14 फरवरी, 2019. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमला हुआ. सेंट्रल रिज़र्वपुलिस फ़ोर्स (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए. कई जवान घायल हुए. आतंकी संगठनजैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली. सालभर हो गए इस हमले को. जांच अभी भीजारी है. शहीद होने वालों में एक नाम मनोज बेहरा का भी था. इस बरसी पर ‘इंडियाटुडे’ ने शहीद मनोज के परिवार वालों से बातचीत की है.मनोज ओडिशा के कटक के रहने वाले थे. रतनपुर गांव के. मनोज दिसंब, 2018 में एकमहीने की छुट्टी पर घर आए थे. वह अपनी बेटी का जन्मदिन मनाकर 6 फरवरी को वापस गएथे. मनोज की पोस्टिंग दूसरी बार जम्मू और कश्मीर में हुई थी. उनके पापा जितेंद्रइंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए बताते हैं कि पुलवामा हमले के तुरंत बादउन्हें कॉल किया था लेकिन उनका नंबर बंद आ रहा था.शहीद मनोज बेहरा (फोटो: इंडिया टुडे)इंडिया टुडे की टीम जब मनोज के घर पहुंची तो शहीद जवान के माता-पिता ने आरोप लगायाकि उनकी बहू लीलता बेहरा ने सारा पैसा मिलने के बाद उन्हें छोड़ दिया. लीलताको राज्य सरकार से 25 लाख रुपये और केंद्र सरकार से 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायतामिली थी. इंडिया टुडे से फोन पर बात करते हुए लीलता ने कहा- मुझे राज्य और केंद्रसरकार की ओर से 55 लाख रुपये मिले. मैं इस पैसे से अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा देनाचाहती हूं. रिलायंस फाउंडेशन की ओर से किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिली. मेरी बेटीजब 5 साल की हो जाएगी तो मैं सरकारी नौकरी स्वीकार कर लूंगी. मैं अपने रिश्तेदार केघर पर हूं. लोकेशन नहीं बता सकती.शहीद मनोज बेहरा के पिता जितेंद्र (फोटो: इंडिया टुडे)मनोज के पिता जितेंद्र बेहरा ने इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए बताया- मेरी पत्नीबीमार रहती है. उसका इलाज लगातार जारी है. जब मेरा बेटा जिंदा था तब वह हमारीवित्तीय जरूरतों का ध्यान रख रहा था. अब कोई भी मदद करने वाला नहीं है. मनोज कोलेकर ग्रामीण सागरिका सिंह इंडिया टुडे से बातचीत करते हुई बताती हैं, पूरा गांवसदमे में है. हमने कभी सोचा भी नहीं था कि मनोज के साथ ऐसा होगा. ऐसा दोबारा नहींहोना चाहिए. मनोज के माता-पिता अभी भी कष्ट में हैं. कोई सोर्स ऑफ इनकम नहीं है.उनकी जिंदगी तबाह हो गई है.--------------------------------------------------------------------------------वीडियो- पुलवामा में CRPF पर हुए आतंकवादी हमले में इतने जवान कैसे शहीद हुए?