साल था 1999. भारत में मोबाइल की शुरुआत हो चुकी थी. बीएसएनएल और एमटीएनएल जैसीसरकारी कंपनियों ने लोगों के घरों में दस्तक देनी शुरू कर दी थी. रिलायंस जैसी निजीकंपनियां भी मोबाइल सेवा देने के लिए मैदान में उतर चुकी थी. उसी वक्त तमिलनाडु मेंचिन्नाकनन शिवशंकरन नाम के शख्स ने मोबाइल की दुनिया में कदम रखा. उन्होंने एककंपनी बनाई एयरसेल और इसके जरिए उन्होंने तमिलनाडु सर्किल में मोबाइल की सर्विसदेनी शुरू कर दी. जल्दी ही एयरसेल तमिलनाडु की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी बन गई. जब2004-05 में देश में मोबाइल का विस्तार और तेज हो गया, तो मलयेशिया की एक कंपनीमैक्सिस कम्युनिकेशन ने 2005 में एयरसेल के 74 फीसदी शेयर खरीद लिए. इसके बादमैक्सिस की ओर से इस कंपनी में करीब 45, 000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, ताकिइस कंपनी को पूरे देश में विस्तार दिया जा सके. बचे हुए 26 फीसदी शेयर भी शिवशंकरनने 2012 में बेच दिए. इसे सिन्द्या सिक्युरिटीज एंड इन्वेस्टमेंट कंपनी ने खरीदलिया. ये वो कंपनी है, जो पूरे देश में अपोलो हॉस्पिटल चलाती है और इसकी प्रमोटरहैं सुनीता रेड्डी. वो अपोलो हॉस्पिटल की मैनेजिंग डायरेक्टर भी हैं.एयरसेल के संस्थापक शिवशंकरन (बीच में) ने मलयेशिया की कंपनी मैक्सिस के हाथों 74फीसदी शेयर बेच दिए. बाकी बचे 24 फीसदी शेयर अपोलो को बेच दिए गए.2012 में कंपनी के शेयर सुनीता रेड्डी के पास आने के बाद कंपनी में भारी फेरबदल हुआऔर फिर कंपनी ने मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, केरल और पंजाब में अपनी सेवाएं देनीबंद कर दीं. एक बार फिर अप्रैल 2015 में एयरसेल ने केरल में अपनी सेवाएं शुरू कीं.14 सितंबर 2016 को देश की एक बड़ी मोबाइल कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन और एयरसेल काविलय हो गया और इसके बाद ये कंपनी देश की चौथी सबसे बड़ी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनीबन गई. हालांकि एक साल बाद ही 2017 में रिलायंस और एयरसेल दोनों ने ही एक दूसरे सेनाता तोड़ लिया और अलग हो गईं. इसके बाद एयरसेल ने 30 जनवरी 2018 को तय किया कि वोनुकसान में चल रहे सर्किल गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेशऔर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सेवाएं बंद कर देगा. इसके बाद एयरसेल और एयरटेल के बीचविलय की भी बातें शुरू हुईं, लेकिन ये डील भी कामयाब नहीं हो पाई और नतीजा ये है कि28 दिसंबर को एयरसेल ने अब कंपनी को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन दिया है.क्यों आई ऐसी नौबत21 फरवरी और 22 फरवरी 2018 को तमिलनाडु में एयरसेल के करीब 34 लाख सब्सक्राइबर्स कोमोबाइल फोन अचानक से बंद हो गए. जो वजह बताई गई, वो कंपनी की हालत बताने के लिएकाफी है. कंपनी की ओर से बताया गया कि कंपनी पर कुल 15, 550 करोड़ रुपये का बकायाहै. कंपनी इस बकाए का भुगतान करने में सक्षम नहीं है. वहीं रिजर्व बैंक ने एक नयाआदेश जारी किया था. इसके तहत जिस कंपनी ने लोन लिया है, उसे हर हाल में तय वक्त मेंही चुकाना होगा. पहले लोन लेने वाली कंपनी तय वक्त पर पैसे नहीं चुका पाती थी, तोबैंक और वक्त दे देता था. लेकिन रिजर्व बैंक के नए आदेश से एयरसेल मुसीबत में पड़गई. सितंबर 2017 के बाद से ही एयरसेल ने किसी भी बैंक के कर्ज की किस्त नहीं चुकाईहै, इसलिए अब इस कंपनी को नई तारीख नहीं दी जा सकती थी. कंपनी के पास पैसा नहीं थाऔर बड़ी रकम चुकानी थी. ऐसे में उसके पास दूसरा कोई उपाय नहीं था. मैक्सिस कंपनी नेइसमें और पैसे निवेश करने की बात कही थी, लेकिन ऐन वक्त पर मैक्सिस ने भी हाथ खींचलिए और पैसे देने से इन्कार कर दिया.