कहानी दुनिया के सबसे बड़े पॉलिटिकल मर्डर की
22 नवंबर 1963. टेक्सस.
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22 नवंबर. 1963. टेक्सस.
दोपहर 12.30 बजे. चार दरवाज़े वाली कन्वर्टिबल लिमोज़ीन डीली प्लाज़ा में घुसती है. कार में 4 लोगों समेत दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंसान मौजूद था. लोग उसे देखने के लिए लाइन लगाये खड़े थे. वो पीछे की सीट पर बैठा था और बगल की सीट पर बैठी उसकी पत्नी जैकी ने उससे कुछ कहना चाहा. वो मुड़ी और बोलीं, "मिस्टर प्रेसिडेंट, आप ये नहीं कह सकते कि डलास आपसे मोहब्बत नहीं करता." उस आदमी ने जवाब दिया, "न. मैं कतई नहीं कह सकता." ये आख़िरी शब्द थे. प्रेसिडेंट केनेडी के. जॉन फिट्ज़गेराल्ड केनेडी.12:30 के बाद ही एक-एक कर तीन गोलियां चलीं. शोर-शराबा इतना था कि किसी को कुछ पता नहीं चला. कार चलती रही. प्रेसिडेंट की गर्दन एक बार लुढ़की. जैकी हड़बड़ाईं. फिर देह लरज गई. दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान को लोग अपने सामने लुढ़कते देख रहे थे. सिक्यूरिटी वालों की आत्मा शरीर छोड़ गई. नजर बाज की तरह घूम रही थी. दिमाग चकरघिन्नी बना हुआ था. पर कोई नजर नहीं आ रहा था. वहां मौजूद हर इंसान केनेडी का हत्यारा लग रहा था. सिक्यूरिटी का वश चलता तो हर इंसान की कनपटी पर पिस्तौल लगाकर वहीं पूछते. पर ये संभव नहीं था. जो संभव था, वो बहुत मुश्किल था. क्योंकि पता नहीं चल रहा था कि गोली चली कहां से है. और इससे ज्यादा मुश्किल ये सोचना था कि इस ताकतवर और बेहद प्यारे इंसान पर गोली कौन चलायेगा. वो भी उसके चाहने वालों के बीच. जहां कहा जाता है कि लोगों का प्यार मौत के मुंह से खींच लाता है. क्या अमेरिका का प्रेसिडेंट ऐसे मरेगा? क्या एक बंदूक से चली गोली दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान को उसके लोगों के बीच ही मार देगी? फिर क्या फायदा प्रेसिडेंट बनने का?दोपहर 1.00 बजे. आधे घंटे के अन्दर पार्कलैंड हॉस्पिटल के ट्रॉमा रूम में हॉस्पिटल स्टाफ ने बताया कि प्रेसिडेंट केनेडी की हालत सुधर नहीं सकती. उनके पास रिकवरी का कोई चांस नहीं है. प्रेसिडेंट के पर्सनल फिजीशियन जॉर्ज बर्क्ली ने बताया की प्रेसिडेंट को को खोपड़ी में गोली लगी थी. और वही उनकी मौत का कारण बनी. बर्क्ली ने अगले पांच मिनट में जॉन एफ़ केनेडी के डेथ सर्टिफिकेट पर साइन किये.
दोपहर 2.00 बजे. सभी अमरीकी ऑफिशियल्स को एयरफ़ोर्स वन के एक हवाई जहाज में बिठाया गया. केनेडी की विधवा भी साथ ही थीं. उपराष्ट्रपति जॉनसन ने बगैर केनेडी के शरीर और उनकी विधवा वाशिंगटन जाने से मना कर दिया था. उसी जहाज में मौजूद था एक ताबूत. जिसमें मरे हुए राष्ट्रपति की लाश रक्खी जा चुकी थी. प्लेन की पीछे की सीटों को निकालकर उस ताबूत को वहां रक्खा गया था.
दोपहर 2.38 बजे. जहाज उड़ चुका था. लिंडन बेंस जॉनसन. अमरीका का उपराष्ट्रपति. लोगों ने उसे घेर रक्खा था. उनके ठीक पीछे खड़ी थी जैकी. प्रेसिडेंट केनेडी के खून से सने कपड़ों में. लिंडन बी. जॉनसन को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई जा रही थी. डेढ़ घंटे पहले वो केनेडी के काफिले में केनेडी की कार के पीछे कार में चल रहे थे. और अभी वो अमरीका को अपनी सामर्थ्य के अनुसार अपनी सेवायें देने की शपथ ले रहे थे.
उपराष्ट्रपति जॉनसन एयरफ़ोर्स वन के प्लेन में राष्ट्रपति पड़ की शपथ लेते हुए
प्रेसिडेंट खुली कार में ऐसी जगह गये ही क्यों थे? सिक्यूरिटी इतनी थी फिर गोली चली कैसे?
डेमोक्रेटिक पार्टी में आपसी असहमतियां थीं. लिबरल ग्रुप के राल्फ यारबोरो और डॉन यारबोरो की कंज़र्वेटिव जॉन कॉनली से बन नहीं रही थी. प्रेसिडेंट केनेडी को ये खटक रहा था. उन्हें मालूम था कि अमरीका के लिए और उनकी अपनी पार्टी के लिए ये ठीक नहीं था. लिहाज़ा उन्हें पार्टी में चल रहे इस घर्षण को ठीक करने की सूझी उन्होंने टेक्सास में रैली करने का मन बनाया. जनता के बीच जाकर ये दिखाने का प्लान बनाया कि सब कुछ ठीक है.प्रेसिडेंट केनेडी की पूरी चलती हुई रैली का रास्ता कुछ इस कदर तय किया गया था कि उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा लोग देख सकें. यानी ज़्यादा से ज़्यादा एक्सपोज़र. रैली के बाद उन्हें उपराष्ट्रपति लिंडन जॉनसन और टेक्सास गवर्नर जॉन कॉनली के साथ लंच करना था. डलास लव फ़ील्ड एयरपोर्ट से लंच की जगह के बीच रैली के रास्ते की लम्बाई कुछ 10 मील थी. जिसे कारों के जत्थे को 45 मिनट में कवर करना था.
14 नवंबर को व्हाइट हाउस की सिक्योरिटी में लगे हुए स्पेशल एजेंट्स ने उस रूट को और भी डायरेक्ट करवा दिया. अब रैली का रास्ता रह गया था कुछ 6.5 किलोमीटर. इस पूरे रास्ते को रैली के कुछ दिन पहले अखबार में छापा गया. जिससे लोगों को राष्ट्रपति से मिलने में कोई दिक्कत न हो.
अख़बार में छपा डीली प्लाज़ा का प्लान
12.30 पर 1961 मॉडल की लंकन कॉन्टिनेंटल कन्वर्टिबल डीली प्लाज़ा की ओर आई. प्रेसिडेंट केनेडी हाथ हिला रहे थे. लोग उन्हें पुकार रहे थे. उनकी गाड़ी मद्धम गति से आगे बढ़ रही थी. ये कोई आम नज़ारा नहीं था. प्रेसिडेंट ज़्यादातर बंद गाड़ियों में घूमते हैं. प्रेसिडेंट केनेडी लोगों के बीच अपनी मौजूदगी चाहते थे. वो चाहते थे कि लोग उनके चेहरे पर शिकन नहीं, मुस्कान देखें. लोग उन्हें मुश्किलों से दूर, खुश देखें.
प्लान के अनुसार ह्यूस्टन स्ट्रीट से प्रेसिडेंट की गाड़ी ने लेफ़्ट की ओर टर्न लिया. एल्म स्ट्रीट. इस वक़्त प्रेसिडेंट के सामने खुली जगह थी. सामने एक ऊंची सी बिल्डिंग. यहां प्रेसिडेंट सबसे ज़्यादा एक्सपोज़ हो रहे थे. सामने थी टेक्सास स्कूल बुक डिपॉज़िटरी. गाड़ी अब भी उसी मद्धम गति से चल रही थी. केनेडी लोगों की ओर अपना हाथ हिला रहे थे. और तभी एक गोली चली. प्रेसिडेंट केनेडी के पीठ के ऊपरी हिस्से को भेदती हुई. दाहिने लंग के आर पार होती हुई गोली गले से निकली. आगे बैठे गवर्नर कॉनली को उसी गोली ने चोट पहुंचाई. गोली ने उनकी पसलियों को तोड़ा और छाती पर दाहिने निप्पल के ठीक ऊपर से बाहर निकली. गोली किसी हाई पॉवर राइफल से चलाई गयी थी.
पहली गोली जो केनेडी और टेक्सस के गवर्नर, दोनों को लगी
प्रेसिडेंट केनेडी को लगी ये पहली गोली जानलेवा नहीं थी. दूसरी गोली थी. हालांकि चलने वाली गोलियों में ये पहली थी या दूसरी, ये कमीशन ने नहीं क्लियर किया. वहां मौजूद लोगों की अलग अलग कहानियां हैं. ज़्यादातर लोगों ने दो से ज़्यादा गोलियों की आवाज़ सुनी. पहली गोली लगने पर वो एक ओर झुक गए. अपनी पत्नी की ओर. उनकी पत्नी को उनके गोली लगने का अहसास नहीं था. वो ये देखने के लिए कि आखिर बात क्या है, केनेडी के पास आईं और उनके कंधे पर हाथ रखने वाली थीं. तभी दूसरी गोली चली. टेक्सास स्कूल बुक डिपॉज़िटरी के छठे फ़्लोर से. गोली उनकी खोपड़ी में लगी. खोपड़ी के दायें साइड, पिछले हिस्से में. अगले ही पल बेतहाशा महंगी कार में अमरीका के राष्ट्रपति के सर से निकले हड्डी के टुकड़े, खून और मांस के छोटे-छोटे टुकड़े फैले हुए थे.
जैकलीन केनेडी. जैकी. जिनकी बांहों में अब गोली खाए केनेडी गिर रहे थे और जिनके कंधे पर वो सर था जिसमें एक गोली दागी जा चुकी थी, घबराहट में लिमोज़ीन से पीछे की ओर बाहर निकलने लगीं. सीक्रेट सर्विस के स्पेशल एजेंट क्लिंट हिल ठीक प्रेसिडेंट की कार के पीछे मौजूद थे. वो दौड़ कर चलती कार पर पीछे से चढ़ गए. प्रेसिडेंट को बचाने. हिल ने वॉरन कमीशन के सामने गवाही दी कि पहला शॉट सुनते ही वो कार के पीछे दौड़े. एल्म स्ट्रीट में कार तक पहुंचने तक उन्हें दो गोलियों की आवाज़ और सुनाई दी. हिल को लगता था कि मिसेज़ केनेडी, प्रेसिडेंट केनेडी के सर का एक टुकड़ा गिरने से बचाने के लिए कार से निकल पीछे की ओर चढ़ गई थीं. मगर बाद में जैकी को इन सभी बातों का कोई भी हिस्सा याद नहीं रहा.
प्रेसिडेंट केनेडी की पत्नी जैकलीन को जो याद है उसे बताते हुए लाइफ मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में वो कहती हैं, "अस्पताल तक जाने के पूरे रास्ते में मैं उस पर (प्रेसिडेंट केनेडी पर) झुकी हुई थी और कह रही थी 'जैक. जैक. क्या तुम मुझे सुन सकते हो? आई लव यू, जैक' मैंने पूरे दौरान उसके सर के ऊपरी हिस्से को अपने हाथों से दबाया हुआ था इस कोशिश में कि..." अपने इस वाक्य को उन्होंने कभी पूरा नहीं किया.
ली हार्वी ओसवाल्ड कौन था, जिसका नाम केनेडी के साथ ही आता है?
