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केरल नन रेप केस में बरी चर्च के बिशप ने अब इस्तीफ़ा क्यों दे दिया?

13 बार अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था नन ने...जनवरी 2022 में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए फ्रैंको को बरी कर दिया था.

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जालंधर बिशप फ्रैंको मुलक्कल (फोटो सोर्स- इंडिया टुडे)
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शिवेंद्र गौरव
2 जून 2023 (Updated: 2 जून 2023, 18:30 IST)
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साल 2018 का नन रेप केस (Kerala Nun Rape Case). कैथोलिक पादरी फ्रैंको मुलक्कल पर नन के रेप का आरोप लगा. देश में पहली बार कोई कैथोलिक बिशप बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार हुआ. फिर बीते साल बिशप फ्रैंको को रेप के आरोप से बरी कर दिया गया था. अब 1 जून, 2023 को उन्होंने जालंधर क्षेत्र के बिशप के पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.

इस्तीफ़ा क्यों दिया?

'होली सी' या 'परमधर्म पीठ' नाम की संस्था को रोमन कैथोलिक चर्च और पोप का राजनयिक प्रतिनिधि कहा जाता है. इसका मुख्यालय वेटिकन सिटी में है. वही वेटिकन सिटी जो दुनिया का सबसे छोटा संप्रभु देश है. होली सी को आप एक तरह से रोमन चर्च और पोप की सरकार मान लीजिए. दुनिया के कई देशों में इस होली सी के डिप्लोमेटिक मिशन होते हैं. इन्हें वेटिकन सिटी का धार्मिक राजदूतावास या एपस्टोलिक ननसियेचर भी कहा जाता है. इंडिया के एपस्टोलिक ननसियेचर ने फ्रैंको के इस्तीफे की जानकारी दी है. मिशन की तरफ से कहा गया कि 'होली सी' ने फ्रैंको से इस्तीफ़े का अनुरोध किया था. ऐसा उन पर किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए नहीं, बल्कि धर्मक्षेत्र के भले के लिए किया गया है. ख़ास तौर पर डायोसीज़ के लिए, जहां एक नए बिशप की जरूरत है. डायोसीज़ माने एक धर्मक्षेत्र. इस इलाके के अंदर की चर्चें उस डायोसीज़ के बिशप के अधीन होती हैं. फ्रैंको, जालंधर डायोसीज़ के पादरी थे. पंजाब और हिमाचल प्रदेश के चर्चों पर उनका अधिकार था.

वेटिकन सिटी की तरफ से फ्रैंको का इस्तीफ़ा मांगे जाने के बाद, उन्होंने एक वीडियो जारी किया. फ्रैंको ने वीडियो में बताया,

"मैंने अपने सीनियर्स से चर्चा करने के बाद इस्तीफ़ा दिया था जिसे पोप ने गुरुवार (1 जून) को स्वीकार कर लिया है. मैंने जो भी तकलीफें उठाई हैं मैं उन्हें ईश्वर (God) को समर्पित करता हूं. मेरे आंसूं चर्च के सुधार में मदद करेंगे."

बीते साल जनवरी में पादरी फ्रैंको को केरल के कोट्टायम जिले की एक कोर्ट ने रेप के मामले में बरी कर दिया था. इसके बाद कोर्ट के इस फैसले को केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. लेकिन अभी तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आया है.

रेप केस में क्या हुआ? 

ये मामला शुरुआत से समझ लेते हैं-

इंडियन एक्सप्रेस अख़बार की एक खबर के मुताबिक, जून 2018 में केरल के कोट्टायम जिले की एक सीनियर नन ने फ्रैंको के खिलाफ कुराविलंगड थाने में FIR दर्ज करवाई थी. आरोप लगाया था कि फ्रैंको ने साल 2014 से 2016 के बीच, मिशन कॉन्वेंट में (वो जगह जहां ननें रहती हैं) उसके साथ 13 बार अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए.

सितंबर, 2018 में ननों ने फ्रैंको की गिरफ्तारी की मांग करते हुए केरल हाईकोर्ट के सामने भूख हड़ताल की. इसके बाद फ्रैंको को गिरफ्तार कर जालंधर से कोच्चि लाया गया. पुलिस ने कड़ी पूछताछ भी की. लेकिन एक महीने बाद फ्रैंको को जमानत मिल गई.

फ्रैंको ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया था. उनका कहना था कि उन पर रेप का आरोप लगाने वाली नन के खिलाफ एक महिला ने उनसे शिकायत की थी. जिसके चलते उन्होंने उस नन के खिलाफ कार्रवाई की. इसलिए वो मनगढ़ंत आरोप लगा रही है. मुलक्कल ने आरोपों के खिलाफ केरल हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी.
इसके बाद सितंबर 2020 में कोट्टायम के एडिशनल सेशंस कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू हुई. कुल 83 गवाहों से सवाल जवाब हुए. इनमें कई ननें, पादरी और जज शामिल थे. जनवरी 2022 में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए फ्रैंको को बरी कर दिया.

कोर्ट का कहना था,

"जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब सच को झूठ से अलग करना संभव न हो तो अकेला रास्ता यही है कि सबूत को पूरी तरह खारिज कर दिया जाए. पहले सरकारी गवाह (पीड़िता)  ने अकेले में जो गवाही दी है, उस पर भरोसा करके अदालत अभियुक्त को लगाए गए आरोपों में दोषी करार देने में खुद को लाचार पाता है."

दूसरी तरफ, आरोप लगाने वाली नन के वकील का कहना था कि पीड़िता के बयानों में मामूली अंतर आने पर उस पर शक किया गया. बयान में मामूली बदलाव भरोसेमंद होता है. जबकि तोते जैसे रटे बयानों को खारिज करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट इसी नियम को मानता है. लेकिन ये अदालत ये बात नहीं समझ पाई.

ये केस बहुत अहम है, क्योंकि ये पहली बार है, जब भारत में किसी कैथोलिक बिशप को बलात्कार जैसे मामले में आरोपी बनाया गया हो. जब ये मामला आया, उसी दौरान दुनिया के कई देशों से कैथोलिक चर्च के पादरियों द्वारा यौन शोषण के मामले सामने आए थे. अगस्त 2018 में पोप फ्रांसिस ने इन घटनाओं पर दुःख जाहिर किया था. फ्रैंको को भी आरोप लगने के बाद 2018 में चर्च में उनके आधिकारिक कामों से अस्थायी रूप से मुक्त कर दिया गया था. और अब उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया है.

वीडियो: केरल नन रेप केस में आरोपी बिशप को कोर्ट ने किया बरी

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