'छप्पन छुरी': प्रयागराज की वो मशहूर तवायफ, ब्रिटेन के किंग भी जिसकी गायकी के कायल थे
'छप्पन छुरी' की आवाज 2 दशक तक ग्रामोफोन पर राज करती रही. उन्हें पहली रिकॉर्डिंग के 250 रुपये मिले. आगे चलकर ये फीस 5 हजार तक पहुंच गई.
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