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सोने की कीमत अचानक से कैसे घट-बढ़ जाती है? इस समय इतना तगड़ा उछाल क्यों आ गया?

Gold की कीमत घट या बढ़ कैसे जाती है? इसे कौन तय करता है? Bullion Market क्या होता है? सोने की Demand और Supply पर किन-किन कारणों से असर पड़ता है?

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Gold Price in India
सोने का भाव ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है. (तस्वीर साभार: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
6 मार्च 2024 (Updated: 7 मार्च 2024, 06:16 IST)
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भारत में सोने की कीमत ऑल टाइम हाई (Gold price in India) पर पहुंच गई है. इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट के मुताबिक, 6 मार्च को 10 ग्राम सोना 64,598 रुपए का हो गया है. इससे पहले 5 मार्च को इसकी कीमत 64,404 रुपए प्रति 10 ग्राम थी. इससे एक दिन पहले भी सोने की कीमत में 924 रुपए का उछाल आया था (How gold rate is calculated in india).

बिजनेस लाइन ने एक रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक कमोडिटी के हवाले से लिखा है कि मिडिल ईस्ट में संघर्ष की स्थिति होने के कारण सोने को 'सेफ-हेवन' (सेफ इन्वेस्टमेंट) के तौर पर देखा जा रहा है. इस कारण से साल 2024 में सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं. द हिंदू ने भी अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि 2024 में सोने की कीमत 70 हजार तक पहुंच सकती है.

Gold इस समय महंगा क्यों हो गया?

सोने की कीमत तेजी से क्यों बढ़ रही है? इस पर केडिया कॉमेडिटी के MD अजय केडिया बताते हैं,

“अमेरिका के केंद्रीय बैंक - फेडरल रिजर्व बैंक - ने इस बात के संकेत दिए हैं कि आगामी जून तिमाही में अमेरिका में ब्याज दरें चौथाई (0.25) प्रतिशत घट सकती है. इस कारण से निवेशकों ने सोने में निवेश बढ़ा दिया है.”

ये तो बात हो गई अभी की. लेकिन सामान्य तौर पर सोने के भाव कैसे बढ़ते या घटते हैं?

ये भी पढ़ें: Budget 2024: शेयर मार्केट को कितना पसंद आया बजट भाषण? क्या है सेंसेक्स और निफ्टी का हाल?

बुलियन मार्केट और सर्राफा बाजार. ये दो ऐसी जगह हैं जहां से सोना-चांदी का व्यापार होता है. आम लोग सर्राफा बाजार से सोना खरीदते हैं. सोने के व्यापारी बुलियन मार्केट से फ्यूचर मार्केट के जरिए सोना-चांदी का व्यापार करते हैं. 

Future Market क्या होता है?

Future Market यानी वायदा बाजार या वायदा एक्सचेंज में किसी फाइनेंशियल प्रोडक्ट की सौदे के समय जो कीमत तय की जाती है, भविष्य में किसी (सहमत) तारीख पर उसी कीमत पर डिलीवरी के लिए खरीदा और बेचा जाता है. उदाहरण के तौर पर मान लें कि आपको सोना खरीदना है. और अगले कुछ दिनों के बाद उसकी डिलीवरी होनी है. ऐसे में इस बात का डर रहता है कि आने वाले समय में सोने की कीमत बढ़ सकती है. इस जोखिम को खत्म करने के लिए आप सोने पर वायदा अनुबंध खरीद सकते हैं.

भारत में सोने की कीमत

सबसे बड़ा बुलियन मार्केट इंग्लैंड के लंदन में है. सोने और चांदी के व्यापार के लिए बुलियन मार्केट को प्राइमरी ग्लोबल मार्केट माना जाता है. सोने की कीमत यहीं तय की जाती है. दुनिया के सभी देशों की सरकारों के साथ मिलकर तय किया जाता है कि सोने की कीमत क्या होनी चाहिए.

भारत में एक नियामक है जो देश के बाजार में सोने की डिमांड और सप्लाई के आंकड़े जुटाकर सोने की कीमत तय करता है. इस नियामक का नाम है- मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज. इसे MCX के नाम से जाना जाता है. MCX का को-ऑर्डिनेशन लंदन के बुलियन मार्केट एसोसिएशन से भी है.

अब बात करते हैं उन कारणों की जो सोने की डिमांड और सप्लाई को प्रभावित करते हैं. जिससे कीमतों पर फर्क पड़ता है.

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, भारत में सोने की एक साल की डिमांड का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा यहां होने वाली शादियों से आता है. शादियों के अलावा त्योहारों के समय भी सोने की मांग बढ़ जाती है. ऐसे समय में सोने के भाव बढ़ते हैं.

इसके अलावा जियोपॉलिटिकल उथल-पुथल से भी सोने की डिमांड और सप्लाई पर असर पड़ता है. इसमें युद्ध जैसा संकट भी शामिल है. जैसे मौजूदा समय में दुनिया में रूस-यूक्रेन और गाजा-फिलीस्तीन का युद्ध चल रहा है. युद्ध के अलावा COVID-19 जैसी वैश्विक समस्या का भी सोने के भाव पर असर पड़ता है.

Doller का Gold से क्या कनेक्शन है?

डॉलर के मुकाबले रुपया अगर कमजोर होता है तो सोने की कीमत बढ़ती है. ऐसे ही इसका उल्टा होता है. हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि इसका वैश्विक सोने की कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. मतलब ये कि इस उतार-चढ़ाव का डॉलर में अंकित सोने की दरों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

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