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नित्यानंद का देश 'कैलासा' नक्शे पर कहां हैं?

अलग पासपोर्ट, अपनी सरकार, राष्ट्रीय चिह्न.. कैलासा का पूरा तिया-पांचा.

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तस्वीर में नित्यानंद और वेबसाइट से ली गई तस्वीर
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3 मार्च 2023 (Updated: 3 मार्च 2023, 15:28 IST)
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रेप आरोपी और भगोड़े नित्यानंद का देश 'कैलासा' चर्चा में बना हुआ है. 2019 में नित्यानंद सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर देश छोड़ भाग गया था और दावा किया किया कि उसने अपना देश बना लिया है. वापस चर्चा में है, क्योंकि 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा' का एक प्रतिनिधिमंडल UN में दिखा. ख़बर आई तो विवाद छिड़ गया कि एक काल्पनिक देश का मेंबर आख़िर UN तक कैसे पहुंच गया?

तो इसलिए आज आपको बताते हैं कि कहां हैं कैलासा? और कैसे चलता है ये 'देश'?

कहां है ये 'देश'?

नित्यानंद उर्फ़ जनार्दन शर्मा. कैलासा का संस्थापक. ख़बरों के मुताबिक, नित्यानंद ने लैटिन अमेरिका में इक्वाडोर के पास एक द्वीप ख़रीदा. और, ऐलान कर दिया कि ये उसका देश है. इस 'कैलासा' की अपनी एक वेबसाइट भी है- kailaasa.org. विकिपीडिया पर भी नित्यानंद के नाम का अपना पेज है - नित्यानंदपीडिया.

'कैलासा' की वेबसाइट पर जाने के लिए यहां क्लिक कीजिए.

'कैलासा' की वेबसाइट के मुताबिक़, ये धरती का सबसे महान हिंदू राष्ट्र है. 'कैलासा' का दावा है कि वो दुनियाभर के हिंदुओं को एक सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराएगा. फिर चाहे वो किसी भी नस्ल, लिंग, संप्रदाय या जाति से हों. वेबसाइट पर बताया गया है कि 'कैलासा' बनाने का मक़सद बस इतना नहीं कि सनातन धर्म की रक्षा की जाए. बल्कि ये दुनिया को ये भी बताना चाहते हैं कि किस तरह हिंदुओं का उत्पीड़न हो रहा है. वेबसाइट पर लिखा है-

"कैलासा बिना सरहदों वाला एक मुल्क है. इसे दुनियाभर के उन हिंदुओं के लिए बनाया गया है, जो बेदख़ल कर दिए गए हैं. जिनसे उनके अपने देश में सही तरह से हिंदू धर्म मानने का अधिकार छीन लिया गया है."

कैलासा चलता कैसे है?

कैलासा एक 'हिंदू राष्ट्र' है. 'कैलासा' का अपना पासपोर्ट है. आधिकारिक भाषाएं हैं - अंग्रेजी, हिंदी और तमिल. अपना झंडा भी है, जिस पर नित्यानंद की तस्वीर के साथ नंदी बैल दिखता है. नंदी इसलिए कि कैलासा का राष्ट्रीय जानवर है नंदी. झंडे पर नित्यानंद को भगवान शंकर के अंदाज़ में दिखाया गया है और नंदी उसकी उपासना कर रहा है. अर्थव्यवस्था में इनके गोल्स हैं, एक धार्मिक इकॉनमी तैयार करना. ये किस तरह की इकॉनमी होगी, राम ही जाने.

पासपोर्ट की तस्वीर है. वेबसाइट पर सरकार नाम का अलग टैब है. इसके अंदर अलग-अलग विभागों और एजेंसियों की जानकारी दी हुई है. वेबसाइट पर डोनेशन देने का भी विकल्प है. और, कोई चाहे तो वो 'कैलाश' जॉइन भी कर सकता है (kailaasa.org)

कैलासा वेबसाइट के मुताबिक़, 'देश' की अपनी सरकार और कैबिनेट भी है. बाक़ायदा विभाग बंटे हुए हैं - डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट, डिपार्टमेंट ऑफ़ टेक्नॉलजी, डिपार्टमेंट ऑफ़ एनलाइटेंड सिविलाइज़ेशन, डिपार्टमेंट ऑफ़ ह्युमन सर्विसेज़, वगैरह वगैरह.

'कैलासा' के राष्ट्रीय प्रतीकों की एक छोटी सी लिस्ट देख लीजिए-

  • राष्ट्रीय फूल- कमलराष्ट्रीय 
  • राष्ट्रीय पशु- नंदी
  • राष्ट्रीय पक्षी - शारबम
  • राष्ट्रीय चिह्न- परमशिवा, पराशक्ति, नित्यानंद और नंदी
  • राष्ट्रीय पेड़- बरगद
  • राष्ट्रीय बैंक- रिज़र्व बैंक, जहां क्रिप्टोकरंसी मान्य होगी.

दावा तो ये भी है कि कैलासा वाले हर किसी के लिए मुफ़्त शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और यहां तक कि सबके लिए मुफ़्त खाना चाहते हैं.

हालिया विवाद के बाद कैलासा UN के ख़ूब वीडियो डाल रहा है. कैलासा के सदस्यों ने UN में अपनी मौजूदगी को क़ायदे से भुनाया. राजनयिकों और विदेशी प्रतिनिधियों से मिले, उनके साथ तस्वीरें लीं, उन्हें किताबें भेंट कीं. हालांकि, UN मानवाधिकार कार्यालय ने गुरुवार, 2 मार्च को बयान दिया कि नित्यानंद का काल्पनिक देश 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा' के प्रतिनिधियों ने पिछले हफ़्ते जिनेवा में जो भी दलीलें दीं, वो अप्रासंगिक है और इस पर विचार नहीं किया जाएगा. 

(ये स्टोरी हमारी साथी स्वाति ने लिखी है.)

वीडियो: भगोड़े नित्यानंद ने UN में भाषण का फ़ोटो ट्वीट किया, लोगों ने कमेंट में सेक्स कांड का वीडियो दिखा दिया!

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