The Lallantop
Advertisement

निर्भया केस: फांसी से ठीक पहले अदालत में दलीलों से लेकर दोषियों के पोस्टमॉर्टम तक क्या-क्या हुआ?

दोषियों को फांसी लगने से पहले और उसके बाद की पूरी टाइमलाइन.

Advertisement
Img The Lallantop
तस्वीर में बाईं ओर से : पवन, विनय, मुकेश, अक्षय. ये निर्भय के चार दोषी हैं जिन्हें फांसी पर लटकाया गया. दाईं ओर सबसे आखिर में निर्भया की मां आशा देवी, जो कुछ समय पहले मामले की सुनवाई के दौरान देरी होने से फफक पड़ी थीं. (तस्वीर: PTI)
pic
प्रेरणा
20 मार्च 2020 (Updated: 20 मार्च 2020, 06:15 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 20 मार्च, 2020 की सुबह फांसी दे दी गई. लेकिन इस फांसी से पहले रात के साढ़े तीन बजे तक देश के सर्वोच्च न्यायलय में इस मामले की सुनवाई होती रही. 19 मार्च की दोपहर से लेकर 20 मार्च की सुबह फांसी तक क्या-क्या हुआ, उसकी टाइमलाइन आप नीचे पढ़ सकते हैं.
19 मार्च
# दोपहर 
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट खारिज करने की याचिका रद्द की.
# रात नौ बजे
शाम को दोषियों के वकील एपी सिंह ने इस फैसले को चैलेंज किया. दिल्ली हाईकोर्ट में. सुनवाई शुरू हुई. दलील दी कि याचिकाएं सुनी नहीं जा रही हैं, क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से कोर्ट बंद हैं. लेकिन हाईकोर्ट किसी भी दलील से संतुष्ट नहीं हुआ.
Nirbhaya Case 3 Into 700 निर्भया गैंगरेप के बाद दिल्ली में लोग सड़कों पर उतर आए थे. रैलियां निकाली थीं. रेप और महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ. इस केस ने राजधानी को ही नहीं, पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. यहां एक ऐसी ही रैली में स्वाति मालीवाल  (बीच में)दिखाई दे रही हैं. इस वक़्त दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष हैं.(तस्वीर: इंडिया टुडे)

20 मार्च 
# रात 12 बजे 
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की. इसके साथ ही एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास पहुंच कर एपी सिंह ने अपनी याचिका पर फौरन सुनवाई की अपील की. शिकायत की कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी उन्हें मिलने में देर हो रही है.
# रात ढाई बजे
जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच सुनवाई के लिए बैठी. यहां पर भी एपी सिंह ने कोरोना वायरस की वजह से याचिकाएं न सुने जाने की दलीलें दीं. लेकिन ये सभी खारिज कर दी गईं. कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई तर्क नहीं है, जिसके बल पर राष्ट्रपति द्वारा खारिज हुई दया याचिका पर उंगली उठाई जाए.
# तड़के साढ़े तीन बजे
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की.
Nirbhaya Collage 700 निर्भया की मां आशा देवी पूरी लड़ाई के दौरान पीछे नहीं हटीं. (तस्वीर: ट्विटर)

# सुबह चार बजे 
चारों दोषियों को फांसी के लिए तैयार किया गया. अक्षय, विनय, पवन और मुकेश को नहाने के लिए कहा गया. उन्हें नए कपड़े और खाने की चीजें भी दी गईं. हालांकि किसी ने कुछ खाया नहीं. विनय ने कपड़े बदलने से भी इनकार किया और रोते हुए माफ़ी मांगी. सभी से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई, लेकिन किसी ने कुछ बताया नहीं.
# सुबह साढ़े पांच बजे
फांसी घर में चारों को एकसाथ खड़ा किया गया. उनके चेहरे ढके गए. इसके पवन जल्लाद ने लीवर खींच कर सभी को एकसाथ फांसी के फंदे पर लटका दिया. तकरीबन 30 मिनट बाद डॉक्टर ने चारों के शरीर की जांच की. सुबह के छह बजे उन्हें मृत घोषित किया. उसके बाद सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया.
ये उस मामले की एक दिन की वो टाइमलाइन है, जो पिछले सात सालों से अदालतों में घूम रहा था. पिछले चंद महीनों में बार-बार याचिकाएं दायर की गईं. खारिज हुईं, नई याचिकाएं दायर हुईं. लेकिन आखिर 20 मार्च को चारों दोषियों को फांसी हो ही गई. इस फांसी को लेकर निर्भया की मां ने क्या कहा, वो आप यहां क्लिक कर के पढ़ सकते हैं.



वीडियो: निर्भया केस के दोषी पहुंचे ICJ और NHRC, 20 March को होगी फांसी

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement