2000 रुपये के नोट हाथ में लेने से पहले पढ़िए कागज के नोटों का इतिहास
भारत में नोटों का इतिहास
बाप बड़ा न भइयासबसे बड़ा रूपइया
ये बात खूब सुनी होगी. अब दिखाई भी दे रही है. सरकार ने जब से पांच सौ और एक हज़ार के नोटों को बंद किया है, लोग अपने-अपने नोट लेकर इधर उधर भाग रहे हैं. 'भइया खुल्ले हैं' पूछ रहे हैं. दुकान वाले खीस निपोरते हुए बड़ी विनम्रता से ये नोट लौटा रहे हैं. वैसे नए नोट दस नवम्बर से जारी होने वाले हैं. इस सबके बीच नोट चर्चा में हैं. अब नोट पर इतनी चर्चा हो रही है तो भारत के नोटों की हिस्ट्री भी चेक कर लो.
पुराने जमाने में पैसे नहीं चलते थे. पहले लेन-देन में किसी चीज के बदले दूसरी चीज दी जाती थी. जैसे किसी को गेहूं की जरूरत है और दूसरे को चावल की. तो दोनों एक दूसरे से अदला-बदली कर लेते थे. लेकिन इसमें एक दिक्कत थी. आदमी को वही आदमी खोजना पड़ता था जिसे उस चीज की ज़रुरत हो. लोग आगे बढ़े तो सिक्के चलन में आ गए. सिन्धु सभ्यता में लेन-देन के लिए मोहरों के प्रयोग के सबूत मिलते हैं.
मौर्य साम्राज्य के समय चांदी के सिक्कों का ज़िक्र चाणक्य के अर्थशास्त्र में मिलता है. इन्हें रुप्यरूपा कहा जाता था. रूपा का मतलब होता है आकार. रुपया शब्द संस्कृत के शब्द रूप्यकम से आया है. शेरशाह सूरी के समय में भी चांदी के सिक्के चलते थे. भारत में सिक्कों को टंका या टका भी कहा जाता था. मुगलों के समय भी चांदी के सिक्के चलते थे.
मौर्य साम्राज्य के चांदी के सिक्के
शेरशाह सूरी के समय के सिक्के
कागज़ के नोट पहली बार जिन बैंकों ने जारी किया उनमें बैंक ऑफ़ हिन्दुस्तान (1770-1832), जनरल बैंक ऑफ़ बंगाल एंड बिहार (1773-75) और बंगाल बैंक (1784-91)) शामिल थे.
1871 में पहली बार अंग्रेजों ने भारत सरकार की तरफ से कागज़ के नोट शुरू किए. दस का नोट 1864 में जारी किया गया. पांच का नोट 1872 में, सौ का नोट 1900 में, पचास का नोट 1905 में, पांच सौ का नोट 1907 में, एक हजार का नोट 1909 में जारी किया गया.
1917 में भारत सरकार का एक रुपये का नोट
1910 का दस रूपये का नोट
भारतीय रिजर्व बैंक ने 1938 में नोट बनाना शुरू किया. दो, पांच, दस, पचास, सौ, एक हजार, और दस हजार के नोट रिजर्व बैंक से बनते थे.सरकार एक रूपये के नोट जारी करती थी.
आज़ादी के बाद- आज़ादी के बाद नोटों का डिजाइन बदल दिया गया. नोट से राजा की तस्वीर हटा दी गई. रिजर्व बैंक ने पांच हजार और दस हजार के भी नोट 1949 में शुरू किए. 1970 में बीस और पचास के नोट आए. पांच सौ का नोट 1987 में आया और एक हज़ार का 2000 में. एक और दो के नोट 1995 में बंद कर दी गए थे. सितम्बर 2000 में रिजर्व बैंक ने पॉलीमर के बने नोट छापे. पहली बार दस दस के सौ करोड़ नोट जारी किए गए. ये पहले के नोटों से मजबूत थे.भारत सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला एक रूपये का नोट
रिजर्व बैंक ने 1996 में 'महात्मा गांधी सीरीज' शुरू की थी. इस सीरीज में पहली बार दस और पांच सौ के नोट जारी किए गए. 2012 में रूपये के लिए नया सिम्बल बनाया गया. इसे आईआईटी मुंबई के यू उदय कुमार ने डिजाइन किया था. एक रूपए का नोट और सिक्कों को बनाने का अधिकार भारत सरकार के पास है. इसके लिए पांच जगहों पर टकसाल हैं. मुंबई, अलीपुर (कोलकाता), सैफाबाद (हैदराबाद), चेर्लापल्ली (हैदराबाद), नोएडा (यूपी). अब महात्मा गांधी सीरीज के ही नए नोट जारी किए जाएंगे. पांच सौ और दो हज़ार के नए नोट-ये स्टोरी निशान्त ने की है.
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