हर महीने 400 करोड़ रुपये कमाती है कंपनीएयरसेल को हर महीने करीब 400 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. इसमें से 100 करोड़रुपये दूसरी कंपनियों को टर्मिनेशन चार्ज के तौर पर देना पड़ता है. टर्मिनेशनचार्जेज का मतलब उस पैसे से है, जो कॉल के लिए एक कंपनी दूसरी कंपनी को देती है.उदाहरण के लिए अगर आपके पास जियो का फोन है और आपने अपने दोस्त के एयरसेल नंबर परफोन किया है, तो एयरसेल को जियो को कुछ पैसे देने होंगे, जिसे टर्मिनेशन चार्जेजकहा जाता है. इसके अलावा एयरसेल 280 करोड़ रुपये वेंडर्स और नेटवर्क अपटाइम के लिएचुकाती है. और पैसे लाइसेंस फी, टैक्स और इंट्रेस्ट पेमेंट में चला जाता है. इसकीवजह से एयरसेल कर्ज चुकाने में नाकाम रही है.कर्ज की वजह से कंपनियों ने रोकी सेवाएयरसेल कंपनी पश्चिमी यूपी और गुजरात जैसे सर्किल में आइडिया और दूसरी कंपनियों केटावर के जरिए नेटवर्क दे रही थी. इसके एवज में एयरसेल को आइडिया को पैसे देने होतेथे. कर्ज की वजह से एयरसेल पिछले तीन महीने से आइडिया को 60 करोड़ रुपये नहीं देपाई. इसकी वजह से आइडिया ने अपने टावर का इस्तेमाल करने से इन्कार कर दिया. फिर तोकई जगहों पर लोगों के मोबाइल से नेटवर्क गायब हो गया. एयरसेल में काम करने वाले एककर्मचारी ने कहा कि एयरसेल को सबसे ज्यादा नुकसान जियो की वजह से पहुंचा है. जियोके आउटगोइंग फ्री होने की वजह से देश की सारी मोबाइल कंपनियों पर असर पड़ा. बड़ीकपनियां तो बच गईं, लेकिन छोटी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा. इतना ही नहीं,एयरसेल को दूसरी सारी कंपनियों को टर्मिनेटिंग चार्ज भी देना था, जिसे वो नहीं चुकापाई.एयरसेल-मैक्सिस डील की हुई थी सीबीआई जांचसीबीआई ने पूरे मामले की जांच की थी और चार्जशीट दाखिल की थी.एयरसेल ने जब मैक्सिस को अपने 74 फीसदी शेयर बेच दिए, तो उसमें विवाद भी हुआ. कहागया कि उस वक्त के दूर संचार मंत्री रहे दयानिधि मारन ने एयरसेल के मालिक शिवशंकरनपर दबाव डाला कि वो अपनी कंपनी के शेयर मैक्सिस को बेच दें. 6 जून 2011 को शिवशंकरनसीबीआई के पास पहुंचे और कहा कि दूर संचार मंत्री रहे दयानिधि मारन ने उनकी कंपनीका लाइसेंस लंबे समय तक रोके रखा. जब शिवशंकरन ने कंपनी मैक्सिस को बेच दी, दोदयानिधि मारन ने तुरंत ही लाइसेंस जारी कर दिया. सीबीआई ने केस दर्ज किया और जांचशुरू की. सीबीआई ने चार्जशीट में कहा कि इस डील को करवाने के लिए दयानिधि मारन कीकंपनी सन नेटवर्क को एस्ट्रो नेटवर्क के जरिए पैसे दिए हैं. आरोप लगे तो 7 जुलाई2011 को दयानिधि मारन ने इस्तीफा दे दिया.मामले में दयानिधि मारन को इस्तीफा देना पड़ा था.10 अक्टूबर को सीबीआई ने मारन और उनकी कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. मारन कीसंपत्तियों पर रेड की गई. इसके बाद 8 फरवरी 2012 को प्रवर्तन निदेशालय ने मारनबंधुओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया और आरोप लगाया कि दयानिधि मारनने एयरसेल-मैक्सिस डील में साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये लिए हैं. सीबीआई की जांच केदौरान शिवशंकरन ने सीबीआई से कहा था कि कंपनी न बेचने पर मारन ने उसे जान से मारनेकी धमकी दी थी. 