The Lallantop
Advertisement

इस गांव तक TV पहुंचने में लग गए 65 साल, 11 दिसंबर को पहली बार पूरे गांव ने देखी फिल्म-न्यूज

Chhattisgarh Village got first TV: Sukma जिले के पुवारती गांव (Puvarti Village) को टीवी सेट के साथ सेट-टॉप बॉक्स भी दिया गया है. जिससे 100 के क़रीब चैनल इस पर देखे जा सकेंगे. यह टीवी सोलर एनर्जी से चलेगा. क्या हुआ जब पहली बार पूरे गांव ने साथ बैठकर TV देखा?

Advertisement
Chattisgarh, Sukma, Puvarti, Sukma: Television Debuts : A Milestone for Development and Hope in Naxal-Affected Region
टेलीविज़न के आने से गांव के बच्चे बेहद उत्साहित हैं. (फोटो-इंडिया टुडे)
pic
अभिनव कुमार झा
14 दिसंबर 2024 (Updated: 14 दिसंबर 2024, 22:49 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

तारीख़ थी 15 सितंबर 1959. जब पहली बार भारत की राजधानी दिल्ली में टेलीविज़न का प्रसारण हुआ था. और इसी टेलीविज़न को दिल्ली से छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले के पुवारती गांव (Puvarti Village) तक पहुंचने में 65 साल लग गए. जी हां, सही पढ़ा आपने. 11 दिसंबर 2024 को बस्तर इलाके के इस गांव में पहली बार टेलीविज़न चलाया गया. आज़ादी के 77 साल बाद पहली बार इस गांव के बच्चों ने टीवी पर ख़बरें देखी, सिनेमा देखा. पहली बार दूरदर्शन को नजदीक से देखा.

न्यूज़ एजेंसी ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुवारती गांव (Puvarti Village) छत्तीसगढ़ के दक्षिणी छोर पर स्थित सुकमा जिले में आता है. विकास से वंचित और नक्सली इलाकों में आने वाले इस गांव के लोगों के लिए यह टेलीविज़न नई उम्मीद लेकर आया है. एक सरकारी अधिकारी ने बताया “टीवी देखकर गांव वाले बेहद उत्साहित हो गए. लोग टीवी के आसपास जुट गए. और फिर घंटों सब ने टीवी पर अलग-अलग कार्यक्रम देखे. यहां के लोग ये सब देखकर बहुत खुश हैं.”

इस 32 इंच के टीवी सेट के साथ, सेट-टॉप बॉक्स भी दिया गया है. जिससे 100 के क़रीब चैनल इस पर देखे जा सकेंगे. यह टीवी सोलर एनर्जी से चलेगी. और टीवी के अलावा सोलर पॉवर से चलने वाले बल्ब और पंखे भी इस गांव के लोगों में बांटे गए हैं. छत्तीसगढ़ राज्य रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (CREDA) के द्वारा ये काम किया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी जयप्रकाश नायडू की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस साल की शुरुआत में भी सिलगेर और टेकलगुडेम गांव में सोलर पंखे, सोलर बल्ब और सोलर टीवी बांटे गए थे. नक्सल प्रभावित इलाकों के गढ़ में बिजली की कमी को ध्यान में रखते हुए सोलर से चलने वाले बिजली के उपकरण बांटे गए हैं.

छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा नियद नेल्लानार योजना चलाई जा रही है. जिसका मक़सद केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं को इन नक्सल प्रभावित इलाकों में पूरी तरह लागू करना है. इसी योजना के तहत ये उपकरण बांटे गए हैं.

यह भी पढ़ें -  Chat GPT पर सवाल, इस्तीफा, बंद कमरे में लाश.. भारतीय इंजीनियर की मौत से खड़े हुए बड़े सवाल!

सुकमा जिले के कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने बताया “हमारी कोशिश है कि गांव वालों की रोज़मर्रा की जरूरत भी पूरी हो. और उसके साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा और सस्टेनेबल एनर्जी को भी बढ़ावा मिले. सोलर पॉवर से चलने वाले उपकरणों से पारंपरिक बिजली पर निर्भरता में कमी आएगी.”

वीडियो: BPSC के एग्ज़ाम में पेपर लीक का आरोप, पटना डीएम ने छात्र को थप्पड़ क्यों जड़ा?

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement