इजरायल-हमास जंग के बीच लंदन की दीवार पर बनी इस पेंटिंग की चर्चा क्यों?
पेंटिंग में तीन लोगों को एक रोबोटिक हथियार जैसी किसी चीज को घसीटते हुए दिखाया गया है.
इज़रायल और हमास में जंग (Israel hamas war) जारी है. दुनिया इस जंग पर बात कर रही है. बात मानवाधिकारों की, ज़मीनी हक़ की, दो पक्षों के बीच खूनी रंजिश के इतिहास की. सही और गलत की. इंग्लैंड का एक गुमनाम कलाकार भी है. दीवारों पर रंगों से तस्वीरें उकेरता है. तस्वीरों के जरिए ऐसे संदेश देता है, जिनकी चर्चा दुनिया भर में होती है. उसने एक नई तस्वीर उकेरी है. लंदन के एजवेयर रोड अंडरग्राउंड स्टेशन के बाहर.
जंग पर चर्चा के बीच इस तस्वीर का भी जिक्र हो रहा है. इसमें तीन लोगों को एक रोबोटिक हथियार जैसी किसी चीज को घसीटते हुए दिखाया गया है. इलाके के लोग इस वॉल पेंटिंग को देखने आ रहे हैं. कुछ का कहना है कि ये पेंटिंग आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के खतरों के बारे में आगाह करती है. कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि ये इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर, दुनिया के रुख और उसकी स्थिति को दर्शाती है. ऐसा कहने के पीछे इस कलाकार की कला का पुराना इतिहास भी एक वजह है.
गुमनाम कलाकार का नाम 'बैंक्सी'इस गुमनाम कलाकार के नाम को लेकर सिर्फ अंदेशे हैं, असली नाम किसी को नहीं मालूम. लोगों ने नाम दिया है- बैंक्सी. उसके भित्ति चित्रों को बैंक्सी के चित्र कहा जाता है. 2000 के दशक की शुरुआत से, उनके चित्र फिलिस्तीन के इलाके में देखे जा रहे हैं. वेस्ट बैंक की कहानी हम आपको बता ही चुके हैं. उसकी 700 किलोमीटर से ज्यादा लंबी दीवार जो इज़रायल और फिलिस्तीन को बांटती है, उस पर भी बैंक्सी के ब्रश के रंग दिखते हैं. बैंक्सी का अपना एक होटल भी है- इसी दीवार के पास. बेथलहम शहर में.
और गाज़ा पट्टी, जहां आज बम झेल रही इमारतों का मलबा इकठ्ठा हो रहा है, उसके बारे में बैंक्सी के कुछ मशहूर बयान हैं. इस इलाके में भी उनकी कुछ वॉल पेंटिंग्स हैं.
बैंक्सी ने गाज़ा पर क्या कहा है?इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर बैंक्सी ने काफ़ी-कुछ कहा है. उनके सबसे प्रभावी बयान, उनके साल 2015 के एक वीडियो में हैं. वीडियो में गाज़ा को एक टूरिज्म प्लेस बताया गया है. कैप्शन में लिखा है,
“इस साल आप एक नई मंज़िल खोजिए...गाज़ा में आपका स्वागत है.”
ये स्टेटमेंट, एक तीखे तंज सा लगता है. क्योंकि इसमें आगे गाज़ा की ध्वस्त इमारतें दिखाई गई हैं और लिखा है,
“लोकल्स को ये जगह इतनी पसंद है कि वो इसे कभी नहीं छोड़ते. क्योंकि उन्हें इसकी अनुमति नहीं है.”
वीडियो में अवैध सुरंगें दिखाई गई हैं. इज़रायली सैनिक भी दिखते हैं. कैप्शन में आता है,
“तीन तरफ से दीवारों से घिरा हुआ इलाका. जिसके एक तरफ बंदूकों से लैस नावों की कतारें हैं. इलाके की निगरानी पड़ोसी दोस्त कर रहे हैं.”
ये भी लिखा है कि इस इलाके में "नवीनीकरण और विकास की पर्याप्त संभावना" है.
दीवारों पर बनी बच्चों की झूला झूलते हुए तस्वीर दिखती है. एक बिल्ली की भी वॉल पेंटिंग है, जिसे एक फिलिस्तीनी व्यक्ति के हवाले से आजाद बताया गया है.
आखिरी में एक लाइन और है अंग्रेजी में. मायने कुछ यूं हैं-
"अगर हम शक्तिशाली और शक्तिहीन के बीच के संघर्ष पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते तो हम शक्तिशाली के पक्ष में हो जाते हैं. हम तटस्थ नहीं रहते."
बैंक्सी ने साल 2014 में कहा था,
बैंक्सी का होटल"ऑपरेशन प्रोटेक्टिव एज (इज़रायल का सैन्य अभियान) ने 18 हजार घर तबाह कर दिए."
मार्च 2017 में, बैंक्सी ने सोशल मीडिया पर अपने होटल के बारे में बताया था. इसका नाम है- The Walled Off Hotel. ये वेस्ट बैंक मॉल के बगल में है.
