The Lallantop
X
Advertisement

अशोक गहलोत के बेटे को ED का नोटिस, कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की अमित शाह की शिकायत

कांग्रेस ने बुधवार 25 अक्टूबर को गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम हिमन्ता बिस्वा सरमा के खिलाफ केंद्रीय चुनाव आयोग में शिकायत की है. कहा है कि इन दोनों ही नेताओं ने छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करते हुए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है.

Advertisement
vaibhav_gehlot_mahua_moitra_and_amit_shah
वैभव गहलोत (बाएं), सांसद महुआ मोईत्रा (बीच में) और गृहमंत्री अमित शाह (दाएं)
pic
नीरज कुमार
26 अक्तूबर 2023 (Published: 23:00 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

बात राजस्थान की. पेपर लीक केस में ED ने राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर छापा मारा. इसके अलावा ED ने दौसा जिले की महवा से निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुड़ला के घर पर भी छापा मारा है. हुड़ला वैसे तो निर्दलीय विधायक हैं, लेकिन उन्हें हालिया चुनाव में कांग्रेस का टिकट मिल गया है. इन छापेमारियों से अलग, ED ने पूछताछ के लिए एक समन भी जारी किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के नाम.

इन छापों और वैभव को मिले समन की खबर अशोक गहलोत ने अपने एक्स हैंडल पर भी शेयर की. कहा कि उन्होंने 25 अक्टूबर महिलाओं के लिए गारंटी स्कीम लॉन्च की थी. और अगले ही दिन यानी 26 अक्टूबर को ED की रेड हुई है. कहा कि

"राजस्थान के अंदर ED की रेड रोज़ इसलिए होती है क्योंकि भाजपा ये नहीं चाहती कि राजस्थान में महिलाओं को, किसानों को, गरीबों को कांग्रेस द्वारा दी जा रही गारंटियों का लाभ मिल सके."

इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया. कहा -

"भाजपा का प्लान A, B, C, D सब फेल होने के बाद अब प्लान ‘E’ ही शेष रह गया है. इसीलिए ED को चुनावी टिड्डी दल की तरह इस्तेमाल करके जिस भी राज्य में भाजपा की हार सुनिश्चित हो वहां जीतने वाले दलों की फसल खराब करने की कोशिश करने भेज देते हैं.  कल राजस्थान की महिलाओं को 2 गारंटियां दी तो आज ED को भेज दिया. अभी तो 5 गारंटियां और देने जा रहे हैं, परसों तक ED वालों की संख्या कम ना पड़ जाए."

अब जानते हैं कि मामला क्या है. पहले डोटासरा और हुड़ला पर लगे आरोपों को समझते हैं. दरअसल इन दो नेताओं पर पेपर लीक केस में जांच हो रही है. राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC)ने दिसंबर 2022 में सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की थी. लेकिन परीक्षा में आने वाला सामान्य ज्ञान का पेपर पहले ही लीक हो गया. मामला तब खुला जब कुछ लोग उदयपुर में एक बस में देखे गए. परीक्षा की तारीख के तीन दिन पहले इन लोगों के हाथों में परीक्षा के पेपर थे. राजस्थान पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.

फिर राजस्थान से आने वाले भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने ED में शिकायत की. जांच की मांग की. जांच शुरू हुई और ये है ताज़ा छापेमारी.

अब आते हैं अशोक गहलोत के बेटे वैभव पर. उनके ऊपर क्या केस है?

जुलाई 2020. आयकर विभाग ने 9 ठिकानों पर छापे मारे. ये 9 ठिकानों 2 कंपनियों से जुड़े हुए थे - मयंक शर्मा इंटरप्राइजेज़ (MSE) और ओम कोठारी ग्रुप. इसमें से जो MSE है, उसका मालिक रतन कान्त शर्मा का परिवार. इसी रतन कान्त शर्मा ने मार्च 2011 में वैभव गहलोत से जुड़ी कंपनी सन्लाइट कार रेन्टल प्राइवेट लिमिटेड के आधे शेयर खरीदे. फिर  मार्च 2016 में बचे हुए आधे शेयर भी खरीद लिए. अब ये जो MSE है, वो राजस्थान में होटल वगैरह भी चलाती है. जैसे जयपुर में मौजूद ला मेरिडियन होटल. रतन कान्त शर्मा ट्राईटन होटल और रेसॉर्टस प्राइवेट लिमिटेड से भी जुड़े हैं, इनके होटल भी जयपुर और आसपास के इलाकों में मौजूद हैं. इन होटलों में भी एक दफा ED ने छापा मारा था. और केस का एक और जुड़ाव है कि वैभव गहलोत इस ग्रुप के फेरमॉन्ट होटल में काम कर चुके हैं.

