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Sambhal: शाही मस्जिद को लेकर ASI की पुरानी रिपोर्ट क्या कहती है? हिंदू मंदिरों से कितना मेल खाती है ये मस्जिद?

Sambhal Jama Masjid survey: ASI की रिपोर्ट में दावा किया गया कि मस्जिद के अंदर और बाहर के खंभे हिंदू मंदिरों से मिलते-जुलते हैं. हालांकि, ये पूरा मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है.

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Sambhal Violence
मस्जिद के बाहर तैनात पुलिसकर्मी. (फाइल फोटो: PTI, 24 नवंबर)
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रवि सुमन
26 नवंबर 2024 (Updated: 26 नवंबर 2024, 11:55 IST)
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उत्तर प्रदेश के संभल जिले के जामा मस्जिद (Sambhal Masjid) में हुआ विवाद अभी थमा नहीं है. मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा की घटना हुई. इसमें 4 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा पुलिसकर्मियों समेत कई और लोग भी घायल हुए हैं. इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है. हिंदू पक्ष इस मस्जिद को लेकर दावा करता रहा है कि पुराने समय में ये हरिहर मंदिर था.

साल 1875 में भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इस मस्जिद को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया था. इस रिपोर्ट को अंग्रेजी पुरातत्वविद् एसीएल कार्लाइल ने तैयार किया था. इस रिपोर्ट को ‘Tours in the Central Doab and Gorakhpur 1874–1875 and 1875–1876’ शीर्षक के साथ प्रकाशित किया गया था. संभल की जामा मस्जिद का विस्तार से सर्वे करने के बाद इस रिपोर्ट को जारी किया गया था.

इंडिया टुडे ग्रुप के इनपुट्स के मुताबिक, ASI की रिपोर्ट में दावा किया गया कि मस्जिद के अंदर और बाहर के खंभे हिंदू मंदिरों से मिलते-जुलते हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि इन खंभों पर प्लास्टर लगाकर मंदिर वाली बात छिपाने की कोशिश की गई. कहा गया कि मस्जिद के एक खंभे से प्लास्टर हटने पर लाल रंग का पुराना खंभा दिखा. इसका डिजाइन हिंदू मंदिरों की संरचना जैसा था.

रिपोर्ट में कई ऐसे अवशेषों की बात की गई जो इस मस्जिद को हिंदू मंदिर से जोड़ते हैं. हालांकि, ये पूरा मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. हाल में हुए सर्वे के निष्कर्ष 29 नवंबर को अदालत में पेश होने हैं. 

ये भी पढ़ें: "संभल हिंसा सरकार की साजिश", विपक्षी नेताओं ने गंभीर आरोए लगाए हैं

1875 वाली रिपोर्ट में एक शिलालेख का उल्लेख किया गया. उस शिलालेख को ASI ने अपने दावों को लेकर एक प्रमुख आधार बनाया. कहा गया कि मस्जिद में मौजूद शिलालेख में इसका निर्माण 933 हिजरी बताया गया है. और ये भी लिखा गया है कि मीर हिंदू बेग ने इसका निर्माण पूरा किया था. मीर हिंदू बेग बाबर का दरबारी था. ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मीर ने एक हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदला था. उन्होंने कहा कि ये शिलालेख इस बात का प्रमाण है कि इस मस्जिद को किसी हिंदू धार्मिक स्थल को बदलकर बनाया गया है.

इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष ने ASI की इस रिपोर्ट को अपना आधार बनाया है. इसके अलावा उन्होंने ‘बाबरनामा’ का भी हवाला दिया है. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि भगवान विष्णु के मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद को बनाया गया है. 

Baburnama में क्या लिखा?

इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से हरिशंकर जैन ने याचिका दायर की है. उन्होंने इसमें बाबरनामा का जिक्र किया है. दावा किया गया है कि बाबरनामा में बाबर ने पेज नंबर 687 पर इस बारे में लिखा है. बाबरनामा को ब्रिटिश ओरिएंटलिस्ट एनेट बेवरिज ने अनुवाद किया था. इसमें दावा किया गया कि बाबर के आदेश पर मीर हिंदू बेग ने संभल के हिंदू मंदिर को जामा मस्जिद में बदला. ये दावा शिलालेख के दावे से मेल खाता है. 

Prithviraj Chauhan का भी जिक्र

ASI ने अपनी रिपोर्ट में हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान का भी जिक्र किया था. उन्होंने लिखा कि मस्जिद के गुंबद का जीर्णोद्धार पृथ्वीराज चौहान के समय में हुआ था. इस दौरान मस्जिद में हिंदू धर्म से प्रेरित वास्तुकला पाए गए थे. जिसे बाद में प्लास्टर से ढक दिया गया. 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: संभल जामा मस्जिद में हुई हिंसा का पहला पत्थर किसने मारा? 4 की मौत की जिम्मेदारी किसकी?

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