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बचपन से जवानी तक सलमान खान की 'पर्सनल हिस्ट्री'

34 बरस पहले एक बच्चा 'मैंने प्यार किया' से बना सलमान का दोस्त. कहानी अभी जारी है.

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salman khan, sultan,
'सुल्तान' में रेल्सर बने सलमान खान का फर्स्ट लुक.
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सौरभ द्विवेदी
27 दिसंबर 2021 (Updated: 27 दिसंबर 2023, 12:52 IST)
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6 साल का था. किसी का देहांत हो गया था तो स्कूल में जल्दी छुट्टी हो गई. घर आया तो देखा. रात में जी वीसीपी (वीडियो कैसेट प्लेयर) और रंगीन टीवी मंगवाया गया था. वो अभी तक रखा है. कुछ फिल्में और चलने का तय हुआ बड़ों के बीच. फिल्म चली मैंने प्यार किया. पहली चीज याद हुई कबूतर.
salman playing with pigeon

हमारे यहां तो निरे बुरे से दिखते सिलेटी कबूतर होते थे. मगर रंग बिरंगे सूट वाली भाग्यश्री के हाथ में सफेद कबूतर था. सुंदर सा. और था प्रेम. नहीं नहीं. सलमान खान. उसमें सबने अपने मतलब की बातें खोज लीं. भइया बोले. देखा, एक हाथ से पुशअप करता है. हमने देखा. प्रेम डढीकते हुए गा रहा है. आजा शाम होने आई. शाम तो नहीं आती. मगर मोगरे की एक डली जरूर उसकी तरफ झुकी चली आती है. साइकिल चलाना भी फैशनेबल हो सकता है, ये तभी जाना. अब जब किक में सलमान साइकिल चला रहा है तो इस धूम युग में शायद गांधी जी की याद दिलाती मगर अब बाजारू हो चुकी साइकिल का पुनरुद्धार हो.
Source - Tumblr
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आज ये सब याद आ रहा है क्योंकि आज सलमान खान को सिलसिलेवार और ईमानदार ढंग से उनकी सिनेमाई छवि के तहत समझने की कोशिश कर रहा हूं. कुछ महीनों पहले किक देखकर लौटा था. हॉल में उत्सव सा माहौल था. तीन भाभी जी स्नैक्स से लेकर स्टेटस अपडेट तक हर चीज फिल्म शुरू होने से पहले ही तय कर लेना चाहती थीं. लड़कों के गिरोह के गिरोह, जत्थे के जत्थे गिर रहे थे. जो पहले पहुंच गए थे, वे बाद में आने वालों को ऐसे टेरा लगा रहे थे, जैसे माता के जगराते के लिए कोई माला लेकर पहुंचा हो.
kick poster

कई कपल थे और कई हिरण. जिन्हें पब के बाहर स्टैग बोला जाता है और एंट्री के लिए अलग से बापू गिनवाए जाते हैं. सबको निहार रहा था और फिर फिल्म को देख रहा था. दोहरे सफर की शुरुआत थी ये. रह रहकर पुराने सलमान खान एलबम भी खुल रहे थे. मैंने प्यार किया के बाद कई फिल्में आई होंगी. पर हमें याद रही कानपुर के बड़े बस स्टैंड के सामने मंजूश्री टॉकीज में हफ्तों चली हम आपके हैं कौन. इसके बारे में सिर्फ सुन ही पाए उस वक्त. हॉल में जाकर पिक्चरें देखने की मनाही थी तब. मगर जब बाद में सीडी पर फिल्म देखी तो इतनी बार देखी कि दुपट्टा तो छोड़िए सोफे का रंग भी याद हो गया. वहां से प्रेरणा मिली कि सलमान खान की तरह अच्छे इंसान बनो. भाई से, परिवार से प्यार करो. शरारत भी करो. मगर एक रमतूला बजाना भी आना चाहिए. ताकि लेडीज संगीत में हीरोइन उस पर नाच सके और फिर आप पर निसार भी हो सके. मगर तब तक गिटार सीखना इंग्लिश मीडियम के लोगों को ही नसीब था. हम हिंदी मीडियम वाले बस इस बारे में सोचते थे.
Source - koimoi
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फिर वो उघारे बदन और ब्लेड से कई जगह दंतुरित तटरेखा बनाती जींस वाला गाना आया. ओओ जाने जाना. अरविंद मिल्स की पौ बारह हो गई. भाई लोग रफ एंड टफ और न्यू पोर्ट खरीदते. पहनते बाद में छुरा लेकर उसके अगवाड़े को छेदने पहले बैठ जाते. हम हाई स्कूल में थे. जीन में जींस नहीं आया था तब तक. मगर पेपर देने के बाद इस गाने वाली फिल्म प्यार किया तो डरना देखने गए. गिटार और जींस तो नहीं सीखा. मगर ये सीखा कि बेटा बॉडी होनी चाहिए तो सलमान जैसी. तय किया कि पेपर खत्म होते ही दंड पेलना शुरू.
salman in oh oh jaane jaana

इंटरमीडिएट में पहुंचे तो संसार की सबसे सुंदर औरत को पर्दे पर देखा. ताल में गीली मिट्टी से घास नोचती ऐश्वर्या राय. हम दिल दे चुके सनम में रंगीन कंदीलों को रौशनी बख्शती ऐश्वर्या राय. और उससे हमारे सलमान खान को प्यार हो गया. लगा कि ये तो परीकथा जैसा कुछ हो रहा है. हम खुश थे सलमान के लिए, ऐश्वर्या के लिए और खुद अपने लिए. ऐसा लग रहा था कि ये रिश्ता हमें भी एक यकीन दे रहा है. अपनी कुंडली में भी कोई ऐश्वर्या होगी, जो शौर्य दिखाने के बाद मिलेगी, जैसा भाव जाग रहा था.
aishwarya and salman romance

एक और छवि टंकी है इस दौर की. फिल्म का नाम था बंधन. उसमें एक सीन था. सलमान खान के पेट में खलनायक ने गुप्ती घोंप दी थी. और भाई उसे पूरे जोर से निकाल रहा था. कैसा कालिदास के रूपक सा सुंदर बिंब बन रहा था उस वक्त. देह देह नहीं रह गई थी. भित्तिचित्र बन गई थी. बरसों के श्रम से सुंदर बनी.
मगर तभी कहानी में ट्विस्ट आया. सलमान बुरा हो गया. जैसे हम इंटर के बाद बुरे हो जाते हैं. सिगरेट, शराब, सेक्स, झगड़ा, पैसा, ईगो, घर वालों से टकराव, जैसे तमाम पंच माथे पर टकटकाने लगते हैं. सलमान ने कार चढ़ा दी. सलमान ने हिरण मार दिया. सलमान ने ऐश्वर्या को भी कथित तौर पर चलते चलते ढिशुम कर दिया. लगा कि सब कुछ बुरा हो गया है. जैसे चीख चीखकर कह रहा हो. हां मैं ऐसा ही हूं. नफरत करो मुझसे.
Source -catchsmile
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फिर फिल्म आई तेरे नाम. मोहल्ले के तमाम दिलजले जिन्होंने दर्द बर्दाश्त कर टैटू पूर्व युग में अपनी माशूकाओं के नाम ब्लेड और मोम से उकेरे थे. अचानक नाई की दुकान को हिकारत से देखने लगे. उनके भीतर का राधे जाग गया और बाल पांच बिलांत लंबे होने लगे. सबका एक ही मकसद था. फूल सी दिखती एक परी की रक्षा करना. उससे बार बार दुत्कार पाना और आखिर में उसे ये एहसास कराना कि देखो. तुम गलती थी. मैं बुरा दिखता हूं. पर हूं नहीं. गुंडई करता हूं. पर अंदर से अच्छा हूं. उसी दौरान जाति का एक कड़वा सच भी सामने आया. जब हमने बाल बढ़ाने चाहे तो डपटा गया. कहा गया. लंबे बाल तो गुंडे और लुच्चे रखते हैं. देखा नहीं पीछे के मोहल्ले में जहां सुअर पालक संप्रदाय के लोग रहते हैं. कैसे लंबे बाल रखते हैं और सुआपंखी रंग की चमकीली टीशर्ट पहनते हैं. गले में स्टील की चेन धारण करते हैं.
salman angry in tere naam

यहीं से सलमान का वर्ग भेद भी समझ आ गया. जो गुंडे हैं, मवाली हैं. परपीड़क हैं. स्त्रियों की इज्जत नहीं करते. वही सलमान खान होते हैं. और जो दोस्त बनते हैं. सीढ़ी चढ़ फूल और चॉकलेट लाते हैं और वैलंटाइन के दिन सीटी बजा दुलहनिया ले जाते हैं. वे शाहरुख होते हैं. और उस वक्त आमिर लगान वसूलने में बिजी थे, सो वह विचारार्थ ही नहीं हुए.
salman sharuk gif