केनेडी की रैली के पहले कई अखबारों ने प्रेसिडेंट के पूरे रैली के रूट को छापा था. उसमें ये साफ़ था कि टेक्सास स्कूल बुक डिपॉज़िटरी के सामने से प्रेसिडेंट गुजरेंगे. 21 नवंबर (अटैक के ठीक एक दिन पहले) ओसवाल्ड डलास से गायब हो गया. अगली सुबह वापस आया तो उसके हाथ में एक बड़ा पेपर बैग था. ओसवाल्ड ने कहा कि उसमें पर्दे की रॉड्स थीं. बाद में मालूम चला था कि उस बैग में एक राइफल थी.केनेडी को गोली लगने के 45 मिनट बाद ओसवाल्ड को गिरफ़्तार किया गया. उसका ज़ुर्म था - पुलिस ऑफिसर जेडी टिपिट की हत्या. बाद में उस पर चार्ज लगा - अमेरिका के राष्ट्रपति जॉन एफ़ केनेडी की हत्या.
ओसवाल्ड की राइफल
ओसवाल्ड के साथ काम करने वाला चार्ल्स गिवेंस वो आदमी था जिसने ये गवाही दी कि उसने आखिरी बार ओसवाल्ड को टेक्सास स्कूल बुक डिपॉज़िटरी के छठे फ़्लोर पर देखा था. ये वही जगह थी जहां से प्रेसिडेंट को गोली मारी गयी थी. चार्ल्स के मुताबिक़ उसने ओसवाल्ड को वहां 11.55 पर देखा था. टाइम भी मैच करता था. वॉरन कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार ओसवाल्ड को उसके बाद किसी ने भी नहीं देखा. विलियम शेली, टेक्सास स्कूल बुक डिपॉज़िटरी में ही काम करने वाला एक और आदमी, बाद में कहने आया कि उसने भी ओसवाल्ड को डिपॉज़िटरी में 11.45 से 11.50 के बीच एक फ़ोन कॉल करते हुए देखा था. 12.00 बजे बुक डिपॉज़िटरी के जैनिटर ने बिल्डिंग के पहले फ़्लोर पर देखा था.
जब केनेडी का कारवां डीली प्लाज़ा से गुज़र रहा था, ओसवाल्ड ने तीन गोलियां दागीं. 12.30 बजे. टेक्सास स्कूल बुक डिपॉज़िटरी के छठे फ़्लोर से. अमरीका का राष्ट्रपति जॉन एफ़ केनेडी हमेशा के लिए सो गया. टेक्सास के गवर्नर जॉन कॉनली भी घायल हुए. तीन गोलियों में पहली हर किसी को मिस कर गयी. वो गाड़ी से दूर गयी थी. दूसरी गोली से प्रेसिडेंट और टेक्सास गवर्नर दोनों घायल हुए. और तीसरी गोली ने केनेडी की कहानी का अंत कर दिया.
हॉवार्ड ब्रेनन. वो इन्सान जिसने टेक्सास की पुलिस को बताया कि उसने तीन गोलियों की आवाज़ सुनी थी और उसी ने उन्हें वो जगह भी बताई गयी जहां से उसे लगता था कि गोली चली है. उसी ने पुलिस को ओसवाल्ड की बनावट के बारे में बताया था. क्यूंकि ब्रेनन ने काफिले के आने से कुछ मिनट पहले ओसवाल्ड को खिड़की से झांकते देखा था.
गोली चलाने के बाद ओसवाल्ड बन्दूक छुपा कर बिल्डिंग से नीचे भागते हुए पुलिस ऑफिसर से टकराया. वहां उसे बुक डिपॉज़िटरी का कर्मचारी होने के नाते जाने दिया. उन पुलिस ऑफिसर ने बाद में बताया कि पूरे दौरान ओसवाल्ड न ही नर्वस था, न ही हांफ रहा था. उसके हाथ में कोक की एक बोतल भी थी. ठीक इसी के बाद ओसवाल्ड बिल्डिंग से निकल गया.
लगभग 12.40 पर ओसवाल्ड ने एक बस पकड़ी और दो ब्लॉक बाद उतर गया. सीधे अपने घर पहुंचा. उसकी मकान मालकिन ने बताया कि वो बहुत तेज़ चल रहा था. और कुछ ही मिनट बाद वापस आ गया. उसने एक जैकेट पहन ली थी जो पहले नहीं पहनी थी.
उधर हॉवर्ड ब्रेनन की बताई बनावट रेडियो पर चारों ओर पुलिस को बता दी गयी थी. दोपहर 1.15 बजे पट्रोलिंग अफ़सर जे डी टिपिट ओसवाल्ड के पास आकर रुके. क्यूंकि ओसवाल्ड उन्हें रेडियो पर मिली जानकारी जैसा ही दिखता था. इस वक़्त ओसवाल्ड अपने घर से लगभग सवा एक मील दूर पैदल चलते हुए आ गया था. ऑफिसर टिपिट ने ओसवाल्ड से कार में बैठे-बैठे कुछ बात की. मगर जैसे ही वो कार से निकला, ओसवाल्ड ने उसपर 4 गोलियां चला दीं. टिपिट वहीं मर गया. कई लोगों ने ओसवाल्ड को देखा.
दोपहर 1.40 पर एक जूते के स्टोर के मैनेजर ने ओसवाल्ड को टेक्सास थियेटर में बिना टिकट घुसते देखा. उसने थियेटर के क्लर्क को इत्तिला किया जिसने पुलिस को फ़ोन कर दिया. पुलिस के आने पर थियेटर की बत्तियां जला दी गयीं. ओसवाल्ड एक कोने में बैठा पाया गया. पुलिस को देखते ही ओसवाल्ड ने अपनी पिस्तौल निकाली और फायर कर दिया. मगर उसका हैमर जाम हो गया था और गोली ही नहीं चली. ओसवाल्ड को पुलिस ने दबोच लिया. जैसे ही उसे बाहर ले जाया जा रहा था, ओसवाल्ड खुद को पुलिस की बर्बरता का शिकार बता रहा था.
ली हार्वी ओसवाल्ड. 18 अक्टूबर 1939 को जन्मा रिटायर हो चुका अमरीकी फौजी. 1959 में उसे सोवियत यूनियन भेज दिया गया था. 1962 में अपनी रशियन बीवी मरीना के साथ वापस आकर डलास में बस गया.
24 नवंबर
इतवार का दिन. ओसवाल्ड को डलास पुलिस हेडक्वार्टर से निकालकर पास के ही काउंटी जेल में ले जाया जा रहा था. पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर ठस भीड़. हर कोई उसको देखना चाहता था जिसके सिर पर राष्ट्रपति को मारने का इल्ज़ाम लगा हुआ था. सुबह 11.21 पर ओसवाल्ड को बाहर लाया गया. हेडक्वार्टर के बाहर एक बख्तरबंद कार उसका इंतज़ार कर रही थी. मगर कॉरिडोर में भयानक भीड़ जमी हुई थी. उसी भीड़ में मौजूद था डलास का एक नाइटक्लब ऑपरेटर. जैक रूबी. रूबी भीड़ में से बढ़कर आया, पिस्तौल निकाली और ओसवाल्ड के पेट में गोली दाग दी.ओसवाल्ड को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया. ये शायद एक संयोग ही था कि ओसवाल्ड ने उसी अस्पताल में आखिरी सांस ली, जहां केनेडी को मरा हुआ डिक्लेयर किया गया था. पार्कलैंड मेमोरियल हॉस्पिटल.
https://www.youtube.com/watch?v=r6PcVCqg3tg
24 नवंबर को लाखों लोग एनबीसी देख रहे थे. उस चैनल पर ओसवाल्ड को पुलिस हेडक्वार्टर से निकलते हुए लाइव दिखाया जा रहा था. एनबीसी पर ओसवाल्ड का मर्डर लाइव देखा गया. और बाकी चैनलों पर कुछ ही मिनट्स बाद. रोबर्ट जैक्सन को 1964 में उस तस्वीर के लिए पुलित्ज़र प्राइज़ मिला जिसमें रूबी ओसवाल्ड को मारने के लिए पिस्तौल निकाले आगे बढ़ता दिख रहा था.
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