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राजस्थान में फर्जी डिग्री के सहारे फायरमैन बने 156 अभ्यर्थियों की नौकरी जाएगी

Rajasthan staff selection commision ने फायरमैन Exam में चुने गए 156 अभ्यर्थियों को अयोग्य करार दिया है. इस परीक्षा में 600 अभ्यर्थी पास हुए थे. जिनमें से 400 लोगों को नियुक्ति पत्र दे दी गई थी.

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Rajasthan fireman exam staff selection commision
राजस्थान सरकार ने 156 अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित किया है. ( इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
30 अक्तूबर 2024 (Updated: 30 अक्तूबर 2024, 13:56 IST)
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राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (Rajasthan fireman exam) ने फायरमैन परीक्षा में सिलेक्ट हुए 156 अभ्यर्थियों को अयोग्य घोषित किया है. इन अभ्यर्थियों की डिप्लोमा और डिग्री फर्जी पाई गई है. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने सरकार को सूचित किया है कि इनकी नौकरी तुरंत प्रभाव से रोक दी जाए. बोर्ड ने स्वायत्त शासन विभाग को लिखा कि नौकरी पाए सभी लोगों की डिग्री और डिप्लोमा की जांच की जाए. 

इंडिया टुडे से जुड़े शरत कुमार के इनपुट के मुताबिक, बोर्ड ने अयोग्य करार दिए गए 156 लोगों के रोल नंबर और नाम अपने वेबसाइट पर जारी कर दिए हैं. और इसकी जानकारी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को दे दी है ताकि मामले की जांच की जा सके. इस परीक्षा में 600 अभ्यर्थी पास हुए थे. जिनमें से 400 लोगों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया था.

राजस्थान कर्मचारी बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने कहा, 

फायरमैन भर्ती परीक्षा में फर्जी डिप्लोमा लगाने वाले अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की गई है. मैं युवाओं से अपील करूंगा कि वह  दलालों के चक्कर में फ़र्ज़ी डिग्री या डिप्लोमा ख़रीद कर नौकरी नहीं पाएं. क्योंकि यह न सिर्फ उनके वर्तमान को खराब कर रहा है, बल्कि उनके भविष्य की बर्बादी का भी कारण बन सकता है. फिलहाल मामले में जांच जारी है. और इसके बाद ही अभ्यर्थियों के भविष्य को लेकर फैसला किया जाएगा. वहीं खाली पदों पर भी प्रोविजनल उम्मीदवारों को मौका देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

आलोक राज ने आगे बताया कि पिछले काफी समय से युवा भर्ती परीक्षाओं में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर आवेदन कर रहे हैं. लेकिन वे जांच में पकड़े जाते हैं. और उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती है. क्योंकि बोर्ड पारदर्शी प्रक्रिया के तहत ही अभ्यर्थियों का सिलेक्शन कर रहा है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दलालों ने 15 से 20 हजार रुपये लेकर फायरमैन की परीक्षा में बैठने वाले युवाओं को डिप्लोमा और डिग्री उपलब्ध कराए थे. इस परीक्षा में फेल हो गए अभ्यर्थी फर्जी डिप्लोमा लगाकर नौकरी पाने वालों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. और इन अभ्यर्थियों ने खुद से सबूत जुटाकर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को दिए थे. 

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