बैंक्सी ने होटल के बारे में लिखा था कि इसमें सुंदर कमरे हैं. प्रेसिडेंशियल सूट्स हैं. गेस्ट रूम्स को बैंक्सी, सामी मूसा, पेट्रिन जैसे आर्टिस्ट्स ने पेंट किया है. और इस होटल का ऑउटफिट, इज़रायली सेना के बैरक के सरप्लस सामान से सजाया गया है.
होटल के परिसर में एक गैलरी है, जिसमें फिलिस्तीनी कलाकारों की कलाकृतियां हैं. एक म्यूजियम भी है, जिसमें ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशंस हैं. इनमें इस इलाके का इतिहास, मिलिट्री-पोर्नोग्राफी और ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हो चुकी डाक्यूमेंट्री, ‘5 Broken Cameras’ के दृश्य दिखाए जाते हैं.
इस होटल की दीवार पर भी कई तस्वीरें हैं, मसलन- एक दीवार पर कुछ पंख उकेरे हुए हैं. और इज़रायली और फिलिस्तीनी सिपाहियों के बीच पिलो-फाइटिंग दिखाई जा रही है-
एक बंदर है जो कुली बना हुआ है. प्रेसिडेंशियल सूट में एक चीते की तस्वीर है. होटल में लगी तस्वीरों में से एक में भूमध्यसागर का नजारा है. ये तस्वीर साल 2020 में एक ऑक्शन में 19 करोड़ रुपए से ज्यादा में बिकी थी. इसे बेथलहम के एक NGO को दान कर दिया गया.
होटल की वेबसाइट पर बीती 12 अक्टूबर को एक पोस्ट के जरिए बताया गया कि इलाके की ताजा स्थितियों के चलते ये होटल कुछ वक़्त के लिए बंद कर दिया गया है.
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कुछ और कृतियांबैंक्सी और कुछ दूसरे कलाकारों की कुछ और कृतियां भी इस इलाके की स्थितियों को बयान करती हैं. बैंक्सी की पुरानी वॉल पेंटिंग्स में से एक साल 2003 की है. ये जेरुसलेम में बनी है. इस पेंटिंग का नाम है- Love Is In The Air. इसे ‘फ्लावर थ्रोअर’ भी कहते हैं. जब वेस्ट बैंक की दीवार बनी, उसके कुछ वक़्त बाद ही इसे बनाया गया था. इसमें एक नौजवान, अपनी बाहें फैलाए, आक्रामकता के साथ कुछ फेंक रहा है. ये बम नहीं, फूलों का एक गुलदस्ता है.
बेथलेहम में एक दीवार पर एक और तस्वीर है. इसका नाम है- The Armoured Dove. इसमें एक फ़ाख्ता, बुलेटप्रूफ जैकेट पहने है.
एक दूसरी तस्वीर में एक छोटी लड़की है. माना जाता है कि फिलिस्तीनी है. इसे इज़रायली सैनिक की तलाशी लेते हुए दिखाया गया है-
एक दीवार पर बनी तस्वीर में एक इज़रायली सैनिक को गधे से उसका आईडी कार्ड मांगते दिखाया गया है. एक तस्वीर बेत हनून इलाके में एक दरवाजे पर है, जिसे इज़रायली सेना द्वारा ध्वस्त किया जा चुका है. इस तस्वीर में जो फीगर है उसने सिर पर लाल स्कार्फ पहना हुआ है. ये तस्वीर ग्रीक माइथोलॉजी में मशहूर शख्सियत निओब (पश्चिमी एशिया के प्राचीन लिडिया प्रांत के किंग की बेटी) से प्रेरित मानी जाती है. जो अपने बच्चों की मौत का शोक मनाते हुए रोई और पत्थर में तब्दील हो गई थी.
इस इलाके में बैंक्सी की सबसे चर्चित वॉल पेंटिंग्स साल 2005 की हैं. ये सभी इज़रायल और वेस्ट बैंक को बांटने वाली दीवार (segregation wall) पर बनी हैं. इनमें से एक में दो बच्चे समुद्र की रेत से महल बना रहे हैं. तस्वीर दीवार के टूटे हुए हिस्से पर बनी है.
दीवार के दूसरे हिस्से में एक लड़की है. गुब्बारों के साथ. एक और तस्वीर है. इसमें दीवार के पार जाने के लिए एक सीढ़ी बनी है.
इस इलाके के आम नागरिकों के जीवन पर जो बुरा असर पड़ा, उसके बैकग्राउंड में किसकी क्या भूमिका रही. हमास, PLO, इस्लामिक जिहाद. इज़रायल, मोसाद, अमेरिका या यूनाइटेड नेशंस. इन सबने क्या किया, क्या कर रहे हैं, इस पर कई दशकों से शंकापूर्ण चर्चा हो रही है, आगे भी होती रह सकती है. लेकिन बैंक्सी की नजर में ये इलाका एक खुली जेल है. जेल से भी बदतर.
साल 2015 में, अंग्रेजी अख़बार द इंडिपेंडेंट ने बैंक्सी के हवाले से गाज़ा के बारे में लिखा था,
"गाज़ा को दुनिया की सबसे बड़ी खुली जेल कहा जाता है. क्योंकि यहां न किसी को आने की इजाज़त है और न जाने की. इसे जेल भी कहना ठीक नहीं है. क्योंकि जेलों में भी लगभग रोज पानी और बिजली नहीं काटी जाती."
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