राधे भइया फेज बीता और करियर के दबाव में सलमान पीछे छूटने लगा. कुछ सैटल हुए तो समझ आया. चार्म तो असल बने रहने में है. देसी बने रहने में. और तभी दबंग आई. लगा कि जैसे सलमान का पुनर्जन्म हुआ हो. मिट्टी के बर्तन, करधनी, पांडे जी का पादना, पिता से झगड़ा, कमीज के बटन की टंकाई, भिंडी की कटाई, सब कुछ सुरीला लगने लगा. लगातार छह फ्लॉप झेल रहे सलमान खान की दबंग के पहले आई फिल्म वॉन्टेड से वापसी हुई थी. वर्ना तो कई लोग उनका मर्सिया पढ़ ही चुके थे. दबंग ने उनके स्टारडम पर नए सिरे से मुहर लगाई. चंडीगढ़ में लोग पीवीआर में सीटों पर नाच रहे थे सल्लू की एंट्री पर.
Source - bollywoodhungama
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और इसके बाद सलमान खान नाम के मिथक की रचना शुरू हुई. कटरीना कैफ आई गईं. लोगों को लगा, भाई ने तो करियर में मदद की. यही नाम बढ़ने के बाद आगे बढ़ गई. ये बीइंग ह्यूमन के सुरूर के हावी होने का दौर था. सलमान पारस हो गए. उनका फैन होना गर्व की बात होने लगा. रेडी जैसी फिल्में भी 100 करोड़ के पार होने लगीं.
Source- Being Human Online facebook
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सलमान खान को अभिनय आता है या नहीं, इस पर घमासान हो सकता है. मगर विरोधी भी मानेंगे कि उन्हें डांस आता है. मगर सलमान का डांस शास्त्रीय नहीं है. लोक है. उन्होंने नाच का जनवादीकरण कर दिया. कभी तौलिया, को कभी कॉलर तो कभी महज जींस की पॉकेट में हथिलियों की चोंच निकाल स्टेप बना दिया. बेल्ट में अंगूठा फंसा तो अदा बन गई. बाद में महाराजा और गणेश बैंड की बेसुर धुनों पर रेशमी कढ़ाई वाली कालर धारण किए मुहल्ले के लड़कों ने रमेश ठेकेदार की उखड़ी सड़क पर लोट लोट इनके डीजे वर्जन भी निकाले.
salman hud hud dabang

इस दौरान न सिर्फ सलमान की चैरिटी, बल्कि उनके बॉडीगार्ड, उनके नए एक्टर्स की मदद के किस्से भी विकसित होने लगे. और फिर शाहरुख खान की इंग्लिश चिकनाहट के विरुद्ध अचानक से देसी बॉयज को एक लट्ठ मिल गया. पिलर सा सॉलिड. लोग जहां तहां शाहरुख खान में, उनके फेयर एंड हैंडसम तौर तरीकों में. उनकी एक्टिंग में. उनकी हरकतों में ऐब खोजने लगे. उन्हें लगा कि ये अच्छा गाकर, अच्छा नाचकर, अच्छे विदेशी कपड़े पहन स्टाइल मारने वाला शाहरुख अब उनका नहीं रहा. अब ये वो मोटी नाक और सांवली रंगत वाला शाहरुख नहीं रहा जो किकिकि किरण कहता था और अपनी बुराइयों के साथ हमारे पाले में आ खड़ा होता था. अब ये पॉलिश्ड था. अब ये वो विलेन था, जिसका जिक्र रांझणा में कुंदन करता है. हम लव करते रह गए और ये बीटेक एमबीए हमारा मुहल्ले का प्यार ले उठे. शाहरुख उड़ गया और हमें किनारे पान की दुकान पर अपनी ऐंठ के साथ खड़ा सलमान खान मिल गया.
salman and shahrukh

