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बंबिहा गैंग, जिसने सिद्धू मूसेवाला के मर्डर करने वाले गोल्डी बराड़ के भाई को मार डाला था!

बीते तीन दिनों से सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब की दो गैंग लगातार खबरों में बने हुए हैं. पहला बिश्नोई गैंग, जिसने सिद्धू मूसेवाला की हत्या का जिम्मा लिया है. और दूसरा, बंबिहा गैंग. जिसे बनाया था देविंदर बंबिहा ने.

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Bambiha gang
सिद्धू मूसेवाला, गौरव पटियाल और दविंदर बंबिहा.
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सौरभ
2 जून 2022 (Updated: 2 जून 2022, 09:39 IST)
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साल 2010 की बात है. एक लड़का अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड का एक मैटर सुलझाने जाता है. गए तो सुलझाने लेकिन बात बिगड़ गई. उसके दोस्त ने गोली चला दी. सामने वाला मर गया. पुलिस ने दोनों को उठा लिया. जेल जाने के बाद वो लड़का कभी घर लौट कर नहीं गया. जेल से बाहर निकला तो एक नया अवतार था. जेल से निकलने के बाद उसने अपनी गैंग बनाई. और पंजाब के सबसे कुख्यात अपराधियों में अपना नाम बना लिया. और नाम था दविंदर सिंह सिद्धू उर्फ दविंदर बंबिहा.

वही बंबिहा गैंग, जिस पर लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या करने का आरोप लगा. वही मिद्दूखेड़ा, जिसकी मौत का बदला लिया गया सिद्धू मूसेवाला को गोलियों से भूनकर. मूसेवाला पर मिद्दूखेड़ा के आरोपियों को प्रश्रय देने का आरोप लगा था.

गैंग का इतिहास?

बीते तीन दिनों से सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद पंजाब की दो गैंग लगातार खबरों में बने हुए हैं. पहला बिश्नोई गैंग, जिसने सिद्धू मूसेवाला की हत्या का जिम्मा लिया है. और दूसरा, बंबिहा गैंग. जिसे बनाया था देविंदर बंबिहा ने.

दविंदर पंजाब के मोगा जिले के बंबिहा गांव का रहने वाला था. जुर्म की दुनिया में आने से पहले वो एक अच्छा कबड्डी प्लेयर माना जाता था. दविंदर तब BA फर्स्ट इयर में था जब उसके ऊपर पहली बार मर्डर का चार्ज लगा था. इसके बाद उसने मर्डर, अटैंप्ट टू मर्डर, डकैती जैसे कुख्यात अपराधों को अपनी पहचान बना लिया. बंबिहा पर 15 से ज्यादा केस दर्ज हुए, जिसमें 6 मर्डर के थे.

बंबिहा को एक शार्प शूटर माना जाता था. 20 फरवरी 2016 की बात है. स्टूडेंट लीडर से सरपंच बने रजविंदर सिंह उर्फ रवि ख्वाजा का मर्डर कर दिया गया. ख्वाजा एक शादी समारोह में मौजूद थे. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक बंबिहा पर रवि ख्वाजा को 14 गोलियां मारने का आरोप लगा था. इस घटना के 7 महीने बाद सितंबर 2016 में पुलिस ने बंबिहा का एनकाउंटर कर दिया. बठिंडा के रामपुर फूल गांव में पुलिस ने बंबिहा को मार गिराया.

बंबिहा की मौत के बाद कौन चला रहा बंबिहा गैंग?

दविंदर तो मर गया, लेकिन उसका गैंग जिंदा रहा. काम वैसे ही चलता रहा. दविंदर के एनकाउंटर के बाद गौरव पटियाल उर्फ लकी और सुखप्रीत सिंह बुडाह गैंग चलाते रहे.

गौरव पटियाल ने गैंग संभाली और पंजाब का बड़ा गैंग्सटर बन गया. पटियाल चंडीगढ़ का रहने वाला है. और फिलहाल आर्मेनिया में बैठकर गैंग चला रहा है. खास बात ये है कि पटियाल पहले पुलिस के हत्थे चढ़ा, जेल गया और फिर आर्मेनिया भाग गया. कई साल से पंजाब पुलिस उसे भारत लाने की कोशिश में जुटी है. कोशिश अब तक असफल. बंबिहा गैंग का दूसरा सरगना मोगा जिले के कुसा गांव का रहने वाला सुखप्रीत सिंह बुडाह अभी संगरूर जेल में बंद हैं.

वैसे तो हर गैंग को अपने इलाके में दूसरे गैंग से दिक्कत होती है. और इस मामले में बंबिहा गैंग का सबसे बड़ा दुश्मन है बिश्नोई गैंग. दोनों की लड़ाई ने कई घरों के चिराग बुझाए हैं. इन्हीं गैंग की राइवलरी में सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई.

पंजाब में अपराध की दुनिया पर नज़र रखने वाले कहते हैं कि बंबिहा गैंग, दविंदर बंबिहा के मरने के बाद ज्यादा फला फूला. और इसमें पटियाल का बड़ा हाथ है. आजतक से जुड़े तनसीम हैदर की रिपोर्ट के मुताबिक बंबिहा गैंग में उसने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 300 से ज्यादा गैंगस्टर भर्ती किए हैं. इस गैंग ने दिल्ली हरियाणा के गैंगस्टर और लॉरेन्स के धुर विरोधी सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवाना गिरोह से हाथ मिलाकर दिल्ली-एनसीआर में भी अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया.

