॉर्थ कोरियन स्टालिनिस्ट डिक्टेटर 'किम जौंग उन' के बर्थडेवाले दिन नार्थ कोरिया बॉर्डर पर K-पॉप ब्लास्ट करना. जी हां, K-पॉप ब्लास्ट. ऐसामाना जाता है किम को UN सैंक्शन और बाकी दुनियादारी से ज़्यादा फ़र्क नहीं पड़ता परसाउथ कोरियन पॉप म्यूजिक से वो बेहद नफ़रत करता है और नहीं चाहता कि नॉर्थ के लोगोंपर इसका प्रभाव पड़े. बॉर्डर पर लाउडस्पीकर प्रोपगैंडा काफ़ी समय से होता आ रहा है,यह पहली बार था जब स्पीकर की बन्दूक में K-पॉप की गोलियां भरकर फायर किया गया. येएम्प्लीफाइड मिलिट्री लाउडस्पीकर नार्थ कोरिया में 20 मील अंदर तक सुने जा सकतेहैं. सुना है कि गोलियों से ज़्यादा असर इन गानों का हुआ है.वैसे ज़रा सोचिये, अगर आप एक बेरंग देश में हैं जहां एक तानाशाह शासक आपकी हेयरस्टाइल तक तय करता है वहां अगर थोड़ा 'खांगनाम स्टाइल' हो जाये तो शायद आपका दिनथोड़ा बेहतर हो सकता है. नहीं?- कोरिया के ऐसे ही और भी रोचक पहलुओं से आपकी मुलाक़ात करवाता रहूंगा पढ़ते रहिये'कोरिया काग़ज़'. धन्यवाद.--------------------------------------------------------------------------------सदी की सबसे बड़ी खोज होगी, ऐसा कोरियन जो किम्छी न खाता होजो यहां के लिए आम है, उस बात पर राष्ट्रपति की कुर्सी जा रही हैसाउथ कोरिया: यहां तो कूड़ा-कचरा पैदा करने के भी पैसे लगते हैं