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महाराष्ट्र में 39 विधायक बने मंत्री, शिवसेना-NCP के मंत्रियों के बारे में एक-एक बात जान लीजिए

Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव रिजल्ट के 23वें दिन नागपुर में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. कुल 39 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है. इसमें 33 कैबिनेट मंत्री हैं और 6 राज्य मंत्री. 33 कैबिनेट मंत्रियों में से 16 भाजपा से, 9 शिवसेना (एकनाथ शिंदे) से और 8 NCP (अजीत पावर) से हैं.

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Maharashtra Cabinet Expansion
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान की तस्वीर. (क्रेडिट: ANI)
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रवि सुमन
15 दिसंबर 2024 (Updated: 15 दिसंबर 2024, 19:18 IST)
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महाराष्ट्र (Maharashtra Cabinet) की नवनिर्वाचित सरकार. मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे के रुठने-मानने का दौर चला. लेकिन अब किसी तरह मंत्रिमंडल का विस्तार हो ही गया है. और इस तरह 33 नेताओं ने महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ले ली है. जबकि 6 नेताओं ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है. 33 कैबिनेट मंत्रियों में से 16 भाजपा से, 9 शिवसेना (एकनाथ शिंदे) से और 8 NCP (अजीत पावर) से हैं. इस बार शिंदे गुट के 3 पूर्व मंत्रियों का पत्ता कट गया है. इनके नाम हैं- दीपक केसरकर, तानाजी सावंत और अब्दुल सत्तार. महाराष्ट्र कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 43 सदस्य हो सकते हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन बना है मंत्री?

Shiv Sena (Eknath Shinde) के मंत्री 
 मंत्रीसीट
1उदय सामंतरत्नागिरी
2शंभुराजे देसाईपाटन
3गुलाब रघुनाथ पाटीलजलगांव ग्रामीण
4दादाजी भुसेमालेगांव आउटर
5राठोड संजयदिग्रस
6संजय शिरसाटऔरंगाबाद (पश्चिम) (SC)
7भरतशेठ गोगावलेमहाड
8प्रकाश आबिटकरराधानगरी
9योगेश कदम (राज्यमंत्री)दापोली
10आशीष जायसवाल (राज्यमंत्री)रामटेक
11प्रताप सरनाईकओवाला-माजीवाड़ा

उदय सामंत, रत्नागिरी सीट से 2004 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. इससे पहले वो NCP (अविभाजित) में थे. 2014 के बाद से शिवसेना के टिकट पर चुनाव जीत रहे हैं. पिछली सरकार में वो उद्योग मंत्री थे. शंभुराजे देसाई को पाटन सीट पर 2004 में जीत मिली. इसके बाद उनको 2014, 2019 और 2024 में भी इस सीट पर जीत मिली. पिछली सरकार में उनके पास ‘राज्य उत्पाद शुल्क’ मंत्रालय था.

गुलाब रघुनाथ पाटिल, जलगांव ग्रामीण सीट से तीन बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. शिवसेना के टिकट पर उनको 2014, 2019 और 2024 में जीत मिली. पिछली सरकार में उन्हें वाटर सप्लाई और सैनिटेशन की जिम्मेदारी दी गई थी. दादाजी भुसे ने 2004 में मालेगांव आउटर सीट पर निर्दलीय जीत हासिल की थी. इसके बाद साल 2009 से लगातार शिवसेना की टिकट पर जीत रहे हैं. उनको 2009, 2014, 2019 और 2024 के चुनाव में जीत मिली. पिछली सरकार में उनके पास लोक निर्माण मंत्रालय था. 

दिग्रस सीट पर 2009 के बाद से लगातार जीत हासिल करने वाले राठोड संजय के पास इससे पहले मृदा एवं जल संरक्षण मंत्रालय था. संजय उससे पहले उद्धव ठाकरे की सरकार में मंत्री थे. लेकिन पूजा चव्हाण आत्महत्या मामले में नाम आने के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. एकनाथ शिंदे ने जब उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल किया तो कहा कि संजय को इस मामले में क्लीन चिट दे दी गई है. संजय बंजारा (ओबीसी) समाज से आते हैं और एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं. 

Sanjay Shirsat भी बने मंत्री

एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाने वाले संजय शिरसाट, 2009 से लगातार औरंगाबाद (पश्चिम) सीट से जीत रहे हैं. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से शिरसाट लगातार चर्चा में रहे. शिंदे खेमे से वो एकनाथ शिंदे को फिर से CM बनाने के लिए लगातार बैटिंग कर रहे थे. इससे पहले उन्होंने कहा था कि शिंदे ना तो उपमुख्यमंत्री बनेंगे और नाही केंद्रीय मंत्री.

भरतशेठ गोगावले को महाड सीट पर 2009 से लगातार जीत मिल रही है. भरत मराठा कुनबी समाज से आते हैं. प्रकाश आबिटकर, राधानगरी सीट से 2014, 2019 और 2024 में जीत चुके हैं. दापोली सीट से योगेश कदम की ये दूसरी जीत है. इससे पहले 2019 में भी उनको यहां से जीत मिली थी. आशीष जायसवाल को रामटेक सीट पर 2019 में निर्दलीय जीत मिली थी. इस बार उनको शिवसेना से जीत मिली है. परिसीमन के बाद 2009 में ओवाला-माजीवाड़ा सीट पर प्रताप सरनाईक को जीत मिली. इसके बाद उन्हें लगातार इस सीट पर जीत मिल रही है. मराठा समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं.

NCP (Ajit Pawar) के मंत्री
1आदिती तटकरेश्रीवर्धन
2बाबासाहेब पाटीलअहमदपुर
3दत्तात्रय भरणेइंदापुर
4हसन मुश्रीफकागल
5नरहरी झिरवाळडिंडोरी
6धनंजय मुंडेछत्रपति संभाजी
7माणिकराव कोकाटेसिन्नर
8मकरंद जाधव-पाटिलवाई
9इंद्रजीत नाइक (राज्यमंत्री)पुसद

पिछली सरकार में महिला बाल विकास मंत्री रहीं आदिती तटकरे को फिर से मंत्री पद मिला है. अदिति, दिग्गज नेता सुनील तटकरे की बेटी हैं. NCP के टिकट पर उनको 2019 में भी जीत मिली थी. इस बार भी उनको श्रीवर्धन सीट से जीत मिली है. बाबासाहेब पाटिल को 2009 में राष्ट्रीय समाज पक्ष पार्टी से अहमदपुर सीट पर जीत मिली थी. इसके बाद 2014 के चुनाव में वो हार गए. लेकिन 2019 और 2024 के चुनाव में उनको जीत मिली.

इंदापुर सीट से दत्तात्रय भरणे को 2014, 2019 और 2024 में जीत मिली. हसन मुश्रीफ, कागल सीट पर लगातार 6 बार जीत दर्ज करा चुके हैं. 1999 से उनको यहां लगातार जीत मिली है. महाराष्ट्र विधानसभा के डेप्युटी स्पीकर रह चुके नरहरी झिरवाळ, डिंडोरी सीट से चुनाव जीत कर आए हैं. 2014 से उनको इस सीट पर लगातार जीत मिल रही है. आदिवासी समुदाय से आते हैं.

धनंजय मुंडे, अजित पवार के करीबी माने जाते हैं, छत्रपति संभाजी नगर से विधायक चुने गए हैं. माणिकराव कोकाटे मराठा समुदाय के बड़े नेता हैं. वह नासिक की सिन्नर सीट से चौथी बार विधायक चुने गए हैं.

BJP के मंत्री

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है. वो नागपुर जिले के कामठी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. 

 मंत्रीसीट
1चंद्रशेखर बावनकुलेकामठी 
2चंद्रकांत पाटिलकोथरूड
3गिरीश महाजनजामनेर 
4गणेश नाईकनवी मुंबई
5मंगल प्रभात लोढ़ा मालाबर हिल
6जयकुमार रावलशिन्दखेड़ा
7पंकजा मुंडेविधान परिषद
8अतुल सावेऔरंगाबाद पूर्व
9अशोक उइकेरालेगांव 
10आशीष शेलारवांद्रे पश्चिम (BCCI के कोषाध्यक्ष)
11शिवेंद्र राजे भोसलेसतारा
12जयकुमार गोरेमान
13संजय सावकारेभुसावल
14नितेश राणेकंकावली
15राधाकृष्ण विखे-पाटीलशिरडी
16आकाश फुंडकरखामगाव
17माधुरी मिसाल (राज्यमंत्री)पार्वती
18पंकज भोयर (राज्यमंत्री)वर्धा
19मेघना बोर्डिकर (राज्यमंत्री)जिंतूर

23 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे. सीटों की संख्या का हिसाब-किताब कुछ ऐसा बैठा कि CM पद पर अटकलें लगनी शुरू हो गईं. BJP ने राज्य की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 132 पर अकेले जीत हासिल की है. शिंदे की पार्टी को 57 सीटों पर और अजित पवार की पार्टी को 41 सीटों पर जीत मिली. महायुति गठबंधन में जन सुराज्य शक्ति को 2, राष्ट्रीय युवा स्वाभिमान पार्टी को 1 और राजर्षि शाहू विकास अघाड़ी को 1 सीट पर जीत मिली. एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी की सीटों की संख्या भाजपा से कम आई. इसके बावजूद शिंदे गुट ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश की थी. मान-मनौवल के दौर के बाद, 5 दिसंबर को देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अजीत पवार और एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बने. इसके बाद भी शिंदे को मंत्रिमंडल को लेकर नाराज बताया जा रहा था.

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