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"बीयर फाउंटेन से लेकर फ्री बीयर"- इस देश की बीयर पार्टी की दुनिया में चर्चा, पूरी कहानी क्या है?

ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में स्टेट इलेक्शन हो रहे हैं. इन्हीं चुनावों में हिस्सा ले रही है दी बीयर पार्टी.

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what is the beer party in austria is which is doing good in elections
व्लैंज़ी एक म्यूजिशियन, डॉक्टर और परफॉर्मर थे. उन्हें ही स्टेज पर ‘मार्को पोगो’ के नाम से जाना जाता था. (फोटो- इंस्टाग्राम)
13 अक्तूबर 2023
Updated: 13 अक्तूबर 2023 07:17 IST
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मिस्र में एक कहावत चलती है,

“The mouth of a perfectly happy man is filled with beer. ” 

माने, एक खुश आदमी का मुंह बीयर से भरा होता है. चौंकिए मत, हम खुश रहने के लिए मदिरा सेवन को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं. बीयर का जिक्र ऊपर इसलिए किया गया ताकि आपको एक रेफरेंस दिया जा सके. रेफरेंस एक ‘पार्टी’ से जुड़ा है. नाच-गाने वाली पार्टी नहीं. राजनीतिक पार्टी. नाम है ‘दी बीयर पार्टी’.

यूरोप का एक देश है. ऑस्ट्रिया. यहां की राजधानी है विएना. विएना में इस वक्त राज्य चुनाव चल रहे हैं. जहां ‘दी बीयर पार्टी’ नाम की एक पार्टी 12 फीसदी वोटों के साथ आगे चल रही है. दी लोकल की रिपोर्ट के मुताबिक अगर आज की स्थिति पर चुनाव के नतीजों को मान लिया जाए, तो बीयर पार्टी तीसरा स्थान पा लेगी. साथ ही पार्टी वहां सत्ता के गलियारे में अपनी जगह पक्की कर लेगी.

विएना की राजनीति में बीयर पार्टी की एंट्री कैसे हुई, इसकी शुरुआत किसने की और पार्टी ने चुनाव में क्या-क्या वादे किए, सब विस्तार से जानते हैं.

मजाक में शुरू हुई पार्टी

विएना की बीयर पार्टी की शुरुआत एक मजाक के रूप में हुई थी. पार्टी के एक कैंडिडेट और बीयर लवर मार्को पोगो ने ‘दी बीयर पार्टी’ नाम के एक गाने में अपने नजरिए को सामने रखा था. गाने में एक लाइन थी, ‘अगर आपको मोटापा पसंद है और हर रोज़ पीने के शौकीन हैं. तो हमें वोट करें. हम शराब पर लगने वाला टैक्स हटा देंगे.’ यही आगे चलकर पार्टी का मंत्र बन गया.

हालांकि, शुरुआत में इसे लेकर ज्यादा उत्साह नहीं था. लेकिन फिर लोग साथ आने लगे. ज्यादातर लोगों को लगने लगा कि ऑस्ट्रिया को एक ‘बीयर पार्टी’ की जरूरत है. सभी को लगा कि बीयर सभी को शांतिपूर्वक एक आम पब टेबल पर लाएगी.

बीयर पार्टी 2015 में बनी. 36 साल के डॉमिनिक व्लैंज़ी ने पार्टी की शुरुआत की. व्लैंज़ी एक म्यूजिशियन, डॉक्टर और परफॉर्मर थे. उन्हें ही स्टेज पर ‘मार्को पोगो’ के नाम से जाना जाता था. वही मार्को पोगो जिसने ‘दी बीयर पार्टी’ नाम का गाना बनाया था. व्लैंज़ी एक अस्पताल में काम करते थे. लेकिन जब उनका बैंड फेमस हुआ, तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी.

सांकेतिक फोटो. (कॉमन सोर्स)

बहरहाल पार्टी बनी. कुछ समय बाद ही पार्टी ने ऑस्ट्रिया की रजिस्टर्ड पार्टियों में अपनी जगह बना ली. बीयर पार्टी की वेबसाइट के मुताबिक, 2019 के नेशनल काउंसिल के चुनाव में पार्टी को 0.1 फीसदी वोट मिले. विएना में पार्टी ने 0.6 फीसदी वोट हासिल किए. इसके बाद 2020 के विएना स्टेट और लोकल चुनावों की बारी आई. पार्टी ने 23 जिलों में चुनाव लड़े. और 1.8 फीसदी वोट हासिल किए. साथ ही डिस्ट्रिक्ट काउंसिल की 11 सीटों पर कब्जा किया.

पार्टी के चुनावी वादे

बीयर पार्टी चर्चा में आई अपने चुनावी वादों की वजह से. पार्टी ने विएना में बीयर फाउंटेन बनाने से लेकर हर परिवार को 50 लीटर मुफ्त बियर देने का वादा किया है. पार्टी की नीतियों में से एक नीति बीयर पर लगने वाले टैक्स को खत्म करना है. साथ ही पार्टी ने रैडलर्स पर भी टैक्स लगाने की बात कही है. रैडलर्स, बीयर और लेमन सोडा का घोल होता है.

पार्टी ने रैडलर बाय बैक प्रोग्राम भी शुरू करने की बात कही है. इसके तहत लोग लेमन ड्रिंक की जगह असली बीयर एक्सचेंज में ले सकेंगे. पार्टी ने ये भी वादा किया है कि वो ‘बार’ के बंद होने के समय को भी खत्म कर देंगे. साथ ही नेताओं और लोकल रेस्तरां मालिकों के बीच संबंध को बढ़ाएंगे.

पार्टी के वादे सिर्फ बीयर के इर्द-गिर्द ही नहीं हैं. पार्टी ट्रांसजेंडर के अधिकारों और ग्रीन एनर्जी से जुड़े मुद्दों पर भी प्रगतिशील रुख रखती है. साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट और खेल से जुड़ी सुविधाओं को विस्तार करने के लिए उसमें निवेश करने की बात कहती है.

राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले सबसे युवा कैंडिडेट

दी बीयर पार्टी बनाने वाले डॉमिनिक व्लैंज़ी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति चुनाव में भी उम्मीदवार रह चुके हैं. साल 2022 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में व्लैंज़ी ने अपनी दावेदारी पेश की थी. वो इस पद के लिए खड़े होने वाले देश के सबसे युवा उम्मीदवार थे. तब उनकी उम्र 35 साल 10 महीने थी. व्लैंज़ी की नीतियों पर गौर करें तो वो स्कूलों में मीडिया साक्षरता अभियान और चुनाव जीतने वाले नेताओं के लिए एक कंपीटेंसी टेस्ट की शुरुआत करना चाहते थे. रिपोर्ट के मुताबिक व्लैंज़ी ने चुनाव में 8.1 फीसदी वोट भी हासिल किए थे.

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