The Lallantop
X
Advertisement

हरिद्वार के हर-की-पौड़ी घाट पर हो रहा था कार्यक्रम, मुस्लिम विधायकों को बुलाया गया तो हंगामा हो गया

Haridwar जिला प्रशासन ने Uttarakhand स्थापना दिवस के अवसर पर हर-की-पौड़ी घाट पर आयोजित एक कार्यक्रम में तीन मुस्लिम विधायकों को बुलाया था. जिस पर विवाद खड़ा हो गया. घाट का प्रबंधन करने वाली गंगा समिति ने इस पर आपत्ति जताई थी. वो भी एक पुराने कानून का हवाला देते हुए.

Advertisement
uttarakhand haridwar  har ki pauri event muslim mla
उत्तराखंड के हर-की-पौड़ी पर राज्य का स्थापना दिवस मनाया गया. (फाइल फोटो)
pic
आनंद कुमार
12 नवंबर 2024 (Published: 11:48 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तराखंड के हरिद्वार (Uttarakhand Haridwar) में एक सरकारी कार्यक्रम में मुस्लिम विधायकों को निमंत्रण देने पर विवाद हो गया. दरअसल जिला प्रशासन ने हर-की-पौड़ी घाट पर राज्य की स्थापना दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में तीन मुस्लिम विधायकों को बुलाया गया था. जिस पर घाट का प्रबंधन करने वाली संस्था गंगा सभा ने आपत्ति जताई थी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 नवंबर को हर-की-पौड़ी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और लाइट शो का आयोजन किया गया. जिसमें सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत कई अन्य बीजेपी नेता मौजूद रहे. हरिद्वार जिला प्रशासन ने प्रोटोकॉल के तहत पिरान कलियर से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद, मंगलौर से कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन और लक्सर से बसपा सांसद मोहम्मद शहजाद को आमंत्रित किया था. हालांकि कोई भी विधायक इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ.

 गंगा सभा संस्था ने इन विधायकों को बुलाए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इन विधायकों को आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था क्योंकि लंबे समय से गैर -हिंदुओं को घाट पर प्रवेश की अनुमति नहीं है. और अंग्रेजों ने भी इसके लिए हरिद्वार अधिनियम 1935 के तहत एक नियम बना दिया था. गंगा सभा के एक सदस्य ने बताया, 

कुछ मुद्दे उठाए गए थे. लेकिन यह पुष्टि हुई कि कोई भी विधायक नहीं आ रहा है. उन्होंने इसके आगे कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि सब कुछ ठीक रहा.

बजरंग दल ने भी इस कार्यक्रम में मुस्लिम विधायकों को बुलाए जाने का विरोध किया था. बजरंग दल के राज्य समन्वयक अनुज वालिया ने कहा, 

हमने विधायकों को बुलाए जाने का कड़ा विरोध किया था. जिसके बाद प्रशासन ने अपनी गलती मानी. और फिर हमें यह बताया कि विधायक कार्यक्रम में नहीं आएंगे.

इस पूरे विवाद पर मुस्लिम विधायकों की भी प्रतिक्रिया आई है. लक्सर से बसपा सांसद मोहम्मद शहजाद ने कहा, 

हमें दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध की परवाह नहीं है. हम गंगा और हर-की-पौड़ी की पवित्रता को जानते हैं. और उसका सम्मान करते हैं. मैं सरकारी कार्यक्रमों में नहीं जाता क्योंकि बीजेपी नेता उन्हें हाईजैक कर लेते हैं. और चुने हुए जनप्रतिनिधियों का स्वागत नहीं किया जाता.

ये भी पढ़ें - हरिद्वार में गंगा में कूदते हुए रील बनाते थे, पुलिस ने कायदे से 'सुखा' दिया, अब माफी मांग रहे

वहीं कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि जब यह कार्यक्रम हुआ तो वे और फुरकान अहमद राज्य में नहीं थे. दरअसल काजी निजामुद्दीन और फुरकान अहमद दोनों महाराष्ट्र चुनाव में प्रचार कर रहे हैं.

वीडियो: हरिद्वार कांवड़ यात्रा रूट की मस्जिदों को पर्दे से ढका, विवाद बढ़ा तो फैसला वापस लिया

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement