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डॉक्टर ने क्लिनिक में लगाया तिरंगा, लिखा- 'बांग्लादेशी मरीज झंडे को सलाम करें, तभी होगा इलाज'

Kolkata News: कोलकाता के कई डॉक्टर्स ने इलाज ना करने की वजह बांग्लादेश में 'भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जाना' बताया है. क्या है पूरा मामला? और क्या कह रहे हैं ये डॉक्टर्स?

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Kolkata Many doctors have announced not to treat any Bangladeshi patient
डॉक्टर्स ने किसी भी बांग्लादेशी मरीज का इलाज नहीं करने की घोषणा की है. (तस्वीर-आजतक)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
1 दिसंबर 2024 (Updated: 1 दिसंबर 2024, 21:17 IST)
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कोलकाता (Kolkata) के कई डॉक्टर्स (Doctors) ने किसी भी बांग्लादेशी मरीज (Bangladesh Patients) का इलाज नहीं करने की घोषणा की है. डॉक्टर्स की ओर से इसकी वजह पड़ोसी देश में 'भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया जाना' बताया गया है. इन डॉक्टर्स का कहना है कि देश सबसे ऊपर है, सभी अपने देश से प्यार करते हैं. और देश का अपमान करने वाले लोगों की सेवा वो नहीं कर सकते.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता के कई डॉक्टर्स ने ऐसा फैसला किया है. सिलीगुड़ी में डॉक्टर शेखर बंदोपाध्याय ने अपने प्राइवेट क्लिनिक में तिरंगा लगाया है. झंडे के साथ एक मैसेज लिखा है- ‘भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी मां की तरह है. कृपया चैंबर में एंट्री करने से पहले तिरंगे को सलाम करें.’ मैसेज में आगे लिखा कि खासकर बांग्लादेशी मरीज, अगर वे सलाम नहीं करते हैं, तो उन्हें अंदर आने नहीं दिया जाएगा.

मैसेज
डॉक्टर ने हॉस्पिटल में तिरंगे के साथ एक मैसेज लिखा है. 

डॉक्टर शेखर बंदोपाध्याय उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ENT विभाग में विशेष चिकित्सा अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा,

“मुझे यह देखकर दुख हुआ कि बांग्लादेश में हमारे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हो रहा है. एक डॉक्टर के तौर पर मैं मरीजों को मना नहीं करना चाहता. लेकिन जो लोग मेरे देश में आते हैं, उन्हें हमारे झंडे, हमारी मातृभूमि का सम्मान करना चाहिए. ऐसा लगता है कि बांग्लादेश तालिबानी मानसिकता में चला गया है.”

वहीं चाइल्ड स्पेशलिस्ट चंद्रनाथ अधिकारी ने भी किसी बांग्लादेशी मरीज का इलाज न करने की बात कही है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा,

“मैं बोलपुर के एक सरकारी अस्पताल से जुड़ा हुआ हूं. वहां मैं किसी भी मरीज को मना नहीं कर सकता. लेकिन मुझे अपने क्लिनिक में ऐसा करने की आजादी है. मैंने फैसला किया है कि मैं बांग्लादेश के मरीजों को नहीं देखूंगा. मेरा देश पहले आता है. बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है.”

बीते शुक्रवार, 29 नवंबर को जेएन रे हॉस्पिटल के डायरेक्टर सुभ्रांशु भक्त ने कहा,

"हमने एक अधिसूचना जारी की है कि अब से अनिश्चित काल तक हम किसी भी बांग्लादेशी मरीज को इलाज के लिए भर्ती नहीं करेंगे. ये मुख्य रूप से भारत का अपमान किए जाने की वजह से है. देश सबसे ऊपर है. देश से ऊपर कुछ नहीं हो सकता. मेडिकल सर्विस एक महान पेशा है, लेकिन देश की गरिमा सर्वोपरि है."

इससे पहले, गाइनकॉलजिस्ट इंद्रनील साहा ने सोशल मीडिया पर कहा था कि उन्होंने बांग्लादेशी मरीजों को देखना बंद कर दिया है. गुरुवार, 28 नवंबर को इंद्रनील साहा ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,

"BUET (Bangladesh University of Engineering and Technology) के एंट्रेंस गेट पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज! मैं फिलहाल चैंबर में बांग्लादेशी मरीजों को देखना बंद कर रहा हूं. पहले देश, फिर कमाई. मुझे उम्मीद है कि (बांग्लादेश के साथ) रिश्ते सामान्य होने तक दूसरे डॉक्टर भी ऐसा ही करेंगे."

शेयर की गई तस्वीर में यूनिवर्सिटी के एंट्रेस गेट पर भारत के झंडे जैसी आकृति जमीन पर नज़र आ रही है, जिस पर स्टूडेंट्स चलते दिख रहे हैं. इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कई यूजर्स ने आपत्ति जताई है. हालांकि, अब तक इस तस्वीर की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है.

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