सभी जानते हैं कि श्री कृष्ण को छलिया भी कहा जाता है. कृष्णा ने प्रण लिया था किवो महाभारत के युद्ध में शस्त्र नहीं उठाएंगे और न ही प्रत्यक्ष रूप से युद्ध मेंशामिल होंगे. लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से ही सही कृष्ण ने कइ बार पांडवों की सहायताकी. जानिए पांडवों से किए अपने वादे को कैसे निभाया. 1.बर्बरीक से उसका धड़मांगना: बर्बरीक घटोत्कच का पुत्र था, उसने भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे तीनअभेद्य बाणों का वरदान प्राप्त किया था, जो कि उसे तीनों लोको में विजयी बनाने मेंसमर्थ थे. श्री कृष्ण ने ब्राह्मण का वेष धारण कर बर्बरीक से उसका सिर मांग लिया,ताकि पाण्डव ये युद्ध जीत सके. 2. कर्ण की दिव्य शक्ति से अर्जुन को बचाकर घटोत्कचको मरवाना: कृष्ण ने दुर्योधन के मन में घटोत्कच के लिए भय व्याप्त कर दिया था.इसलिए दुर्योधन के कहने पर कर्ण ने अमोघ शक्ति द्वारा घटोत्कच का वध कर दिया. यहअमोघ शक्ति कर्ण ने अर्जुन के लिए बचाकर रखी थी लेकिन घटोत्कच से घबराए दुर्योधन नेकर्ण से इस शक्ति का प्रयोग करने को कहा. यह ऐसी शक्ति थी जिसका वार कभी खाली नहींजा सकता था. 3. जरासंध का वध करवाना: जब युद्ध में भीम द्वारा जरासंध के शरीर केटुकड़े किए जाने पर भी उसका धड़ पुनः जुड़ जाता था, तब वो श्री कृष्ण ही थेजिन्होंने तिनके को तोड़कर अलग अलग दिशाओं में फेकने का इशारा किया. जिसके बाद भीमने जरासंध के शरीर को चीरकर विपरीत दिशाओं में फेंक दिया. 4. शिखंडी द्वारा भीष्मपितामह का वध करवाना: कृष्ण जानते थे कि भीष्म पितामह ने स्त्री पर प्रहार न करनेका प्रण किया था. इसलिए कृष्ण ने पांडवों को इस विषय से अवगत कराया, और पांडवों नेकृष्ण की सलाह पर शिखंडी को पितामह के रथ के सामने भेज कर उनका वध करवाया. 5.सूर्यदेव को छिपाकर जयद्रथ का वध करवाना: अभिमन्यु के मारे जाने पर अर्जुन नेजयद्रथ को अगले दिन सूर्यास्त से पहले मारने की प्रतिज्ञा की अन्यथा अग्नि समाधि लेलेने का वचन दिया था. जिस पर कौरवो ने जयद्रथ को सेना के पिछले भाग में छुपा दिया.तब कृष्ण ने माया से सूर्यास्त कर दिया और छिपा हुआ जयद्रथ अर्जुन को अग्नि समाधिलेता देख के बाहर आया , उसी समय श्रीकृष्ण की कृपा से सूर्य पुन: निकल आया और तुरंतही अर्जुन ने सबको रौंदते हुए जयद्रथ को मारकर उसका मस्तक उसके पिता के गोद मेंगिरा दिया. 6. दुर्योधन को मारने का इशारा: भीम और दुर्योधन की लड़ाई के समय श्रीकृष्ण ने अपनी जांघ ठोककर, भीम को दुर्योधन की जांघ पर गदा प्रहार करने का इशाराकिया. केवल कृष्ण ही थे, जो ये बात जानते थे कि दुर्योधन की जांघ के अतिरिक्त उसकासारा शरीर लोहे जैसा था.