वो मीडिया की, आलोचकों की, सुंदर लड़कियों की स्वीकृति की परवाह नहीं करता था. सब कुछ अपने अलबेले ढंग से करता था. और तब दिमाग में ये सूत्र कौंधा. लड़कियां आमिर खान सा दोस्त, शाहरुख खान सा पति चाहती हैं. मगर प्रेमी तो उन्हें सलमान खान सा ही चाहिए. हैंडसम, आक्रामक, पाकीजगी से भरा, दीवानगी से भरा. सनक की हद तक प्यार करने वाला. कभी बेचारा, तो कभी अतार्किक और आक्रामक.
Source- Youtube screengrab
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अब सलमान खान एक स्कूल बन चुके हैं. किक में उनकी एंट्री होती है. झटका लगता है और जैकलिन झूमकर उनके कंधे पर टिक जाती हैं. पब्लिक को लगता है कि उनके हिस्से में भी बहार आ गई है. इस फिल्म में सलमान की स्क्रीन इमेज, पब्लिक इमेज कहानी में इस कदर पैबस्त किए जाते हैं कि हमें लगता है कि सलमान खान के तमाम अवतारों और अवधारणाओं का विस्तार है ये फिल्म.
Source -Youtube screengrab
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नायक आगे बढ़ता है और उसकी मोटरसाइकिल के अगले टायर पर धड़ाम से एक बारात में तुततुरी बजाता बंदा गिरता है. उसे सलमान या देवी सिंह नहीं दिखते. उसे दबंग के पांडे जी दिखते हैं. ये है फंतासी के भीतर की फंतासी. जो दर्शक को बाकायदा आगाह करती है. मत भूल कि ये जो लीलाएं कर रहा है, उसकी दबंगई के दीवाने रह चुके हैं आप.
salman dabang gif

ये सलमान खान एक आदर्श पितृसत्तामक व्यवस्था का पोषक है. इसे प्यार करने वाला भारत भी ऐसा ही है. ये सलमान कभी शराब नहीं पिएगा. अगर पिएगा तो किसी मकसद के लिए पिएगा. ये हीरोइन को ज्यादा छुएगा चूमेगा नहीं. अच्छे भारतीय संस्कारी लड़के की तरह सब कुछ कमरे के भीतर के लिए बचाकर रखेगा. ये गुंडों से हीरोइन को बचाएगा. अच्छाई का प्रसार करेगा. मां-बाप का हर हाल में कहना मानेगा. इस देश का पुरुष ऐसा ही होना चाहता है अकसर. ताकतवर. बुराई को मुंहतोड़ जवाब देने वाला. औरत जाति का रक्षक.
salman cute love
इसीलिए तो जब देवी देखता है कि एक रेस्तरां में कुछ गुंडे लड़कियों को छेड़ रहे हैं तो उसकी किक जाग जाती है. वो पहले उन मर्दों को थपेड़ता है जो तमाशा देख रहे हैं. जन जागरण के बाद गुंडों की पिलाई तो होनी ही है. उस दौरान लड़कियों से मुखातिब है सलमान. फिरोजी रंग का ब्रैसलेट घुमाता. मजाक में बात करता और बीच में अर्धविराम की तरह बाजू घुमाकर बुराई को जमीन पर लुटाता. कई नीलम देश की राजकन्याओं को उस वक्त वह राजकुमार ही तो दिखता है. ये सलमान लड़कियों को पसंद है, ऐसा बाजू वाली लड़की ने बताया.
salman kick restaurent fight

फिर उसका एक और रूप सामने आता है. जब वो देसी दारू के हक में बोलता है. चड्डी के रंग, थूक, छींक, पाद, पुंगी जैसे कथित रूप से गैरसभ्य और फूहड़ स्तर पर उतरता है. कुछ कुछ द्विअर्थी भी हो जाता है. हुए छोकरे जवां जो, वे उस वक्त उससे अपने तार जोड़ लेते हैं. उन्हें भी जिद हो जाती है. लड़की मुझे भी मेरे बुरे रूप समेत कुबूल करे. ‘हम सांड़ हैं’ की तख्ती लटका लेते हैं वे. मगर गौर करिए. ये वही लड़के हैं जो शाहरुख नहीं हो पाए. जिन्हें पिंक स्लिप मिली. पिंक लिप्स नहीं. और फिर सलमान उनके लिए अपनी माशूका संग एक स्वप्न लोक रचते हैं. बैकग्राउंड में गाना बजता है. तेरी मेरी प्रेम कहानी है मुश्किल. कभी काले, को कभी सरसों वाले पीले लिबास में लिपटी कटरीना, करीना, जैकलिन आंखों के सामने तैर जाती हैं. उनके सामने देवता की मूर्ति से सड़क पर गिरा फूल है. सलमान है. चोट खाए लड़के हैं. जो अपने पौरुष को लेकर आश्वस्त हैं, मगर कभी एक रेशमी स्कार्फ की छुअन को लालायित थे. दो लफ्जों में ये बयां न हो पाए. वे यकीन करते हैं. जैसे सलमान के दिन फिरे हमारे भी फिरें.
https://www.youtube.com/watch?v=46oDJIXxW40
और इसके लिए क्या करना होगा. बुराई को भी भलाई में लगाना होगा. दुनिया शराबी, झगड़ालू सलमान पर बात करती रहे. मगर वो तो बीइंग ह्यूमन का प्रचार करेगा. बिग बॉस में बदतमीजी करते लोगों को टीवी परिवार के सामने प्रेम बन डांटेगा. किसी ड्राइवर को ब्रैसलेट दे देगा. किसी बॉडीगार्ड को घड़ी दे देगा. और इस लेन देन की खबर सुनते ही तमाम लोग अपने भाई के प्रति और आसक्ति से भर जाएंगे.
salman emotional

