पूर्व सैनिक की हत्या के लिए जिन्हें सुपारी दी, उन्होंने सुपारी देने वाले की ही हत्या कर दी
संजय और मंजेश लंबे समय से साथ में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर रहे थे. एक जमीन की डील को लेकर संजय अच्छा खासा मुनाफा कमाने की फिराक में था. लेकिन मंजेश उसमें बराबर की हिस्सेदारी चाह रहा था.
उत्तराखंड के देहरादून में एक ‘शिकारी’ खुद ‘शिकार’ हो गया. एक सुपारी किलर ने सुपारी देने वाले का ही कत्ल कर दिया. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मामले में शामिल 4 आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है.
90 करोड़ की संपत्ति विवाद से जुड़ा है मामलादरअसल, पुलिस को देहरादून में 1 दिसंबर को किराए के मकान में एक लाश मिली. यह लाश 42 साल के प्रॉपर्टी डीलर मंजेश की थी. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले की जांच शुरू हुई तो मालूम पड़ा पूरा मामला 90 करोड़ की प्रापर्टी से जुड़ा है. पुलिस ने जो गुत्थी सुलझाई है, उसकी मानें तो यह मामला प्रॉपर्टी डीलर मंजेश और उसके पार्टनर रिटायर्ड फौजी संजय के बीच संपत्ति और कमीशन विवाद से जुड़ा था. मंजेश ने संजय की हत्या के लिए अपने यहां किराएदार सचिन और अर्जुन को सुपारी दी थी.
संजय और मंजेश लंबे समय से साथ में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर रहे थे. एक जमीन की डील को लेकर संजय अच्छा खासा मुनाफा कमाने की फिराक में था. लेकिन मंजेश उसमें बराबर की हिस्सेदारी चाह रहा था. इसको लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ जिस कारण मंजेश ने संजय उर्फ फौजी को ‘रास्ते से हटाने’ की ठानी. इसके लिए मंजेश कुमार ने अर्जुन को सुपारी दे दी.
लेकिन खेल तब पलट गया जब अर्जुन ने यह जानकारी संजय को लीक कर दी. अब संजय ने मंजेश को मारने के लिए सुपारी दे दी. अर्जुन ने इसमें अपने साथी सचिन को भी शामिल कर लिया. दोनों ने मिलकर मंजेश की हत्या कर दी. हत्या भी निर्मम तरीके से जूते के फीते से गला दबाकर की गई.
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कमीशन न देना पड़े, इसलिए हुई हत्याघटना को लेकर देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा,
"जिन 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनमें हत्या करने वाले सचिन और अर्जुन गुसाईं के अलावा संजय और अफजल भी शामिल हैं. अफजल ने हत्या के बाद सचिन और अर्जुन को भागने में मदद की थी. अर्जुन ने हत्या करने के बाद मृतक के शव से कीमती सामान भी चुरा लिए थे. इन चारों के अलावा हत्या में किसी का नाम फिलहाल नहीं आया है. हालांकि, मामले की जांच जारी है."
पुलिस के मुताबिक, हत्या का कारण केवल पैसों का लालच था और मृतक के अकाउंट में पड़े 38 लाख रुपये को ट्रांसफर करना था.
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