राहुल गांधी ने PM मोदी के लिए क्या बीमारी बताई कि डॉक्टर्स भड़क गए?
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में कहा था कि नरेंद्र मोदी की याददाश्त कमजोर हो रही है, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की तरह. अब डॉक्टर्स के एक संगठन ने इस बयान को लेकर सोनिया गांधी को खत लिखा है. बताया है कि क्यों ये बयान गलत, अपमानजनक और असंवेदनशील है.
डॉक्टर्स का एक संगठन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से खफा है. उनके बढ़ती उम्र पर दिए एक बयान को लेकर. इस संगठन का कहना है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपने इस बयान के लिए माफी मांगें. राहुल गांधी ने शनिवार 16 नवंबर को महाराष्ट्र में कहा था, ‘नरेंद्र मोदी जी की याददाश्त कमजोर हो रही है, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की तरह. बाइडन भाषण देते वक्त भूल जाते थे. बोलना कुछ होता था और बोल कुछ और देते थे. फिर पीछे से उन्हें बताया जाता था कि ये नहीं बोलना है.’ अब इसी बयान को लेकर कुछ डॉक्टर्स नाराज हैं.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (एनएमओ-भारत) के अध्यक्ष सीबी त्रिपाठी ने ये पत्र लिखा है. उन्होंने राहुल गांधी की मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संबोधित करते हुए ये पत्र लिखा है. इसमें लिखा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की संज्ञानात्मक क्षमताओं (कॉगनेटिव एबिल्टीज) पर राहुल का बयान अपमानजनक और असंवेदनशील है.
सीबी त्रिपाठी का मानना है कि राहुल गांधी का सार्वजनिक मंच पर दिया ये बयान उम्र बढ़ने और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के बारे में हानिकारक रुढ़िवादिता को बढ़ावा दे सकता है. और गलत जानकारी को आगे बढ़ा सकता है. इससे ऐसी धारणाएं बन सकती हैं, जो वास्तविक रोगियों की समझ और उनके इलाज पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं.
'राहुल गांधी की टिप्पणी भारतीय मूल्यों के विपरीत'सीबी त्रिपाठी ने पत्र में आगे लिखा है कि ये बयान न केवल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए, बल्कि भारत में कई वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी अपमानजनक है, जो स्वास्थ्य चुनौतियों के बावजूद महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. पत्र के मुताबिक इस तरह की टिप्पणियां भारतीय मूल्यों के भी विपरीत हैं, जिनमें बुजुर्गों को सम्मान देने पर जोर दिया जाता है. त्रिपाठी के मुताबिक ऐसे में लोकसभा में विपक्ष के नेता द्वारा ऐसी टिप्पणियां करना अशोभनीय हैं और ये उनकी समझ और संवेदनशीलता में कमी को उजागर करती हैं.
सीबी त्रिपाठी ने पत्र में सोनिया गांधी के स्वास्थ्य को लेकर चलने वाली अफवाहों का भी जिक्र किया है. लिखा है,
‘आप व्यक्तिगत तौर पर इस तरह की स्वास्थ्य संबंधी अफवाहों, गलत सूचनाओं और आरोपों का शिकार रही हैं. ऐसे में आप तो जानती ही होंगी कि इस तरह की बातें न केवल लक्षित व्यक्तियों के लिए, बल्कि समाज में व्यापक विमर्श के लिए भी कितनी हानिकारक हो सकती हैं. हमें विश्वास है कि आप ये समझ सकती हैं कि आपके बेटे की टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण और गुमराह करने वाली क्यों हैं… मेडिकल सोसाइटी की ओर से, हम राहुल गांधी से अपनी इन टिप्पणियों पर विचार करने और सार्वजनिक माफी मांगने का आग्रह करते हैं…'
पत्र में राहुल गांधी को सुझाव देते हुए लिखा है कि ऐसी बातें समाज के लिए कितनी हानिकारक हो सकती हैं, ये बात कांग्रेस सांसद को समझनी चाहिए और उन्हें भविष्य में ऐसी असंवेदनशील टिप्पणियां करने से बचना चाहिए.
नोट:- नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन (एनएमओ-भारत) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ा एक संगठन है. इस संगठन को 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यक्रम में बनाया गया था.
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