कोरोना वायरस जब से आया है, खबरों में आपने ICMR का नाम पक्का सुना होगा. ICMR यानीइंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च. ये देश में बीमारी और दवा से जुड़ी रिसर्च वगैरहकी सबसे टॉप की बॉडी है. इसकी ही शाखा है NIN, यानी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफन्यूट्रिशन. ऑफिस हैदराबाद में है. NIN का काम है, देश की जनता को क्या खाना चाहिए,कितनी मात्रा में खाना चाहिए, ये सब बताना. कई सारे सर्वे के आधार पर.अब हाल ही में NIN ने एक अनुशंसित आहार भत्ता (Recommended dietary allowances-RDA) जारी किया. अब आप पूछेंगे कि इसका मतलब क्या? माने संस्था ने यही बताया है किभारत के एक वयस्क आदमी या औरत को क्या-क्या खाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने वयस्कआदमी के आदर्श वज़न को 65 किलो माना है और औरत के वज़न को 55 किलो. आदमी की औसतहाइट 5 फुट 8 इंच मानी है और औरत की 5 फुट 3 इंच.तो इसमें खास बात क्या है?दरअसल, 2010 की रिपोर्ट अनुसार, भारतीय पुरुषों की औसत हाइट 5 फुट 6 इंच मानी गईथी. महिलाओं की 5 फुट. वज़न का पैमाना पुरुषों के लिए 60 किलो था और महिलाओं के लिए50 किलो. अब NIN ने इन आदर्श वज़न और हाइट में बढ़ोतरी कर दी है.ऐसा क्यों और कैसे किया?ये जानने के लिए 'दी लल्लनटॉप' ने बात की NIN के साइंटिस्ट और न्यूट्रिशनिस्टडॉक्टर सुब्बाराव से. उन्होंने बताया-"हमने औसत हाइट और वज़न ऐसे ही नहीं बदले हैं. हर एक भारतीय व्यक्ति को कितना पोषकआहार, कितनी मात्रा में खाना है, इसके लिए जब हम रिपोर्ट तैयार करते हैं, तो कईसारी रिसर्च होती है. पिछले 10-15 साल में क्या-क्या सर्वे हुए हेल्थ के सेक्शनमें, ये भी हम देखते हैं. हमने पाया कि पिछले 10 बरसों में एवरेज हेल्दी इंडियन्सकी हाइट और वज़न में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है. इसे देखते हुए ही हमने RDA तैयार किया.साथ ही एवरेज हाइट-वज़न का पैमाना बदला."और क्या है RDA की रिपोर्ट में?इस रिपोर्ट के मुताबिक, RDA की पुरानी कमिटी ने हाइट और वज़न का जो पैमाना सेट कियाथा, वो 1989 के दौरान सामने आए डेटा के आधार पर था. इस डेटा में केवल भारत के कुछही हिस्सों के लोगों को कवर किया गया था. यानी इसमें पूरे भारत के लोगों का सर्वेशामिल नहीं था. फिर 2010 वाली जो कमिटी आई, उसने रिसर्च का दायरा थोड़ा बढ़ाया.भारत के 10 राज्यों से इकट्ठे हुए डेटा पर काम किया. उस वक्त भी जो डेटा मौजूद था,वो ज्यादातर ग्रामीण भारत से था. उसके आधार पर भारतीय पुरुषों और औरतों की एवरेज याआदर्श हाइट का पैमाना तय किया गया. वही पैमाना, जो ऊपर आपको बताया है.अब बारी आई मौजूदा कमिटी की. इस कमिटी ने रिसर्च के मामले में अपने पैर बहुत पसारे.हाल के सर्वे को अहमियत दी. देश के लगभग-सभी राज्यों के लोगों का सर्वे किया. वोकिस तरह का खाना खाते हैं, किस भौगोलिक इलाके में रहते हैं, ये सब देखा गया. चूंकिअलग-अलग स्थानों के आधार पर लोगों की हाइट और वज़न में अंतर आता है, इसलिए इसेदेखना भी बेहद ज़रूरी है. कोशिश की गई कि हर भौगोलिक इलाके के लोगों के हाइट औरवज़न का रिकॉर्ड लिया जाए. इसके अलावा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) समेतहालिया समय में हुए बाकी ज़रूरी सर्वे का भी विश्लेषण किया. इनमें WHO द्वारा कियागया सर्वे भी शामिल है. उसके बाद कहीं जाकर भारतीयों की औसत हाइट और वज़न को बदलागया.NIN की रिपोर्ट.डॉक्टर डी.एल शर्मा, ICMR में साइंटिस्ट हैं. उन्होंने बताया-"जो एवरेज हाइट और वज़न है, वो एंथ्रोपोमेट्री मेज़रमेंट है. और हर देश के लोगों काएंथ्रोपोमेट्री डेटा अलग होता है. उसी तरह से हर एक एरिया का भी अलग हो सकता है.भारत में आदिवासी लोगों का, नॉर्थ के लोगों का, साउथ का अलग होगा. भौगोलिक इलाकोंका, वहां के पर्यावरण का, खान-पान का असर किसी पर्टिकुलर जगह पर रहने वाले लोगों कीहाइट और वज़न पर पड़ता है. जैसे अभी जो सर्वे किया गया है, उसमें सबकाएंथ्रोपोमेट्री डेटा लिया गया होगा, उसके बाद इसका एवरेज निकाला गया होगा."