ऋतुराज. बिहार के बेगूसराय में रहते हैं. इंजीनियरिंग के छात्र हैं. बीते 3-4 दिनोंसे सोशल मीडिया पर इनके नाम का भौकाल मचा हुआ है. काम ही ऐसा किया है. काम क्याकारनामा कहिए. दावा है कि ऋतुराज ने गूगल में एक बग ढूंढ निकाला है. बग माने ऐसीगलती या कमी, जिसकी वजह से कोई हैकर सॉफ्टवेयर में सेंधमारी कर सकता है. मीडियारिपोर्टों के मुताबिक ऋतुराज से मिली सिक्योरिटी बग की जानकारी को गूगल ने गंभीरतासे लिया है.उधर सोशल मीडिया पर हंगामा काटने वालों ने अंटसंट दावे कर दिए. जैसे ऋतुराज ने गूगलहैक कर डाला, गूगल को सिक्योरिटी का पाठ पढ़ा दिया, गूगल ने उन्हें गलती बताने केलिए 3.66 करोड़ की नौकरी दे दी, भारत सरकार ने रातों-रात उनका पासपोर्ट बना दिया औरअब वो प्राइवेट जेट से अमेरिका जा रहे हैं. वहीं कुछ लोगों को इस खबर से इतनी खुशीसिर्फ इसलिए हो रही है, क्योंकि ऋतुराज उनके इलाके, उनके प्रदेश के रहने वाले हैं.ऐसी बातों का प्रतिनिधित्व करते इस फेसबुक पोस्ट को देखिए. फिर आगे बढ़ते हैं.हमारे देश के आईआईआइटी मणिपुर के सेकेंड ईयर के ऋतुराज चौधरी ने परसों रात गूगल कोहिला दिया. इसने 51 सेंकड तक गूगल को ही हैक कर दिया. हैक होते ही पूरी दुनिया मेंबैठे गूगल के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए. वो कुछ समझ पाते, इतने में 51 सेकंडमें ऋतुराज ने पुनः गूगल को फ्री कर सेवाएं बहाल कर दीं और गूगल को मेल किया किआपकी इस गलती की वजह से मैं इसे हैक कर सका. मेल में दी गई सारी डिटेल को फॉलो करवहां के अधिकारियों ने भी गूगल को एक सेकंड के लिए हैक कर देखा और उनको गलती काएहसास हुआ. आनन-फानन में अमेरिका में 12 घंटे मीटिंग चली और लास्ट डिसीजन हुआ कि उसलड़के को बुलाओ! दिन मे ऋतुराज के पास मेल आया कि हम आपकी काबिलियत को सैल्यूट करतेहैं. आप हमारे साथ काम कीजिए. हमारे अधिकारी आपको लेने आ रहे हैं. तुरंत दूसरे मेलमें गूगल ने ऋतुराज को जॉइनिंग लेटर दे दिया. उसमें 3.66 करोड़ का पैकेज दिया.ऋतुराज के पास पासपोर्ट नहीं था. गूगल ने भारत सरकार से बात की और सिर्फ 2 घंटे मेंउसका पासपोर्ट बन कर घर आ गया. ऋतुराज आज प्राइवेट जेट से अमेरिका जाएगा.ऋतुराज के बारे में किए गये दावेहै ना भौकाल पोस्ट! पर पूरी सच्चाई क्या है, ये जानने के लिए लल्लनटॉप ने बात कीऋतुराज से. उन्होंने हमें बताया, मैंने गूगल में एक बग ढूंढा है जो प्राइऑरिटी 2में है. गूगल ने इस बात को ऐक्सेप्ट भी किया है. और कहा है कि इस गलती ठीक कियाजाएगा. इसका हैकर्स ग़लत इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इंटरनेट में यही होता है.कम्पनियां अमूमन ऐसा करती हैं कि वे "वाइट हेट हैकर" को हायर करती हैं और उनसे बगमाने गलतियां निकलवाने का काम लेती हैं. इसके बदले उन्हें रिवॉर्ड्स भी दिए जातेहैं. हमने ऋतुराज से उनके बारे में सोशल मीडिया पर चल रहे कई दावों के बारे में भीपूछा.सवाल- क्या आपको गूगल से कोई नौकरी मिली है जिसका पैकेज 3.36 करोड़ सालाना है?ऋतुराज- ये सही नहीं है. मुझे गूगल की तरफ से कोई नौकरी नहीं मिली है.सवाल- क्या आपने गूगल हैक कर लिया था?ऋतुराज- नहीं. मैंने गूगल हैक नहीं किया था. मैंने बस गूगल का एक बग निकाला था,जिसे गूगल ने भी माना है. बग निकालने और हैक करने में फर्क होता है.सवाल- आपके बारे में दावा किया जा रहा है कि आपको अमेरिका बुलाया जा रहा है औररातों-रात भारत सरकार ने आपका पासपोर्ट भी बना दिया है, क्या ये सच है?ऋतुराज- नहीं. ये भी झूठ है. मेरा पासपोर्ट तो अभी तक बना भी नहीं है.सवाल- क्या आपको गूगल ने उनकी गलती निकालने के लिए कुछ इनाम दिया है?ऋतुराज- फिलहाल नहीं. गूगल ने अभी मुझे उस गलती निकालने के लिए मेंशन किया हुआ हैमेरे नाम के साथ. गूगल में बग निकालने के कई मरहले (Stages) होते हैं. उसके हिसाबसे ही गूगल इनाम देता है. अभी मेरा बग P-2 स्टेज में है. बग P-0 से P-5 स्टेज मेंरहते हैं.सवाल- आगे क्या करना चाहते हैं?ऋतुराज- मैं साइबर सिक्योरिटी या एथिकल हैकिंग के फील्ड में ही जाना चाहता हूं. अभीफिलहाल मणिपुर ट्रिपल आई टी से बी टेक कर रहा हूं. मेरे बारे में एक झूठ ये भी फैलाहै कि मैं मणिपुर आईआईटी से पढ़ रहा हूं. जबकि मणिपुर में तो कोई आईआईटी है ही नहीं.मेरा सपना है कि मैं इजरायल या जर्मनी में जाकर आगे और इस फील्ड में पढ़ाई करूं.तो ये थी पूरी कहानी. लल्लनटॉप भी ऋतुराज को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देताहै.