उनके लिए सलमान किक में गाता है. इश्क प्यार वार खुलेआम करूं. खुल्लमखुल्ला का ये संदेश और साहस सलमानों को दिव्य लगता है. उन्हें दिखता है एक शख्स, जो पुलिस से भाग रहा है. भारी ट्रक पर सवार होकर. मगर जब सामने एक महिला अपने बच्चे के साथ सड़क पार करते दिखती है. तो डेविल किनारे हो जाता है. प्रेम बाहर आ जाता है. ट्रक की रफ्तार सुस्त हो जाती है. जान की बाजी लग जाती है. मगर एक नन्ही जान बच जाती है.
salman kick truck gif

फिर अंत में वीडियो गेम सा सनाका खिंच जाता है. सामने गुंडे हैं. उन्हें बेतहाशा पीटता सलमान है. जैसे हमारी वीडियो गेम के रिमोट पर अंगलियों कस गई हों. जैसे आखिरी स्टेज में सुस्ताया बैठा राक्षस हमारे मारे ही मरेगा. हम आगे बढ़ते जाते हैं. अट्टाहसों को चुनौती मानते जाते हैं. और अंत में जीत जाते हैं.
Nawazuddin vs salman evil laugh
सलमान खान ने हमें हमारी बुराइयों के साथ जीतना सिखाया. तमाम सिविलाइज्ड, सभ्य, चिकिनाहट भरे नर्म तरीकों को तज कर. और इसीलिए इस देश के बहुसंख्यक बालक और कई बालिकाएं सलमान खान के साथ रिश्ता जोड़े हैं. सलमान हमारी दमित इच्छाओं का रूपक है. जिसमें तमाम काबिलियत हैं. मगर फिर भी ऐश्वर्या, कटरीना को लुटाया प्यार किनारा नहीं पा पाता. परिवार का साथ है, मगर अपना बेहद अपना परिवार नहीं. क्यूट कुत्ते हैं. लाइफ में एक कॉज है. बस नहीं है तो कुछ भी नॉर्मल जैसा. है तो एक बेशरम के पौधे सा फिर फिर पनपता अतीत. जैसे हमारे साथ होता है हर दम.
और इन सबके बीच यही मेंटल, जब जय, देवी या प्रेम बनकर बुरों को लूटता है. अच्छों की मदद करता है, तो हम कुछ बेहतर कुछ हल्का महसूस करने लगते हैं. यही है बीइंग सलमान खान.
Source- sultan first look
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सलमान सिर पर सवार हैं. मगर एक और बात तभी भजन सी गर्माहट लिए, याद आती है. ये वक्त भी बीत जाएगा. जाहिर है कि सलमान खान होना भी यूं ही बीत जाएगा. बची रहेंगी मुस्कुराहटें. इंसान होने की.
चलते चलते एक जोक भी सुन लीजिए. एकैदम फ्रेश है. किक 2 में सलमान खान मर जाएगा. क्योंकि जब वो ट्रेन के सामने साइकिल ले जाएगा, तो साइकिल निकल जाएगी. वो दब जाएगा. अरे भाई तब तक मोदी जी की बुलेट ट्रेन आ जाएगी न.
हमारा नहीं है. व्हाट्स एप पर आया है. इसलिए इसके लिए तारीफ या गालियों से न नवाजें. किक लें. दें.

ऊपर अल्लाह नीचे धरती, बीच में तेरा जुनून, रे सुल्तान, रे सलमान!

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