अब ये एंथ्रोपोमेट्री मेज़रमेंट क्या है? यानी ये जानना कि किसी व्यक्ति के शरीरमें मसल्स, हड्डियों और चर्बी की कितनी मात्रा है. जगह के हिसाब से लोगों केएंथ्रोपोमेट्री मेज़रमेंट में बदलाव आता है.थोड़ा न्यूट्रिशन वाले खाने पर और फोकस हो जाए?'कीप मूविंग इंडिया' नाम के यूट्यूब चैनल पर 2016 में एक वीडियो पोस्ट हुआ था,जिसमें एक टेबल पंजाबी खाने और झारखंडी खाने से सजाया गया था. जनरली पंजाबी लोगझारखंड के लोगों की तुलना में ज्यादा लंबे होते हैं. डॉक्टर अंजलि हुडा, जोन्यूट्रिशन स्पेशलिस्ट हैं, उन्होंने इस टेबल को देखकर कहा था-"आपके खाने से आपके हाइट और वज़न का रिलेशन होता है. पंजाबी खाना ज्यादा रिच है.इसमें बटर है, ज्यादा मलाई है और क्वांटिटी में भी इकट्ठा खाते हैं. न्यूट्रिशन काहाइट पर बहुत फर्क पड़ता है. आप कितना खाते हो, कितनी कैलोरी खाते हो, इसका बहुतफर्क पड़ता है."डॉक्टर अंजलि हुडा. वीडियो स्क्रीनशॉट.अब बात BMI कीNIN की रिपोर्ट आने के बाद ये खबर भी सामने आई कि BMI यानी बॉडी मास इंडेक्स केपैमाने को भी बदला गया है. इस पर डॉक्टर सुब्बाराव ने साफ किया कि BMI का पैमानानहीं बदला गया है. जैसा पहले था, वैसा ही अभी भी है.दरअसल, रिपोर्ट में एक जगह पर मेंशन है कि नॉर्मल BMI की रेंज 18.5 से 22.9 kg/m2.बस इसी से लोगों को कन्फ्यूज़न हुआ कि BMI की रेंज भी बदल गई है.ये रेंज का झमेला बाद में, पहले जाने कि BMI क्या है?BMI वो पैमाना है, जो ये बताता है कि आपका शरीर हाइट और वज़न के हिसाब से कितना फिटहै. कहीं आप अंडरवेट तो नहीं, या कहीं ओवरवेट तो नहीं, या फिर मोटे तो नहीं. ये सबBMI से पता चल जाता है.कैसे पता लगाते हैं?ये आपके वज़न और हाइट के वर्ग का अनुपात होता है. आपको अपने वज़न को हाइट गुणा हाइटसे भाग देना होगा. वज़न किलोग्राम में होना चाहिए, और हाइट मीटर में.मान लीजिए कि आपका वज़न 62 किलो है और हाइट है 1.62 मीटर. तो पहले 1.62 को 1.62 सेही गुणा करें. नतीजा आया 2.62. अब 62 किलो को 2.62 से भाग दे दीजिए. नतीजा आया 23,ये ही BMI है. इसकी यूनिट है kg/m2, मतलब केजी पर मीटर स्क्वेयर.पोषक आहार लेने से भी बहुत फर्क पड़ता है.तो क्या आप फिट हैं या ओवरवेट?देखिए BMI के भी दो तरह के टेबल हैं. एक तो WHO वाला, दूसरा इंडिया वाला.WHO के मुताबिक-BMIआपके शरीर का स्टेटस18.5 से कमअंडरवेट हैं आप18.5 - 24.9नॉर्मल वेट25.0 - 29.9ओवरवेट हैं आप30.0 से ज्यादामोटापा हो रखा हैअब बात भारत कीभारत में अनुवांशिक तौर पर लोगों के पेट के हिस्से में चर्बी जमा हो जाती है. इसलिएयहां BMI का पैमाना अलग सेट किया गया है. नेशनल हेल्थ पोर्टल (NHP) के मुताबिक,भारत में-BMIआपके शरीर का स्टेटस18.5 से कमअंडरवेट हैं आप18.5 - 22.9 नॉर्मल BMI 23.0 - 24.9 ओवरवेट हैं आप 25 से ज्यादा मोटापा हो रखा हैवैसे अभी भी कई डॉक्टर्स WHO वाली रेंज के हिसाब से काम करते हैं.डॉक्टर जगत शंकरगौदा होम्योपैथ डॉक्टर हैं. उन्होंने अपने एक वीडियो में बताया थाकि जिनका BMI ओवरवेट वाली रेंज में आता है, वो थोड़ी डाइट कंट्रोल और एक्सरसाइज़ सेइसे नॉर्मल रेंज में ला सकते हैं. वहीं जो अंडरवेट हैं, तो अच्छे खाने से इसे ठीककिया जा सकता है. वहीं जो मोटे हैं, उन्हें कई बार डॉक्टर्स से सलाह लेनी ज़रूरीहोती है.BMI की आलोचना भी होती रही हैडॉक्टर्स का ये कहना है कि BMI उतना सटीक पैमाना नहीं है फिटनेस मापने का. क्योंकिकई बार हो सकता है कि किसी व्यक्ति की मसल्स भारी हों, और वो उस वजह से ओवरवेट कीकैटेगिरी में आ सकता है. वहीं हो सकता है कि किसी के शरीर में चर्बी ज्यादा हो,हड्डियों और मसल्स का वज़न कम हो और वो BMI की नॉर्मल रेंज में आए. इंडिया के हीनहीं, विदेश के डॉक्टर्स भी इसकी आलोचना करते रहे हैं. लेकिन फिर भी इसे अभी शरीरकी हालत जानने का ठीक-ठाक पैमाना माना जाता है.