मालती जोशी की कहानी, गुलज़ार भी जिनकी कहानियों के जबरदस्त फैन हैं!
मालती जोशी ने अपने जीवनकाल में 60 से अधिक किताबें लिखीं. उनकी कहानियों पर दूरदर्शन के कई टीवी सीरियल भी बने. गुलज़ार के शो “किरदार” में भी उनकी कहानी शामिल हुई.
हिन्दी और मराठी भाषा की प्रसिद्ध लेखिका, मालती जोशी नहीं रहीं. वे कैंसर से पीड़ित थीं. बुधवार, 15 मई को बेटे सच्चिदानंद जोशी के दिल्ली स्थित आवास पर 90 बरस की उम्र में उन्होंने अंतिम सांसें लीं. सच्चिदानंद जोशी भी साहित्यकार हैं और वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के सदस्य हैं.
मालती जोशी ने अपने जीवनकाल में 60 से अधिक किताबें लिखीं. “बाबुल का घर”, ”, “कौन ठगवा नगरिया लूटल हो”, “औरत एक रात है” जैसी पुस्तकें प्रमुख हैं. किसी भी उदास दिन जब आपका मन बहुत बुझा हो, कुछ भी करने का जी न हो, तो आप उनकी कोई भी कहानी पढ़ना शुरू कर दीजिए, कुछ देर के लिए ही सही पर आप अपने वर्तमान को भूल पाएंगे. “औरत एक रात है”, “रहिमन धागा प्रेम का”, “खूबसूरत झूठ” उनकी कुछ सुंदर कहानियां हैं.
साल 2018 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था. 4 जून 1934 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में जन्मी मालती जोशी को ‘मालवा की मीरा’ कहा जाता है. शुरूआती पढ़ाई-लिखाई मध्य-प्रदेश के स्कूल से हुई, और वहीं इंदौर के होल्कर कॉलेज से उन्होंने हिन्दी में एमए किया.
उनकी कहानियों पर कई टीवी सीरियल भी बने. जो दूरदर्शन पर दिखाए गए. जैसे जया बच्चन का प्रोड्यूस किया हुआ शो “सात फेरे”, इसके अलावा गुलज़ार के शो “किरदार” में भी उनकी कहानी शामिल हुई. उनकी कहानियां संवेदनाओं का एक बहुत पर्सनल सा लगता संसार बुनती हैं, जिसमें हमारे आस-पास के राग, परिवार और उसका परिवेश जीवंत हो उठता है. अपने कई इंटरव्यूज में वे खुद मानती हैं कि उनकी कहानियां मध्यवर्गीय परिवारों से ही सम्बंधित थीं.
आज तक से जुड़े जय प्रकाश पांडे को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने पसंदीदा लेखकों और किताबों के नाम बताए थे, जिनमें “अमृतलाल नागर की मानस का हंस, शिवानी की ‘चौदह फेरे', मन्नू भंडारी जी की ‘आपका बेटा', सूर्यबाला जी की 'सोधीपत्र', अश्क जी की ‘गिरवी दीवारें’, इसके अलावा पीएल देशपांडे और शरत जोशी की सारी रचनाएं.
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