इस साल जून के महीने में बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने वैभव गहलोत पर हवाला कारोबार के आरोप लगाए थे. उन्होंने ईडी को दर्ज कराई शिकायत में कहा था कि मॉरीशस की एक शेल कंपनी ने लग्जरी होटल ब्रैंड फेरमॉन्ट में करोड़ों का निवेश किया हुआ है. उनका दावा था कि ये पैसा गहलोत परिवार से जुड़ा है. ये पैसा हवाला के जरिये मॉरीशस भेजा गया था. बीजेपी सांसद ने वैभव गहलोत के साथ अशोक गहलोत पर भी होटल व्यवसाय में करोड़ों रुपये के अवैध निवेश का आरोप लगाया था. कहा था कि इस कारोबार से होने वाली कमाई को सन लाइट कार रेंटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर किया जा रहा है.

अब वैभव को जो नोटिस मिला है, वो Foreign Exchange Management Act यानी FEMA के अधीन जारी किया गया है. ये वो कानून है जो विदेशों के स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए बनाया गया है, ताकि निवेश की प्रैक्टिस का बेजा उपयोग न हो. और खबरों की मानें तो फेमा के अधीन जारी किया गया ये नोटिस इसी केस से जुड़ा हुआ है. लेकिन गहलोत के यही तीन करीबी नहीं हैं, जो किसी न किसी केस में या जांच में उलझे हों. और भी नाम हैं. ब्रीफ़ में देखिए

अग्रसेन गहलोत, अशोक गहलोत के भाई 
केस क्या है  - खाद निर्यात में धांधली के आरोप 
जांच एजेंसी - ED

राजेन्द्र सिंह यादव, राज्यमंत्री (गृह) 
केस क्या है - मिड डे मील में धांधली के आरोप 
जांच एजेंसी - ED और IT

धर्मेन्द्र राठोर, अशोक गहलोत परिवार के करीबी 
केस क्या है - विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा से जुड़ा लाल डायरी का केस. गुढ़ा ने दावा किया था कि उनके पास धर्मेन्द्र की लाल डायरी है, जिसमें पैसे के लेनदेन का जिक्र है, और इसकी वजह से मुख्यमंत्री भी जेल जा सकते हैं. 
जांच एजेंसी - IT

राजीव अरोड़ा, अशोक गहलोत के करीबी, पूर्व कांग्रेस उपाध्यक्ष और आम्रपाली ज्यूल्स के मालिक 
केस क्या है -  टैक्स चोरी का आरोप, रत्नों की खरीद में धांधली का आरोप 
जांच एजेंसी - IT

लोकेश शर्मा, अशोक गहलोत के OSD 
केस क्या है - विपक्षी नेताओं और पायलट खेमे के नेताओं के फोन टैप करने का आरोप 
जांच एजेंसी - दिल्ली पुलिस 

महेश जोशी, कैबिनेट मंत्री 
केस क्या है - विपक्षी नेताओं और पायलट खेमे के नेताओं के फोन टैप करने का आरोप 
जांच एजेंसी - दिल्ली पुलिस

केस तो हैं. चुनाव आते ही जांच एजेंसियां भी एक्टिव हो गई हैं. कांग्रेस के खेमे में हलचल होना लाज़िम है.

अब चलते हैं संसद भवन. यहां पर एक एथिक्स कमिटी भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के तृणमूल सांसद महुआ मोईत्रा पर लगाए आरोपों की जांच कर रही है. हमने आपको पहले भी बताया था कि निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए थे कि महुआ मोईत्रा ने बिजनसमैन दर्शन हीरानन्दानी से संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे लिए. पैसे मिलने पर महुआ ने संसद में अडानी ग्रुप पर सवाल उठाए. यही नहीं. महुआ मोईत्रा ने लोकसभा की वेबसाइट का अपना लॉगिन आईडी और पासवर्ड दर्शन हीरानन्दानी को सौंप दिया, जिससे दर्शन सीधे लोकसभा की वेबसाइट पर अपने सवाल अपलोड कर सकें. निशिकांत ने एथिक्स कमिटी और आईटी मंत्रालय से मांग की थी कि महुआ के कॉल डीटेल रिकार्ड और उनकी वेबसाइट की लॉगिन लोकेशन की जांच की जाए. इस केस से जुड़े एक और नाम का जिक्र कर लेते हैं. जय अनंत देहाद्रई. वकील हैं. निशिकांत दुबे ने अपने पत्र में कहा था कि महुआ के खिलाफ उन्हें ये सबूत देहाद्राई ने ही दिए.

26 अक्टूबर को एथिक्स कमिटी बैठी. सुनवाई में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जयअनंत देहद्राई पेश हुए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, वकील जय अनंत देहाद्रई और कई मीडिया संगठनों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है. इस मामले में 20 अक्टूबर को सुनवाई भी हुई थी. अनंत देहाद्रई के साथ महुआ का एक पालतू कुत्ते को लेकर भी विवाद चल रहा है.