बंबिहा गैंग के बड़े कांड

विक्की मिद्दूखेड़ा हत्याकांड

7 अगस्त, 2021. मोहाली का सेक्टर 71.  विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या कर दी जाती है. कौन था विक्की मिद्दूखेड़ा उर्फ विक्रमजीत सिंह. युवा अकाली दल का एक नेता था. परिवार श्री मुक्तसर साहिब जिले के मलोत से ताल्लुक रखता था. और अकाली दल के नेता सुखबीर बादल का करीबी था. लेकिन इतनी जानकारी काफी नहीं है. स्कूल की पढ़ाई के बाद विक्की ने पंजाब यूनिवर्सिटी के डिपार्मेंट ऑफ डिफेंस स्टडीज में दाखिला लिया. साल 2009 में मिद्दूखेड़ा को स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (एसओपीयू) का अध्यक्ष बनाया गया. वही संगठन जिसे लॉरेंस बिश्नोई ने बनाया था. कुल जमा जोड़ ये कि विक्की लॉरेंस बिश्नोई का भी खास आदमी था.

विक्की मिद्दूखेड़ा हत्याकांड में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया. तीनों गैंगस्टर. झज्जर के निवासी उर्फ भोलू (37), दिल्ली के अनिल कुमार लट्ठ (32) और कुरुक्षेत्र के सनी (20). इन तीनों से पूछताछ हुई तो दो और नाम सामने आए. गैंगस्टर अमित डागर और भुप्पी राणा. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया. फिर एक और नाम सामने आया. ये नाम था शगुनप्रीत सिंह का. सिद्धू मूसेवाला का मैनेजर.

शगुनप्रीत पर आरोप है कि उसने हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों का सहयोग किया था और उनके रहने का इंतजाम किया था. पुलिस उसको पकड़ नहीं पाई और वो इसी साल छह अप्रैल को कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया भाग गया. पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया हुआ है.

कहते हैं म्यूजिक इंडस्ट्री में वर्चस्व की जंग ने विक्की मिद्दूखेड़ा की जान ले ली. जानकारी के मुताबिक़ विक्की वो ऐसा शख़्स था जिसका पंजाब के संगीत जगत में ज़बरदस्त दबदबा था. इसीलिए बड़े-बड़े सिंगर उनके संपर्क में रहते थे. बस उसकी यही बात पंजाब के कुछ दूसरे सिंगर और उनसे जुड़े गैंगस्टर्स को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी. बताया जाता है कि शगुनप्रीत भी म्यूज़िक इंड्स्ट्री पर अच्छी पकड़ रखता है. कौन का सिंगर कब क्या कर रहा है सबकी जानकारी शगुनप्रीत को रहती है. और यही जानकारी वो बिश्नोई गैंग को मुहैया कराता रहा.

विकी मिद्दुखेड़ा की हत्या के बाद बंबिहा गैंग ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. तनसीम हैदर की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस जांच में पता चला कि गुरुग्राम के कौशल चौधरी ने पटियाल की मदद के लिए अपने गिरोह के भगोड़े सदस्यों के साथ मिलकर इस साज़िश को अंजाम दिया था. कौशल अब करनाल जेल में बंद है. कहा जाता है कि गौरव पटियाल ने ही मंडोली जेल में बंद कौशल चौधरी और अमित डागर की मदद से विक्की मिड्दुखेड़ा के क़त्ल की साजिश रची थी. और अमित डागर के कहने पर हरियाणा के झज्जर के सज्जन भोलू और दिल्ली के अनिल कुमार ने मिद्दुखेड़ा का पीछा कर गोली मारकर हत्या कर दी थी.

गोल्डी बराड़ के भाई की हत्या

गुरलाल बराड़, गोल्डी का चचेरा भाई था. वही गोल्डी बराड़ जिसने लॉरेंस बिश्नोई के साथ सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली. गुरलाल को बिश्नोई का भी काफी नज़दीकी बताया जाता था. लॉरेंस बिश्नोई जब कॉलेज में था तब उसने स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी नाम से एक संगठन बनाया था. गुरलाल इस संगठन का एक समय अध्यक्ष भी रहा. 

अक्टूबर 2020 में चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में वेव मॉल के बाहर गुरलाल की हत्या कर दी जाती है. पुलिस के मुताबिक़ गुरलाल की हत्या की साजिश आर्मेनिया से ही पटियाल ने रची थी. पुलिस ने बताया कि इस हत्याकांड में शूटरों को पंजाब की जेल में बंद गैंगस्टर दिलप्रीत उर्फ बावा ने हथियार मुहैया करवाए थे. पुलिस ने इस मामले में बंबिहा जुलाई, 2021 को गैंग के शार्प शूटर चमकॉर सिंह उर्फ बंबिहा को गिरफ्तार कर लिया.

हाल ही में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस ने कई राज्यों में छापा मार बंबिहा और कौशल गिरोह के 12 कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार बदमाशों में से आठ पर दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान पुलिस ने इनाम घोषित थे.

वीडियो: पंजाब में हो रही लगातार हत्याओं के कारण उठ रहे हैं AAP सरकार पर सवाल!

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