29 अगस्त 2014 को सीबीआई ने दयानिधि मारन, उनके भाई कलानिधि मारन,मलयेशिया के बिजनेस मैन और मैक्सिस के मालिक टी आनंदकृष्णन और सात और लोगों केखिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. मुकदमा सीबीआई की विशेष अदातल में चला और 29 अक्टूबर2014 को सीबीआई कोर्ट के विशेष जज ओपी सैनी ने केस चलाने की मंजूरी दे दी. केस शुरूहुआ और इसी दौरान 1 अप्रैल 2015 को ईडी ने मारन के भाई की 742 करोड़ रुपये कीसंपत्ति जब्त कर ली. इस मामले में सुब्रमण्यन स्वामी ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम केबेटे कार्ती चिदंबरम पर भी आरोप लगाया कि उन्हें इस डील में एयरसेल के पांच फीसदीशेयर मिले हैं. हालांकि 21 दिसंबर 2017 को सीबीआई की विशेष अदालत ने मारन को आरोपोंसे बरी कर दिया.दिवालिया घोषित होने का मतलब क्या?एयरसेल ने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में अपीलकी है. अगर सामान्य भाषा में समझें तो इसका मतलब ये है कि कंपनी ने कहा है कि अबउसके पास कर्ज चुकाने और कंपनी चलाने के लिए पैसे नहीं हैं. ये उस कंपनी ने कहा हैजिसके मालिक कृष्णन मलयेशिया के तीसरे सबसे धनी आदमी हैं. इसके लिए कंपनी ने नेशनलकंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में अपील की है. आसान भाषा में समझें तो नेशनल कंपनी लॉट्रिब्यूनल अदालत के जैसी एक संस्था है, जो कंपनियों के मामलों की देखभाल करती है.इसे कंपनी एक्ट 2013 के तहत बनाया गया था और 1 जून 2016 से ये अस्तित्व में आया है.इस संस्था के पास 11 बेंच हैं, जिनमें से दो दिल्ली में हैं. इसके अलावा अहमदाबाद,इलाहाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई मेंएक-एक बेंच है. जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस जस्टिस एम.एम. कुमारइसके प्रेसिडेंट हैं.एनसीएलटी में दिवालिया होने की एक प्रक्रिया है. इसके तहत एनसीएलटी की ओर से कुछलोगों की नियुक्ति की जाएगी. इन लोगों को 270 दिनों का वक्त दिया जाएगा. इतने दिनोंमें ये लोग कोशिश करेंगे कि किस तरह से कंपनी का बैंकों पर बकाया कर्ज वसूल किया जासकता है. अगर 270 दिनों के अंदर कोई हल नहीं निकलता है तो फिर कंपनी को दिवालियाघोषित कर दिया जाएगा और फिर उसे बेचकर जो भी पैसे मिलेंगे, वो बैंकों को दे दियाजाएगा.कंपनी ने खर्च किए थे अनाप-शनाप पैसेजब एयरसेल कंपनी भारत में अपना विस्तार कर रही थी, तो इसने विज्ञापन पर खूब पैसेखर्च किए थे. देश में जब इंडियन प्रिमीयर लीग शुरू हुई, तो एयरसेल चेन्नई सुपरकिंग्स का मुख्य विज्ञापनदाता था. इसके अलावा कंपनी नेन शिलांग लजांग फुटबाल टीम कोभी विज्ञापन दिए थे. एटीपी टेनिस टूर्नामेंट के लिए भी कंपनी ने खूब विज्ञापन दियाथा. इसके अलावा भारत में बाघों को बचाने के लिए सेव द टाइकर कैंपेन भी चलाया था.क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और दक्षिण भारत की फिल्मों के सुपर स्टार सूर्या के साथही बॉक्सर मैरी कॉम, तमिल ऐक्टर और कोलावरी डी फेम धनुष के साथ ही समीरा रेड्डी कोअपना ब्रांड ऐम्बेस्डर बनाया था. इसके लिए कंपनी ने मोटी रकम खर्च की थी.--------------------------------------------------------------------------------ये भी पढ़ें:पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को सीबीआई ने एयरपोर्ट से उठा लिया हैक्या चिदंबरम ने इस युवा बिजनेसमैन को बर्बाद किया?लालू और चिदंबरम सपरिवार CBI के रडार पर आ गए हैंनीरव मोदी वियतनाम का होता, तो क्या हाल होता109 करोड़ के बैंक घोटाले में दामाद को पंजाब CM ने खुद ही क्लीनचिट दे दी हैपीएनबी घोटाला करने वाले नीरव मोदी का क्या है प्रधानमंत्री और अम्बानी से रिश्ता