अभी इंडिया की तरफ से कुश्ती का इंटरनेशनल स्टार कौन है? कौन था जिसने WWE चैंपियनअंडरटेकर को उठा कर घसड़ दिया था. हां हां उछलो मत पता है ग्रेट खली का नाम लोगे.लेकिन अब खली इंडिया की तरफ से अकेले नहीं रहेंगे. एक और पट्ठा पहलवान आ रहा हैसबकी हवा सुट्ट करने को. नाम है डागर डागर, सतेंदर डागर. गहिरे रंग की स्याही वालीकलम से गड़ा कर लिख लो. सोनीपत में एक गांव है बागड़ू. अमा पड़ोसन पिच्चर वालाबांगड़ू नहीं बागड़ू. यहां सतेंद्र डागर ने 7 साल की उम्र में पहला छोटू सा अखाड़ाखोदा था. घर वालों से छुप छुपा कर. दादा पहलवानी का हिंद केसरी इनाम झटके हुए थे.उनका वरद हाथ सतेंद्र के कंधे पर था. पापा से नहीं बताया था. पापा वेदपाल डागर अपनेलौंडे के बारे में चिहुक कर बताते हैं 'हम जब छुट्टी पर आते और पूछते बचुआ कहां है.तो पता चलता अखाड़े में लोट रहे हैं'. सतेंद्र WWE में धावा मारने के लिए दांत धरेबैठे हैं. उससे पहले मुकाबला होगा दिल्ली में. 15-16 जनवरी को. पहलवान की तैयारीफुलमफुल है. दिन भर कसरत करते हैं. मूड़ का पसीना एड़ी से चूता है. खाने में प्योरवेजीटेरियन. दूध, घी, छाछ के बड़े चस्कहिल. पूरे इंडिया में ट्रेनिंग के लिए घूमतेरहे. खाने का दांव हर कहीं एक जैसा बैठता नहीं था. तो भाग कर कनाडा पहुंचे. वहींअपनी लाइफ वाइफ जगजीत से खाना बनाने की ट्रेनिंग ली. अब पूरा दिन खाने पीने, वर्जिशफिर आराम में कटता है. शरीर बनाना ही पड़ेगा जब सामने वाले को पटकनी रगड़नी देनीहै. वो भी दाल-भात-रोटी-सब्जी-घी-दूध-दही से. मांस अंडा मच्छी खाने से कसम उठा रखीहै. WWE की दुनिया में अफवाह है कि ये पॉसिबल नहीं है. बिना नॉनवेज के आदमी बाजीमार ले. सतेंद्र का मुकाबला इस अफवाह से भी है. गांव के अखाड़े से सोनीपत के जिमतक. फिर अमेरिका में सात महीने की ट्रेनिंग. बस इत्ते भर में कोच ने अपने पहलवान कोनाप तोल लिया. हाथ उठा के कह दिया कि चलो चेला अब इंटरनेशनल लड़ाई में जूझ जाओ.सतेंद्र के अंदर कॉन्फिडेंस का डोज फुल है. कहते हैं कि कद काठी से कौनो फरक नहींपड़ने वाला. अपने लोग अपने साथ हैं बस. इसी से जीत पक्की है. उनके फौजी कमांडोदोस्त भी टिप्स पे टिप्स ठेले पड़े हैं. गांव और आस पास बच्चों जवानों को चस्का लगादिया है कुश्ती का. पता चला कि बड़े मुकाबले मैट पर होते हैं अखाड़े पर नहीं. तोगांव में मैट का जुगाड़ किया. अखाड़े के पास मंदिर बन गया है. वहां की मिट्टी कीपूजा होती है. हर शुभ काम में उसको आगे रखा जाता है. वो मिट्टी सतेंद्र अपने पर्समें रख कर चलते हैं. इत्ता अटैचमेंट है अपने अखाड़े की मिट्टी से. गांव-घरवालेउम्मीद में बावले हुए जा रहे हैं. सबके सब धुन बांधे हैं कि दिल्ली जाएंगे. अपनेलाडले की कुश्ती देखने. जीत के बाद सतेंद्र को सरप्राइज देने की प्लानिंग भी गांठीजा रही है. छोटे भाई सुधीर का बड्डे है 15 को. उसको जीत का गिफ्ट चाहिए. बहन सुषमाने भी कोई सरप्राइज सोच रखा है. सबका अरेंजमेंट चालू है. अपन लोग को भी तैयारी करलेनी चाहिए टीवी पर चिपकने की. भैए फ्यूचर तो WWE है न. उसको देखेंगे न मुंह फैलाकर. खटिया पे बैठ कर अपने पहलवान का हौसला बढ़ाएंगे उचक उचक कर.