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पति की मौत हुई तो गर्भवति पत्नी से अस्पताल में साफ करवाया बेड, VIDEO रुला देगा!

आरोप है कि नर्सिंग स्टाफ ने महिला को बेड साफ करने के लिए मजबूर किया. घटना का संज्ञान लेते सरकार ने अस्पताल के स्टाफ पर कार्रवाई की है.

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मध्यप्रदेश के डिंडोरी में एक महिला से अस्पताल का बिस्तर साफ कराने का मामले सामने आया है. (तस्वीर:सोशल मीडिया)
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शुभम सिंह
2 नवंबर 2024 (Updated: 2 नवंबर 2024, 18:39 IST)
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मध्यप्रदेश में एक गर्भवती महिला से कथित तौर पर अस्पताल का बिस्तर साफ कराने का मामले सामने आया है. महिला जिस बेड को साफ कर रही थी, उस बेड पर उसके पति ने दम तोड़ा था. आरोप है कि नर्सिंग स्टाफ ने महिला को बेड साफ करने के लिए मजबूर किया. घटना का संज्ञान लेते सरकार ने अस्पताल के स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ पर कार्रवाई की है.

पूरा मामला क्या है?

NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल डिंडोरी जिले के लालपुर गांव की है. जहां लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद को लेकर 31 अक्टूबर को धान कटाई कर रहे 65 साल के धर्म सिंह मरावी और उनके तीन बेटों शिवराज मरावी, रघुराज मरावी और रामराज मरावी पर कुछ लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया. इनमें से धर्मराज और रघुराज की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि शिवराज और रामराज को इलाज के लिए गाड़ासरई स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. अस्पताल में शिवराज की इलाज़ की दौरान मौत हो गई. जिसके बाद शिवराज की पांच महीने गर्भवती पत्नी रौशनी से कथित तौर पर अस्पताल का बिस्तर साफ कराया गया.

घटना के वीडियो को कांग्रेस नेता संजय राजपूत ने सोशल मीडिया पर शेयर कर सवाल उठाए हैं.

वीडियो में रौशनी एक हाथ में खून से सना कपड़ा लिए हुए है और दूसरे हाथ से टिशू से बिस्तर साफ कर रही है. वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर इसे संवेदनहीनता का उदाहरण बताया. मोहम्मद अबसार नाम के एक यूजर ने कॉमेंट किया,

वायरल वीडियो पर कॉमेंट करने वाले यूजर का स्क्रीनशॉट
वायरल वीडियो पर कॉमेंट करने वाले यूजर का स्क्रीनशॉट.

“यह घटना वाकई में चिंताजनक और संवेदनहीनता का उदाहरण है. एक गर्भवती महिला, जो अपनी मुश्किल स्थिति से गुजर रही है, उसे अस्पताल में ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. यह बताता है कि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था में कितनी कमी है.”

स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों पर गिरी गाज

इस ममले में कार्रवाई करते हुए गाड़ासरई स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह को अगले आदेश तक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र करंजिया में अटैच किया गया है. इसके अलावा नर्सिंग ऑफिसर राजकुमारी मरकाम और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की आया छोटी बाई ठाकुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. चीफ मेडिकल हेल्थ ऑफिसर (CMHO) डॉ रमेश मरावी ने इस घटना को आपत्तिजनक बताया है. यह घटना दोबारा न हो इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देश जारी किया गया है. 

इससे पहले मीडिया रपटों में गाड़ासरई स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर डॉ. चंद्रशेखर टेकाम का बयान छपा था. उन्होंने कहा कि स्टाफ मौके पर मौजूद था और महिला को बिस्तर साफ करने के लिए नहीं कहा गया था. डॉ चंद्रशेखर ने कहा,

“भूमि विवाद के मामले में 31 अक्टूबर को चार लोगों को गोली मार दी गई. उनमें से दो लोगों को हमारे स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया. मृतक व्यक्ति की पत्नी ने हमसे कहा कि उसे बिस्तर से खून को कपड़े से पोंछने दिया जाए ताकि वह इसे सबूत के रूप में इस्तेमाल कर सके. मुझे महिला या उसके परिवार से कोई शिकायत नहीं मिली है.”

विपक्ष ने लगाया आरोप, डिप्टी सीएम ने कहा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

मध्यप्रदेश कांग्रेस ने डिंडोरी में हुई घटना को लेकर राज्य सरकार को जमकर कोसा. मध्यप्रदेश विधनासभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,

"मध्यप्रदेश में हर स्तर पर अमानवीयता चरम पर है! आदिवासी जिले डिंडोरी में घायल पति की मौत के बाद अस्पताल में गर्भवती पत्नी से बिस्तर पर लगा खून साफ करवाया गया!इस अमानवीय घटना पर अस्पताल प्रबंधन पर कठोरतम कार्यवाही की जाए. ये पहली बार नहीं है, जब आदिवासी इलाके में ऐसी घटना हुई. हर सरकारी दफ्तर और अस्पताल में आदिवासियों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है, जो असहनीय है. कांग्रेस की मांग है कि अस्पताल के जिम्म्मेदार स्टाफ को इसकी सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई ऐसा करने की हिम्मत न करे."

वहीं, डिप्टी सीएम स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने घटना की निंदा की है. आजतक से बातचीत में राजेंद्र शुक्ल ने कहा, 

“यह घटना निंदनीय है. इसकी गंभीरता से जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी. नर्सिंग स्टाफ को निलंबित करने के साथ ही सख्त कदम उठाए जाएंगे जिससे प्रदेश में दोबारा ऐसी घटना न हो.”

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, लाठियों और धारदार औजारों से लैस 20 से 25 हमलावरों की एक भीड़ ने मरावी परिवार पर हमला किया. पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये सभी पीड़ितों के रिश्तेदार हैं जबकि तीन अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं. आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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