दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाले औरंगजेब को महाराष्ट्र में क्यों दफनाया गया?
औरंगजेब का आखिरी समय में चेहरा एकदम सफेद पड़ गया था. ऐसा जैसे खून की एक बूंद शरीर में न बची हो. औरंगजेब अपने कांपते हुए होंठों से कुछ बड़बड़ा रहे थे. पर गले में इतनी आवाज भी नहीं बची थी कि आवाज निकल सके. आजम अपने पिता के हाथों को देख रहा था, जिनकी उंगलियों में अंगूठियां बोझ बन चुकी थीं. उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ये वही उंगलियां थी जिन्होंने मुग़ल सल्तनत को इस उरोज़ पर पहुंचाया था.
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