इंडिया टुडे टीवी के नेशनल ब्यूरो की एडिटर पॉलोमी साहा के मुताबिक आज एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुए निशिकांत दुबे से कमेटी ने जयअनंत और दर्शन हीरानंदानी को लेकर सवाल पूछे. पेशी खत्म होने के बाद निशिकांत दुबे ने मीडिया से कहा कि संसद की मर्यादा को लेकर एथिक्स कमेटी काफी चिंतित है. पॉलोमी साहा की रिपोर्ट के मुताबिक निशिकांत दुबे का कहना है कि उन्होंने जय अनंत की शिकायत का समर्थन करने से पहले कई स्तर की जांच की थी.

आज हुई सुनवाई के बाद इस एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने बताया कि महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है. और एथिक्स कमेटी ने आईटी और गृह मंत्रालय को चिट्ठी भेजकर कई महत्वपूर्ण मामलों पर जानकारी भी मांगी है.

अब बात करते हैं कांग्रेस की के द्वारा गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम हिमन्ता बिस्वा सरमा के खिलाफ केंद्रीय चुनाव आयोग में शिकायत की.

कांग्रेस ने बुधवार 25 अक्टूबर को गृहमंत्री अमित शाह और असम के सीएम हिमन्ता बिस्वा सरमा के खिलाफ केंद्रीय चुनाव आयोग में शिकायत की है. कहा है कि इन दोनों ही नेताओं ने छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करते हुए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है.

इसके अलावा कांग्रेस ने तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव यानी KCR की और मध्य प्रदेश के ट्रांसपोर्ट और रेवेन्यू मंत्री गोपाल सिंह राजपूत की शिकायत भी की है. अमित शाह और हिमन्ता के आरोपों पर आगे बात करेंगे. पहले बता दें कि पार्टी के तेलंगाना और मध्य प्रदेश के नेताओं पर क्या आरोप हैं.  KCR के बारे में कांग्रेस ने कहा है कि वो चुनावी प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. वो उन IAS अधिकारियों का चुनाव प्रचार में इस्तेमाल कर रहे हैं, जो एक खास राजनीतिक पार्टी को सपोर्ट करते हैं.

और जहां तक बात है मध्य प्रदेश के गोपाल सिंह राजपूत की, तो कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि राजपूत ने बूथ इंचार्जों को 25-25 लाख देने का वादा किया है, ताकि उन बूथों पर कांग्रेस को वोट न पड़ें.

अब बात करते हैं कि अमित शाह पर क्या आरोप हैं. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाए हैं 16 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव की रैली में अमित शाह ने कहा था -

"वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए, भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़ के बेटे भुवनेश्वर साहू की लिन्चिंग करवा दी."

इसके बाद अमित शाह ने कहा, 

"भुवनेश्वर साहू के सम्मान में हमने उनके पिता ईश्वर साहू को चुनाव में बतौर प्रत्याशी उतारा है"

कांग्रेस ने कहा कि ये आदर्श आचार संहिता के साथ 1951 के जनप्रतिनिधि कानून का भी उल्लंघन है.

अब सवाल है कि कांग्रेस पार्टी ने हिमन्ता बिस्वा सरमा पर क्या आरोप लगाए? कहा कि 18 अक्टूबर को हिमन्ता ने कवरधा में एक रैली को संबोधित किया था. हिमन्ता ने इस रैली में कांग्रेस के प्रत्याशी मोहम्मद अकबर को कथित तौर पर टारगेट किया. कांग्रेस के मुताबिक, हिमन्ता ने कहा था-

"अगर किसी जगह एक अकबर आता है, तो वो उस जगह 100 अकबर लेकर आता है. उसे जल्द से जल्द भगा दो वरना माता कौशल्या की ये भूमि अपवित्र हो जाएगी.'

हिमन्ता ने आगे कहा था- 

"आज छत्तीसगढ़ के हमारे प्यारे आदिवासियों पर रोज दबाव बनाया जा रहा है कि वो अपना धर्म परिवर्तन करें. और कोई भी इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो भूपेश बघेल कहते हैं- हम सेकुलर है. क्या हिंदुओं को पीटना आपका सेकुलरिज़म है? ये हिंदुओं का देश है और हिंदुओं का ही रहेगा. हमें सेकुलरिज़म मत सिखाइए, हमें आपसे सेकुलरिज़म सीखने की जरूरत नहीं है."

कांग्रेस ने ये बयान चुनाव आयोग के सामने रखते हुए कहा कि ये समाज के एक हिस्से को दूसरे हिस्से के खिलाफ भड़काने के लिए दिया गया बयान है. इस मामले में अभी तक चुनाव आयोग की कार्रवाई सामने नहीं आई है. न ही भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया ही सुनाई दी है. अपडेट्स आएंगे तो वो भी हम आपको बताएंगे. 

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement