पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात पर चीनी राजदूत ने बड़ी खबर दी है!
चीन के राजदूत ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को काफी अहम बताया है. उन्होंने कहा कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
चीन के राजदूत ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात को काफी अहम बताया है. उन्होंने कहा कि यह मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.भारत और चीन के बीच पिछले दिनों सीमा से सेनाओं की वापसी को लेकर हुई बातचीत अब जमीन पर दिखने लगी है.
राजदूत ने दोनों नेताओं की मुलाकात को बताया अहमरूस के कजान में आयोजित हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच मुलाकात हुई थी. पांच साल बाद दोनों नेताओं के बीच हुई पहली औपचारिक बातचीत पर दुनियाभर की निगाहें हैं. अब इसको लेकर चीन के भारत में राजदूत शू फेइहोंग का बयान सामने आया है. कोलकाता में मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक सेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुलाकात से भारत-चीन संबंधों को सुधारने पर आम सहमति बनी. इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को वापस पटरी पर लाने की रूपरेखा तय की गई.
शू फेइहोंग ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से 30 अक्टूबर को पोस्ट किया. उन्होंने लिखा,
“विकास के अवसरों को देखते हुए चीन-भारत के संबंध एक नए शुरुआती मोड़ पर खड़े हैं. चीन द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापार सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए भारत के साथ काम करने को तैयार है.”
चीन और भारत के बीच डायरेक्ट फ्लाइट साल 2020 से बंद है. इस बारे में उन्होंने कहा कि वे भी इसके फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. शू फेइहोंग ने कहा,
“बतौर राजदूत मुझे इसका इंतजार है. इससे समय की बचत होगी. मैं राजनीति के अलावा व्यापार में भी सहयोग की उम्मीद कर रहा हूं.”
उन्होंने कहा कि यह हर किसी के लिए सुविधाजनक होगा और सबका समय और पैसा बचेगा.
पूर्वी लद्दाख के इलाकों में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरीचीन के राजदूत का बयान ऐसे समय आया है जब लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध खत्म होने की कवायद चल रही है. भारत और चीन के बीच पिछले दिनों डिसइंगेजमेंट को लेकर हुई बातचीत अब जमीन पर दिखने लगी है. पूर्वी लद्दाख की सीमा डेमचौक और देप्सांग के पास से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को कहा था कि भारत और चीन जल्द ही लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त फिर से शुरू करेंगे, जो अप्रैल 2020 में सीमा गतिरोध शुरू होने से पहले की व्यवस्था को बहाल करेगा.
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