चार दिनों तक कमरे में सड़ती रही बेटे की लाश, कुछ कर नहीं पाए मां-बाप
चार-पांच दिन बीतने के बाद जब पड़ोसियों को लाश के सड़ने की दुर्गंध आई, जब उन्होंने जाकर देखा, तो पाया एक तरफ बुजुर्गवार बेहोशी की हालत में पड़े थे. दूसरी तरफ़ उनका बेटा… मृत.
हैदराबाद के एक घर में तीन लोग रहते थे. दो बुजुर्ग पति-पत्नी और उनका एक बेटा. दंपत्ति की उम्र साठ के पार है और बेटे की उम्र लगभग तीस साल. दोनों बुजुर्ग पति-पत्नी देखने में सक्षम नहीं हैं. खाने-पीने तक की जरूरतों के लिए भी दूसरे पर निर्भर हैं. लगभग चार दिन पहले उनके बेटे की नींद में ही मौत हो गई. वो दोनों चार दिनों तक इस बात से अनजान रहे. बेटे की लाश के साथ उसी घर में रहे.
चार-पांच दिन बीतने के बाद जब पड़ोसियों को लाश के सड़ने की दुर्गंध आई, जब उन्होंने जाकर देखा, तो पाया एक तरफ बुजुर्गवार बेहोशी की हालत में पड़े थे. दूसरी तरफ़ उनका बेटा… मृत.
स्थानीय मीडिया रपटों के मुताबिक, साठ वर्षीय बुजुर्ग का नाम कलुवा रमना है. वो अपनी पत्नी शान्ति कुमारी और छोटे बेटे प्रमोद के साथ हैदराबाद के अंधु कॉलोनी में लगभग चालीस साल से रह रहे थे. कुछ वक्त पहले प्रमोद अपनी पत्नी से अलग हो गए. उनकी बेटियां भी उनकी पत्नी के साथ ही रहने लगीं. इसके बाद कथित तौर पर प्रमोद शराब की लत के शिकार हो गए.
शनिवार, 26 अक्टूबर को वो नशे की हालत में सोने गए. फिर उस रात जो वो सोया, वापस उठ न सका.
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पुलिस की प्राथमिक जांच में भी यही निकला कि प्रमोद की मौत नींद में हो गई थी. बुजुर्ग दंपत्ति ने कई बार अपने बेटे को खाने-पीने में मदद के लिए आवाज़ लगाई. लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं मिला. प्रमोद की मौत को चार दिन हो गए थे. धीरे-धीरे अन्न-जल के अभाव में दोनों दंपत्ति बेहोशी की हालत में पहुंच गए. फिर एक दिन पड़ोसियों को अनहोनी की आशंका हुई. तब जाकर लोग इस दुर्घटना के बारे में जान पाए.
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सबसे पहले बुजुर्ग दंपत्ति को खाना-पानी मुहैया कराया.फिलहाल दोनों बुजुर्गों को उनके बड़े लड़के को सौंप दिया गया है और मृत बेटे के शव को पोस्ट-मॉर्टम लिए भेज दिया गया है.
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