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क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव तक फिर एक हो जाएंगे शरद पवार और अजित पवार?

खबरें आई हैं कि Ajit Pawar की पार्टी के 20 नेता NCP छोड़ Sharad Pawar के खेमे में शामिल हो गए. सवाल उठ रहा है कि क्या Maharashtra Election से पहले बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो सकता है.

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Ajit Pawar
अजित पवार की NCP को लोकसभा में सिर्फ एक सीट मिली थी. (File Photo- India Today)
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सौरभ
18 जुलाई 2024 (Published: 20:33 IST)
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क्या अजित पवार की NCP में टूट होने वाली है? क्या अजित पवार की पार्टी के सांसद, विधायक, पार्षद उनका साथ छोड़ अपने पुराने नेता शरद पवार के साथ जा सकते हैं? महाराष्ट्र से पिछले कुछ दिनों से आ रही खबरों पर गौर फरमाया जाए तो ये सवाल मौजूं हो चले हैं.

महाराष्ट्र में इसी साल चुनाव होने हैं. यही वजह है कि लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य में राजनीतिक सरगर्मी थमने का नाम नहीं ले रही है. और इन चर्चाओं के केंद्र में हैं शरद पवार और अजित पवार. पहले इन चार खबरों पर एक नज़र डालते हैं.

# 16 जुलाई, 2024 को छगन भुजबल शरद पवार से मिलने जाते हैं. मीडिया में उन्होंने बयान दिया कि आरक्षण को लेकर मराठा और OBC जातियों के बीच काफी तनाव पैदा हो गया है, इसी सिलसिले में वो सीनियर पवार से मिलने पहुंचे थे. भुजबल ने कहा,

“मैंने शरद पवार से इस मामले को लेकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. क्योंकि महाराष्ट्र में, खास तौर पर कुछ जिलों में, स्थिति बहुत तनावपूर्ण है. मराठा और ओबीसी के बीच विभाजन इस हद तक पहुंच गया है कि वे एक-दूसरे के होटलों में खाना खाने भी नहीं जा रहे हैं. वे न तो एक-दूसरे से सामान खरीद रहे हैं और न ही शादियों में शामिल हो रहे हैं. शरद पवार इस मामले में पहल करने के लिए मान गए हैं. उन्होंने कहा है कि वो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस बारे में बात करेंगे.”

# 17 जुलाई, 2024 को शरद पवार ने पुणे में अजित पवार की वापसी पर बयान दिया. वो पत्रकारों से बात कर रहे थे. तभी उनसे पूछा गया अगर अजित पवार वापसी करते हैं तो क्या उन्हें जगह दी जाएगी. इस पर शरद पवार ने कहा, “इस तरह के फैसले व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिए जा सकते. संकट के दौरान मेरे साथ खड़े रहने वाले मेरे सहयोगियों से पहले पूछा जाएगा.”

# 18 जुलाई, 2024 को द हिंदू अखबार में एक खबर छपी है कि पिपरी-चिंचवाड़ में अजित पवार की NCP के 20 नेता और पदाधिकारियों ने पार्टी छोड़ दी है और वो शरद पवार की पार्टी में शामिल हो गए हैं.

# 18 जुलाई को ही RSS से जुड़े एक मराठी साप्ताहिक में लेख छपा. इसमें महाराष्ट्र के लोकसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया गया. लेख में लिखा गया कि अजित पवार के आने से बीजेपी के कार्यकर्ता और सहयोगी नाखुश थे. यही वजह है कि चुनाव में बीजेपी की सीटें पिछली बार के मुकाबले 23 से 9 पर आ गईं.

ये वो खबरें हैं जो इस बात की ओर इशारा करती हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ तो पक रहा है. हालांकि, अजित पवार को लेकर चर्चा लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही जारी है. बीजेपी को उम्मीद थी कि शिवसेना और NCP के गठजोड़ की वजह से NDA को अच्छी बढ़त मिलेगी. हालांकि, चुनाव से पहले ही इस तरह की खबरें आ रही थीं कि महाराष्ट्र में बीजेपी को नुकसान हो सकता है. और जब नतीजे आए तो हुआ भी कुछ ऐसा ही. बीजेपी को सिर्फ 9 सीटें मिलीं. एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 7 और अजित पवार की NCP को मात्र एक सीट नसीब हुई. चुनाव चार सीटों पर लड़ा गया था.

यहां दो बातों पर गौर करने की जरूरत है. पहली तो ये कि NCP के साथ आने से बीजेपी को फायदा तो नहीं हुआ, नुकसान भले ही कहा जा सकता है. दूसरा ये कि अजित पवार खेमे के नेताओं में भी एक असुरक्षा का भाव पैदा हुआ. क्योंकि जिन शरद पवार को छोड़ कर वे आए थे, उनकी पार्टी को 8 सीटें मिलीं. वो भी तब जब शरद पवार से एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न दोनों छिन गए थे. चुनाव के बाद अब कहा जा रहा है कि अजित पवार के पार्टी तोड़ने के बाद जो झटका शरद पवार को लगा था, उससे वो बाहर आ चुके हैं.

दूसरी तरफ अजित पवार हैं. महाराष्ट्र से आ रही खबरों से ऐसा प्रतीत होता है कि बीजेपी ने अजित पवार को चुनाव के बाद से ही किनारे करना शुरू कर दिया था. चुनाव के बाद जब मोदी सरकार 3.0 बनी तो मंत्रिमंडल में उन्होंने अपनी पार्टी के कोटे से एक कैबिनेट मंत्री मांगा था, लेकिन नहीं मिला. हालांकि उनकी पार्टी से प्रताप राव जाधव को राज्यमंत्री का पद दिया जा रहा था, लेकिन अजित को ये मंजूर नहीं था. उनकी तरफ से इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आपत्ति भी दर्ज कराई गई.

तो क्या अजित पवार चाचा के पास लौटेंगे?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अजित पवार NDA छोड़ देंगे और क्या वो शरद पवार के पास वापस लौटेंगे. इस पर हमने बात की वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई से. उन्होंने कहा,

“फिलहाल खिचड़ी पकी नहीं है. कौन किधर है ये टिकट बंटवारे तक साफ नहीं होगा. फिलहाल अजित पवार इस स्थिति में नहीं हैं कि वो NDA छोड़ सकें. अगर ऐसा कुछ होगा भी तो चुनाव के नज़दीक हो सकता है.”

दरअसल, राजदीप अजित पवार की जिस असमंजसता का जिक्र कर रहे हैं वो है NDA में उनकी पोज़िशन. महाराष्ट्र सरकार में फिलहाल वो उप-मुख्यमंत्री हैं. हाल ही में उन्होंने अपनी पत्नी को राज्यसभा भेजा हैं. दूसरी तरफ शरद पवार अभी उनको एक्सेप्ट करने के मूड में दिखाई नहीं दे रहे हैं. जब पत्रकारों ने उनसे अजित पवार को लेकर सवाल किया तो उन्होंने सीधे जवाब ना देते हुए मामला अपने सहयोगियों पर छोड़ दिया.

पार्टी टूटने के सवाल पर राजदीप कहते हैं कि फिलहाल जो स्थिति है उसमें पार्टी के मिड-लेवल नेता ही अजित पवार से अलग होते दिख रहे हैं. इसके बाद अगर परिस्थितियां बनती हैं तो ऐसा हो सकता है कि विधायक और बड़े नेता शरद पवार के खेमे में जाएं. लेकिन इस उठापटक में अभी वक्त लगता दिख रहा है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: शरद पवार से किस बात की माफी मांगना चाहते हैं अजित पवार?

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