कहानी उस आदमी की, जिसने कॉफी कप को जैकेट पहना करोड़ों कमा डाले, आज भी फैमिली रॉयल्टी गिनती है
कहानी कॉफी के पेपर ग्लास पर लगने वाले उस जालीदार रोल की, जिसकी रॉयल्टी आज भी एक परिवार को मिलती है. गोदी में गिरी गर्म कॉफी और फिर दिमाग हुआ गर्म. मगर गुस्से में नहीं बल्कि कॉफी की गर्मी को ठंडा करने के लिए. आगे की कहानी रोचक है.
सात पुश्तें बैठकर खायेंगी. कमाई को जोड़कर बोली जाने वाली अगर ऐसी कोई कहावत वाकई में है, तो हम आपको आज उसका असल उदाहरण बताते हैं. अरे-अरे ठहरिए तो सही, रुकिए तो जरा. हम आपको टाटा-बिरला के बारे में नहीं बताने वाले. उनका बड़ा बिजनेस है बाबा और कमाई भी खूब. हम तो आपको एक भाई साब के बारे में बताने वाले हैं, जिनको लगा ‘ताता’ और फिर उन्होंने सब गोल घुमा दिया. कागज से किया कमाल. अपने आविष्कार को पेटेंट करवाया और आज जब किसी और को ‘ताता’ लगता है, तो जेब उनकी गर्म होती है.
सब बताते हैं मगर पहले जरा 'ताता' बताते हैं. दरअसल ऐसा कोई शब्द नहीं है, मगर जब छोटे बच्चे को कुछ गर्म लगे तो कई बार पेरेंट्स ऐसे बोलते हैं. मतलब 'ओ ताता है'. हमारी कहानी में ये शब्द फिट बैठता है इसलिए लिखा. हालांकि यहां पेरेंट्स ने नहीं बल्कि बच्चे ने अपने पापा को कहा होगा (ऐसा हम मानते हैं). वो भी जब उसको स्कूल छोड़ते वक्त पापा की गोदी में गर्म कॉफी गिर गई होगी. यहां लेते हैं अल्पविराम और जरा अपनी बात करते हैं.
हम पेपर कप में चाय पीते हैं और अगर गर्म लगे तो एक और कप निच्चु लगा लेते हैं. जो गिलास गर्म हो, तो फिर जेब में आराम फरमा रहा रुमाल काम आता है. लेकिन ऐसा तो अपन मतलब आम आदमी करते हैं. बड़े आदमी गर्म कप और गिलास से बचने के लिए उसके ऊपर एक पेपर का रोल लपेट लेते हैं. याद नहीं आ रहा तो किसी भी बड़े कॉफी ब्रांड का गिलास याद कर लीजिए. ब्राउन कलर का जालीदार रोल या कवर लगा होता है. याद आ ही गया होगा तो अब इस बात को देते हैं पूर्ण विराम और चलते हैं सीधे अमेरिका.
दरअसल ये कोई मामूली कवर नहीं है. एक बाप का आविष्कार है, जिसकी रॉयल्टी आज 33 साल बाद भी उनके बच्चों को जाती है. इस गोल-गोल रोल का नाम Java Jacket और इसके पीछू है Jay Sorensen नाम का अमेरिकी आदमी. साल था 1991, जब Sorensen अपनी बेटी को स्कूल ड्रॉप करने जा रहे थे. आम अमेरिकियों के जैसे उन्होंने खरीदी कॉफी. कॉफी का गिलास इतना गर्म कि पूरी कॉफी उनकी गोदी (lap) में गिरी. इसलिए हमने शुरुवात में कहा कि शायद उनकी बेटी ने प्यार से पापा से कहा होगा. पापा ‘ताता’ (गर्म) लगा क्या!
नाम के पीछे की कहानीखैर इस गिरी हुई कॉफी को उठाने का बीड़ा उठाया Sorensen महाशय ने. उन्होंने लगाया दिमाग और रिसाइकिल होने वाला रोल बना डाला. नाम के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प. Sorensen जो कॉफी पीते थे उसका नाम था Java. एकदम वैसे ही जैसे Cappuccino या Latte होता है. इसको उन्होंने पहना दी स्लीव मतलब जैकेट, तो नाम पड़ा Java Jacket.
Sorensen की जैकेट को वहां की कॉफी शॉप ने जल्दी ही पहन लिया. मतलब हाथो-हाथ लिया. ये बात Sorensen को समझ आ गई और उन्होंने अपनी पत्नी Colleen के साथ इसको बिजनेस बनाया और साथ में इसका पेटेंट भी हासिल कर लिया. महज कुछ महीनों बाद Seattle शहर में हुए एक ट्रेड शो में Java Jacket ने भौकाल मचा दिया.
बस कहानी इतनी ही है. क्योंकि दुनिया-जहान में करोड़ों रोल बिकते हैं. अमेरिका जैसे देशों में जहां कॉफी खूब पी जाती है, वहां के कॉर्नर शॉप से लेकर पांच सितारा कॉफी हाउस में Java Jacket जिन्दाबाद. रही बात Sorensen परिवार की, तो उनको रॉयल्टी पर रॉयल्टी मिले जा रही.
कितनी? जानकर दुखी क्यों होना! चलिए कॉफी पीते हैं.
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