27 जनवरी 2005. बिहार में विधानसभा के चुनाव थे. बिहार के मुजफ्फपुर सैंडिस कंपाउंडमें चुनावी सभा आयोजित की गई थी. चुनाव प्रचार करने के लिए खुद अटल बिहारी वाजपेयीआए हुए थे. वाजपेयी मंच पर थे. दूसरे नेता भाषण दे रहे थे और वाजपेयी मंच पर बैठेउस दिन के बिहार के अखबार पढ़ रहे थे.उस दिन बिहार के अखबार की सुर्खियों में एक बच्चे के अपहरण की कहानी छपी हुई थी.मुजफ्फपुर के डीपीएस स्कूल में पढ़ने वाले छात्र का अपहरण हो गया था. उस वक्तराबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री थीं और पटना हाई कोर्ट ने कहा था कि बिहार में तोजंगलराज है. वाजपेयी को इस बात की खबर अखबारों से ही लगी थी. विक्की ठाकुर उर्फपप्पू ठाकुर इस मामले का मुख्य अभियुक्त था, लेकिन वो फरार था. इस पूरी घटना कोअखबारों के जरिए पढ़ने के बाद जब वाजपेयी मंच पर भाषण देने आए, तो दोनों हाथ फैलाकरपूछा कि मेरा किसलय कहां है, कोई मुझे मेरा किसलय लौटा दे.अपनी मां के साथ किसलय. अपहरण के बाद पुलिस ने उसे छुड़ा लिया था. बाद में अपहरणकरने वाले को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. (Photo : Getty Images)वाजपेयी का भाषण सुनने के लिए उस दिन पूरे बाज़ार के कारोबारी अपनी दुकानें बंदकरके पहुंचे थे. बिहार में अपराध चरम पर था और हर रोज अखबारों में अपहरण की खबरेंसामान्य बात हो गई थी. किसलय से पहले भी दीपक नाम के एक लड़के का अपहरण हुआ था.वाजपेयी के किसलय को लौटाने वाली बात का ये असर हुआ कि बिहार पुलिस ने 13 दिन बादकिसलय को सकुशल बरामद कर लिया.--------------------------------------------------------------------------------ये भी पढ़ें:उस दिन इतने गुस्से में क्यों थे अटल बिहारी वाजपेयी कि ‘अतिथि देवो भव’ की रवायततक भूल गए!अटल ने 90s के बच्चों को दिया था नॉस्टैल्जिया ‘स्कूल चलें हम’जब केमिकल बम लिए हाईजैकर से 48 लोगों को बचाने प्लेन में घुस गए थे वाजपेयीजिसने सोमनाथ का मंदिर तोड़ा, उसके गांव जाने की इतनी तमन्ना क्यों थी अटल बिहारीवाजपेयी को?अटल बिहारी वाजपेयी की कविता- ‘मौत से ठन गई’वीडियो में देखिए वो कहानी, जब अटल ने आडवाणी को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया